लेक्चरर पत्नी समेत अजमेर डिस्कॉम का असिस्टेंट इंजीनियर गिरफ्तार: चित्तौड़गढ़ में ACB की कार्रवाई, आय से 43% अधिक मिली थी संपत्ति – Chittorgarh News h3>
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) चित्तौड़गढ़ में बड़ी कार्रवाई की है। आय से करीब 43 प्रतिशत अधिक संपत्ति मिलने के मामले में असिस्टेंट इंजीनियर (एईएन) महिपाल जाटव और उनकी लेक्चरर पत्नी सीमा यादव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों को न
.
एसीबी के अनुसार, एएसपी विक्रम सिंह ने एक मामले में जांच की। जिसमें सामने आया कि महिपाल जाटव तत्कालीन जूनियर इंजीनियर, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL), सावा- शम्भूपुरा, चित्तौड़गढ़ और उनकी पत्नी सीमा यादव, लेक्चरर, राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, बानसेन, तहसील भदेसर ने चैक पीरियड 1 नवंबर 2016 से 26 जून 2019 तक अपनी आय से 43 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की।
रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था मामले की शुरुआत 20 जून 2019 को परिवादियों द्वारा एसीबी कार्यालय चित्तौड़गढ़ में दी गई एक लिखित शिकायत से हुई थी। शिकायत के आधार पर एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 26 जून 2019 को आरोपी महिपाल जाटव को एक परिवादी से 30 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रिश्वत एक कृषि बिजली कनेक्शन में नाम परिवर्तन करवाने के लिए मांगी गई थी।
घर और लॉकर की ली तलाशी एसीबी ने आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था। ट्रैप कार्रवाई के बाद महिपाल जाटव के चित्तौड़गढ़ स्थित आवास (डी-23, दिवाकर नगर) की तलाशी ली गई, जिसमें बड़ी मात्रा में डॉक्यूमेंट्स और संपत्ति से जुड़े साक्ष्य प्राप्त हुए। इसके अलावा 6 नवम्बर 2019 को आरोपी और उसकी पत्नी के नाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मीरा मार्केट, चित्तौड़गढ़ स्थित लॉकर की तलाशी भी की गई।
43 प्रतिशत अधिक संपत्तियां मिली जांच में सामने आया कि संपत्ति आरोपियों ने अपनी ज्ञात आय के मुकाबले लगभग 43 प्रतिशत अधिक संपत्तियां अर्जित की थीं। इनमें नगद, जेवरात, चल-अचल संपत्तियां, निवेश और बैंक खातों में जमा राशि शामिल है। इन परिसंपत्तियों का कोई वैध स्रोत नहीं बताया जा सका, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि लोकसेवक के पद का दुरुपयोग कर अनियमित तरीकों से धन अर्जित किया गया। हालांकि संपत्ति कितनी है, फिलहाल इसके बारे में खुलासा नहीं किया गया है।
महिपाल जाटव और उनकी पत्नी सीमा यादव के खिलाफ एसीबी ने आरोप पत्र तैयार किया। अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने यह जांच पूरी कर कोर्ट में प्रस्तुत की।