लॉकडाउन से कैसे मिलेगी मुक्ति, ICMR ने बताए 3 तरीके h3>
हाइलाइट्स:
- लॉकडाउन खोलने के लिए उस जिले में 5 पर्सेंट से कम पॉजिटिविटी रेट होना चाहिए
- वल्नरेबल ग्रुप का वैक्सीनेशन रेट 70 पर्सेंट से ज्यादा होना चाहिए
नई दिल्ली
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के साथ कई राज्यों में लॉकडाउन में धीरे-धीरे कुछ छूट दी जाने लगी है। इस बीच आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि लॉकडाउन का असर हुआ है, लेकिन यह लंबे वक्त का उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि कैसे लॉकडाउन धीरे-धीरे खत्म करें, उसका सल्यूशन ढूंढना होगा। इसके लिए उन्होंने तीन अहम बातों का जिक्र किया।
भार्गव ने कहा कि जहां धीरे-धीरे लॉकडाउन खोला जाए, उस जिले में पिछले सात दिनों में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम होना चाहिए। साथ ही 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और 45 साल से ज्यादा उम्र के उन लोगों में से जिन्हें कोई दूसरी गंभीर बीमारी है, 70 पर्सेंट से अधिक लोगों को वैक्सीन लगी होनी चाहिए। इसके अलावा कम्युनिटी को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में दिसंबर तक वैक्सीनेशन हो जाने की उम्मीद है।
दिसंबर तक सबको वैक्सीन
उन्होंने लोगों से धीरज रखने को भी कहा, खासकर वैक्सीनेशन के संदर्भ में। डॉ. भार्गव ने कहा कि भारत दुनिया के उन पांच देशों में से एक है जो वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। अमेरिका में वैक्सीन की जितनी डोज दी गईं इतनी हमारे देश में भी दी गईं। लेकिन, हमारी आबादी अमेरिका से चार गुना है। उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त तक हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन होगी। हमारा मकसद दिसंबर तक सबको वैक्सीन देने का है और वह हम देंगे।
इतने लोगों को मिली वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अब तक कोविड-19 वैक्सीन की 21.58 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। उसके अनुसार, सोमवार को 18-44 साल आयु वर्ग के 12,23,596 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। जबकि 13,402 को दूसरी डोज दी गई। देश में वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 2,02,10,889 लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज मिली है। वहीं, 23,491 लोगों ने दूसरी डोज भी लग चुकी है।
हाइलाइट्स:
- लॉकडाउन खोलने के लिए उस जिले में 5 पर्सेंट से कम पॉजिटिविटी रेट होना चाहिए
- वल्नरेबल ग्रुप का वैक्सीनेशन रेट 70 पर्सेंट से ज्यादा होना चाहिए
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के साथ कई राज्यों में लॉकडाउन में धीरे-धीरे कुछ छूट दी जाने लगी है। इस बीच आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि लॉकडाउन का असर हुआ है, लेकिन यह लंबे वक्त का उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि कैसे लॉकडाउन धीरे-धीरे खत्म करें, उसका सल्यूशन ढूंढना होगा। इसके लिए उन्होंने तीन अहम बातों का जिक्र किया।
भार्गव ने कहा कि जहां धीरे-धीरे लॉकडाउन खोला जाए, उस जिले में पिछले सात दिनों में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम होना चाहिए। साथ ही 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और 45 साल से ज्यादा उम्र के उन लोगों में से जिन्हें कोई दूसरी गंभीर बीमारी है, 70 पर्सेंट से अधिक लोगों को वैक्सीन लगी होनी चाहिए। इसके अलावा कम्युनिटी को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में दिसंबर तक वैक्सीनेशन हो जाने की उम्मीद है।
दिसंबर तक सबको वैक्सीन
उन्होंने लोगों से धीरज रखने को भी कहा, खासकर वैक्सीनेशन के संदर्भ में। डॉ. भार्गव ने कहा कि भारत दुनिया के उन पांच देशों में से एक है जो वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। अमेरिका में वैक्सीन की जितनी डोज दी गईं इतनी हमारे देश में भी दी गईं। लेकिन, हमारी आबादी अमेरिका से चार गुना है। उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त तक हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन होगी। हमारा मकसद दिसंबर तक सबको वैक्सीन देने का है और वह हम देंगे।
इतने लोगों को मिली वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अब तक कोविड-19 वैक्सीन की 21.58 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। उसके अनुसार, सोमवार को 18-44 साल आयु वर्ग के 12,23,596 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। जबकि 13,402 को दूसरी डोज दी गई। देश में वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 2,02,10,889 लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज मिली है। वहीं, 23,491 लोगों ने दूसरी डोज भी लग चुकी है।