लुधियाना में मेयर कुर्सी पर संकट संभव: उपचुनाव के लिए गोगी परिवार को जिम्मेदारी की मांग, 10 पार्षद इसके समर्थन में – Ludhiana News

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लुधियाना में मेयर कुर्सी पर संकट संभव:  उपचुनाव के लिए गोगी परिवार को जिम्मेदारी की मांग, 10 पार्षद इसके समर्थन में – Ludhiana News

लुधियाना में मेयर कुर्सी पर संकट संभव: उपचुनाव के लिए गोगी परिवार को जिम्मेदारी की मांग, 10 पार्षद इसके समर्थन में – Ludhiana News

लुधियाना में 3 दिन पहले विधायक स्व. गुरप्रीत गोगी के घर पत्रकारों से बातचीत करते हुए MLA अशोक पराशर पप्पी और गोगी का परिवार।

पंजाब के लुधियाना में आम आदमी पार्टी ने 20 फरवरी को प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर को मेयर तो बना दिया लेकिन अब उनकी खतरे में पड़ सकती है। इसकी वजह लुधियाना वेस्ट से पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी का ग्रुप बन रहा है। गोगी का 17 दिन पहले घर में गोली लगने से नि

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पार्टी सूत्रों के मुताबिक गोगी के निधन के बावजूद उनके परिवार को AAP ने अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी है। उनकी पत्नी डॉ. सुखचैन कौर पति की तरह लोगों से मिल रहीं हैं लेकिन उन्हें पति की जगह लुधियाना वेस्ट सीट का चार्ज नहीं दिया गया है।

ऐसे में गोगी ग्रुप को संदेह है कि कहीं उनके ऊपर कोई बाहरी नेता न थोप दिया जाए क्योंकि इस सीट को खाली घोषित किया जा चुका है। ऐसे में उनका ग्रुप चाहता है कि पार्टी गोगी की पत्नी को ही आगे बढ़ाए। मेयर चुनाव के वक्त भी उनके ग्रुप से डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर तक नहीं चुना गया।

मेयर कुर्सी की दावेदार रहीं और एक सीनियर महिला पार्षद ने स्पष्ट रूप से गोगी के परिवार से मीडिया के समक्ष कहा है कि यदि किसी बाहरी व्यक्ति को पार्टी ने उन पर लाकर थोपा तो वह सहन नहीं करेंगे। ऐसे में अगर गोगी गुट के 10 पार्षद इधर से उधर हो गए तो AAP के लिए मेयर कुर्सी का संकट खड़ा हो सकता है।

लुधियाना की एक सप्ताह पहले बनी मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर।

विधायक पप्पी ने दिया था दिल्ली चुनाव में हाईकमान व्यस्त का हवाला फिलहाल अभी गोगी के परिवार ने पार्टी हाईकमान से इस संबंधी कोई बातचीत नहीं की है। इस मामले में 3 दिन पहले विधायक अशोक पराशर पप्पी से पत्रकारों ने भी सवाल पूछा था कि गोगी के परिवार को अभी तक पार्टी हाईकमान ने कोई बड़ी जिम्मेवारी क्यों नहीं दी।

जिस पर विधायक पप्पी ने दिल्ली चुनाव का हवाला देते हुए पार्टी हाईकमान के व्यस्त होने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि हल्के की सभी बड़ी जिम्मेवारियां गोगी परिवार के पास ही है। दिल्ली चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान परिवार से जरूर मिलेगी। आम आदमी पार्टी परिवार को बनता पूरा मान सम्मान देगी।

18 महीने के इंतजार के बाद चुनी गई है मेयर करीब 18 महीने के इंतजार के बाद 21 दिसंबर को निगम चुनाव हुए। उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए गए। 95 वार्डों में हुए चुनाव में 41 आप उम्मीदवार जीते थे, जबकि 30 कांग्रेस, 18 भाजपा, 2 शिअद और 3 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। जोड़-तोड़ के बाद अब आम आदमी पार्टी ने 48 पार्षदों के साथ निगम में अपना मेयर बनाया है। अब कांग्रेस के पास 26 और भाजपा के पास 18 पार्षद है।

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