लुधियाना पहुंचे सीएम भगवंत मान: पीएयू में किसानों से की मुलाकात, बोले- इस बार गेहूं की बहुत डिमांड, केंद्र सरकार करती है ड्रामेबाजी – Ludhiana News

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लुधियाना पहुंचे सीएम भगवंत मान:  पीएयू में किसानों से की मुलाकात, बोले- इस बार गेहूं की बहुत डिमांड, केंद्र सरकार करती है ड्रामेबाजी – Ludhiana News

लुधियाना पहुंचे सीएम भगवंत मान: पीएयू में किसानों से की मुलाकात, बोले- इस बार गेहूं की बहुत डिमांड, केंद्र सरकार करती है ड्रामेबाजी – Ludhiana News

लुधियाना में सीएम भगवंत सिंह मान किसानों को संबोधित करते हुए।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान आज (शनिवार) पीएयू में आयोजित किसान मिलनी कार्यक्रम में पहुंचे। सीएम ने कार्यक्रम में पहुंचे किसानों से वार्ता की। सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि गेहूं रखने की कोई दिक्कत नहीं है। किसानों को आधा गेहूं तो घर पर ही रखन

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मान ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार से साफ तौर पर कह दिया था कि हम गेहूं इस बार नहीं देंगे, क्योंकि गेहूं लेते समय केंद्र सरकार काफी ड्रामेबाजी करती है। लेकिन अब केंद्र हर तरह के गेहूं लेने के लिए तैयार है। पंजाब देशभर में सबसे अधिक 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं पैदा करके देश का पेट भरता है। मान ने कहा कि स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि गाड़ी खड़ी होते ही हमारा गेहूं तुल जाना चाहिए।

वैज्ञानिकों को समय से मिल रहा वेतन

पहली सरकारों के समय में कृषि विज्ञान की यूनिवर्सिटी ही उनके लिए बोझ बन गई थी। वैज्ञानिकों को वेतन तक नहीं दिया जाता था, लेकिन अब सभी को वेतन भी मिल रहा है और विज्ञान की दुनिया में प्रोफेसर और वैज्ञानिक खोज भी कर रहे है। कृषि जब तक संगठनात्मक तौर पर मजबूत नहीं होती, तब तक कैसे बेहतर काम हो सकते हैं। सरकार ने सबसे पहले खजाने का मुंह ही कृषि की तरफ खोला है।

मान ने कहा कि आज मुझे कुछ आंकड़ों के साथ बातचीत करुंगा। धरती के नीचे 153 ब्लाक पानी के है। 117 ब्लाक इस समय खतरे में है। इसका कारण धान है। धान पंजाबियों की खुराक नहीं है। बाकी राज्यों को धान देने के चक्कर में पंजाब का पानी समाप्त हो रहा है। मान ने कहा कि जब मैंने 16 मार्च को शपथ ली थी तो सबसे पहले नहरी विभाग को मीटिंग के लिए बुलाया था। पहले 21 प्रतिशत पानी नहरों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब ट्यूबवेल का लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।

पीएयू में किसान मिलनी दौरान उपस्थित किसान।

पंजाब में धान का रकबा बढ़ा

मैंने अधिकारियों से बातचीत करके 20 से 40 साल पुरानी नहरों को शुरू किया। मान ने कहा कि कई गांव ऐसे है जहां से नहर गुजरती है, लेकिन उस गांव में पानी ही नहीं दिया जा रहा था। उसे भी सिस्टम में लाया गया। 1 किलो चावल पैदा करने के लिए 4 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल किया जाता है। ये पानी 70 दिन में 9 सागर झीलों जितना पानी हम निकाल रहे हैं। 25 साल में धान का रकबा 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर में बदल चुका है। धान की अच्छी एमएसपी मिलती है इसमें कोई दो राय नहीं है। जब तक हमें धान के बराबर लाभ देने वाली फसल नहीं मिलती, उतना समय धान को बिजने से हम रुक नहीं सकते। मान ने कहा कि ये खुशी की बात है कि बहुत से ऐसे ब्लाक है जहां पर 1-1 मीटर तक पानी ऊपर आ गया है।

मान ने कहा कि पूसा 44152 से 153 दिन लेती है। 1 एकड़ में पूसा के लिए 64 लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। बिजली का खर्च 7500 रुपए एकड़ पड़ती है। बेशक बिजली फ्री है, लेकिन सरकार को वह खर्च पड़ता है। 19 हजार रुपए 1 एकड़ की काश्त का खर्च पड़ती है। पराली 10 प्रतिशत बाकियों से अधिक है। यदि बासमती की बात करें तो पिछली बार 5 लाख 96 हजार हेक्टेयर था। इस बार बढ़कर 680 लाख हेक्टेयर हो गया है। पंजाब की बासमती दुनिया की सबसे बढ़िया बासमती मानी गई है। पिछली बार केवल पंजाब की बासमती के लिए 5837 मिलियन अमेरिकी डालर मिले थे।

बासमती पर एमएसपी नहीं

सीएम मान ने कहा कि, बासमती पर एमएसपी नहीं है, लेकिन उसमें फायदा है कि बासमती 4 हजार या 4500 तक भी बिक जाती है। तभी हमने फैसला किया है कि यदि एमएसपी तय दी तो उसके उतने दाम नहीं मिल पाएंगे, इसीलिए इसे खुला रखा है। अब बासमती पर कैप लगा दिया जाएगा, एक निर्धारिक राशि रख दी जाएगी। जिससे काम बासमती की खरीद नहीं होगी अन्यथा उसकी सरकार खरीद करेगी। बासमती की पूरे देश में जरूरत है।

धान लगाने की तारीखों की घोषणा की

मान ने कहा कि 1 जून से फरीदकोट, मुक्तसर फाजिल्का, बठिंडा, फिरोजपुर में धान लगाना किसान शुरू कर दें, क्योंकि वहां पानी का लेवल भी थोड़ा ऊपर है। इन जगहों पर 8 घंटे लगातार बिजली मिलेगी। नहरी पानी भी यहां पर दिया जाएगा। दूसरे जोन में गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर , तरनतारण, रूप नगर, एसएसएस नगर, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में 5 जून से धान लगानी शुरू होगी। फसल पकने तक बिजली मुहैया करवाई जाएगी। आखरी जोन लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पटियाला,संगरुर, बरनाला, जालंधर,नवांशहर कपूरथला 9 जून को धान लगाएंगे। इस से यह फायदा होगा कि एकदम से बिजली सभी जगह नहीं देनी पड़ेगी। इससे ट्रांसफार्मरों पर लोड कम पड़ेगा।

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