लुधियाना में गोगी की पत्नी राजनीति में एक्टिव: उपचुनाव की तैयारी में जुटीं, 15 दिन पहले MLA पति का निधन; कांग्रेस में गुटबाजी हावी – Ludhiana News

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लुधियाना में गोगी की पत्नी राजनीति में एक्टिव:  उपचुनाव की तैयारी में जुटीं, 15 दिन पहले MLA पति का निधन; कांग्रेस में गुटबाजी हावी – Ludhiana News

लुधियाना में गोगी की पत्नी राजनीति में एक्टिव: उपचुनाव की तैयारी में जुटीं, 15 दिन पहले MLA पति का निधन; कांग्रेस में गुटबाजी हावी – Ludhiana News

लुधियाना में पूर्व विधायक स्व. गुरप्रीत की पत्नी डा. सुखचैन कौर बस्सी लोगों से मिलती हुई।

पंजाब के लुधियाना में 10 जनवरी को रात 11.15 बजे वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की पिस्तौल साफ करते समय गोली लगने से मौत हो गई। चुनाव आयोग ने इस विधानसभा सीट को भी रिक्त घोषित कर दिया।

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अब सरकार को 6 महीने के अंदर इस सीट पर उपचुनाव कराना है।

गोगी का परिवार हलके में हुआ सक्रिय

गोगी की हलके में अच्छी पकड़ थी जिसके चलते अब गोगी का परिवार हलके के लोगों की सेवा में फिर से सक्रिय हो गया है। गोगी के फेसबुक पेज पर उनकी पत्नी डॉ. सुखचैन कौर बस्सी की लोगों से मिलते हुए तस्वीरें पोस्ट की गई हैं। पोस्ट में साफ तौर पर लिखा है – घर पर लोगों से मिलना और महत्वपूर्ण मुद्दों और समस्याओं को सुनना।

गोगी के फेसबुक पर इस पोस्ट के बाद इस सीट पर फिर से राजनीतिक माहौल बन गया है। आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार पता चला है कि प्रदेश हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद ही गोगी का परिवार एक बार फिर लोगों के बीच सक्रिय हो गया है। गोगी की पत्नी डॉ. सुखचैन कौर बस्सी पहले भी अपने वार्ड की पार्षद रह चुकी हैं लेकिन इस बार वह चुनाव हार गई थीं। हलके से गोगी के परिवार को सहानुभूति वोट जरूर मिल सकते हैं।

पूर्व विधायक स्व. गुरप्रीत गोगी के साथ उनका चुनाव प्रचार करने चुनाव मैदान में उतरती रही है उनकी पत्नी डा. सुखचैन कौर बस्सी। (फाइल फोटो)

गोगी के कद का नेता ढूंढ पाना पार्टी के लिए मुश्किल

इस विधानसभा क्षेत्र में गोगी के कद का नेता ढूंढ पाना आप हाईकमान के लिए मुश्किल है। गोगी इस विधानसभा क्षेत्र से तीन बार पार्षद रह चुके हैं। वे वर्ष 2002 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर पार्षद चुने गए थे।

वर्ष 2007 में उनकी पत्नी सुखचैन कौर पार्षद बनीं। इसके बाद वर्ष 2012 से 2023 तक गोगी पार्षद रहे, लेकिन वर्ष 2022 में गोगी कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो गए। वे हलका पश्चिम से टिकट लेकर पहली बार विधायक बने। गोगी ने हलका पश्चिम से भारत भूषण आशु को हराया।

शहर की राजनीति का केंद्र है वेस्ट हलका

लुधियाना शहर के विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो यहां 7 शहरी क्षेत्र हैं। लेकिन वेस्ट हलका राजनीति का केंद्र माना जाता है। कॉरपोरेट जगत से लेकर हर बड़ा अधिकारी, ज्यादातर इसी हलके में रहता है। शहर के बड़े क्लब और धार्मिक संस्थान सबसे ज्यादा इसी हलके में हैं।

यह शहर का पॉश इलाका है। गोगी ने अपने बलबूते इस हलके से 10 पार्षद चुने हैं। इस कारण गोगी का परिवार कहीं न कहीं उनके द्वारा चुने गए पार्षदों को बेसहारा नहीं छोड़ना चाहता।

पूर्व कैबिनेट मंत्री आशु का करियर भी दांव पर, गुटबाजी हावी रहेगी

कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु गोगी से पहले हलका पश्चिमी से विधायक थे। गोगी के निधन के बाद कांग्रेस फिर आशु पर भरोसा जताते हुए उन्हें उपचुनाव में उतार सकती है। उपचुनाव में इस बार आशु का करियर भी दांव पर रहेगा, क्योंकि आशु की पत्नी ममता आशु निगम चुनाव हार गई हैं।

शहर में चर्चा है कि कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है। आशु के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से वैचारिक मतभेद हैं, जिसके चलते दोनों नेताओं का एक मंच पर आना मुश्किल है। वडिंग से मतभेद की वजह यह है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भारत भूषण आशु को टिकट दे रही थी।

आशु का नाम प्रबल दावेदारों की सूची में सबसे ऊपर था, लेकिन प्रदेश प्रधान होने के नाते अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को लुधियाना से टिकट मिल गया। जिसके बाद आशु गुट के नेता वड़िंग के समर्थन में खुलकर प्रचार तो नहीं कर रहे, लेकिन जमीनी स्तर पर उतर आए। इसके चलते राजा वड़िंग शहरी इलाकों में पिछड़ गए और ग्रामीण वोट बैंक ने ही उन्हें जीत दिलाई। इन मुख्य कारणों से आशु के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं होगा।

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