लाशों पर क्लेम के नोटों का सौदा… | Deal of claim notes on dead bodies… | News 4 Social

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लाशों पर क्लेम के नोटों का सौदा… | Deal of claim notes on dead bodies… | News 4 Social

लाशों पर क्लेम के नोटों का सौदा… | Deal of claim notes on dead bodies… | News 4 Social

कहीं मुर्दे को जिंदा किया जा रहा है। तो कहीं, मौत के बाद फिर मौत का खेल खेला जा रहा है। यह सब हो रहा है करोड़ों की बीमा राशि हड़पने के लिए। उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश के बाद लाशों पर नोटों का सौदा करने वाले गिरोह ने प्रदेश में भी पांव पसार लिए हैं। गिरोह ने 21 मृत लोगों को जिंदा बताकर करोड़ों का बीमा करवा दिया।

जयपुर। कहीं मुर्दे को जिंदा किया जा रहा है। तो कहीं, मौत के बाद फिर मौत का खेल खेला जा रहा है। यह सब हो रहा है करोड़ों की बीमा राशि हड़पने के लिए। उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश के बाद लाशों पर नोटों का सौदा करने वाले गिरोह ने प्रदेश में भी पांव पसार लिए हैं। गिरोह ने 21 मृत लोगों को जिंदा बताकर करोड़ों का बीमा करवा दिया। जांच में खुलासा होने पर बीमा कंपनियों की ओर से थानों में मामले भी दर्ज करवा दिए गए, लेकिन जिम्मेदार इस गिरोह के खुलासे को लेकर गंभीर नहीं है। वजह यह है कि इस तरह का खेल बिना मिलीभगत के नहीं खेला जा सकता। प्रदेश में पहले सामने आए इस तरह के मामलों में बीमाकंपनियों के कर्मचारियों के साथ पुलिस और चिकित्सा से जुड़े कर्मियों भी मिलीभगत सामने आई थी।

आंगनबाड़ी में पकड़े गए मौत के फर्जी हस्ताक्षर
अजमेर के कोतवाली और क्रिश्चनगंज थाने में फर्जी बीमा राशि उठाने को लेकर दर्ज महज दो मामलों की स्थिति देखे तो उनमें आठ लोगों की मौत की तिथि गलत बताई गई है। अजमेर निवासी किसनाराम का मौत पांच, देवी सिंह की मौत के तीन, गोपाल माली की मौत के एक, लादूराम की मौत के दो माह बाद बीमा राशि के लिए आवेदन किया गया। अन्य मामलों में भी तीन से पांच माह बाद ही बीमा क्लेम के लिए आवेदन किया गया है। इन मामलों में बीमा कंपनी की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों से मौत की वास्तविक स्थिति का पता किया तो इसका खुलासा हो गया। बीमा कंपनियों की ओर से इनमें से एक मामला वर्ष 2020 में और दूसरा इसी माह जनवरी में करवाया गया है।

पुलिस की जांच पर सवाल
थाने में दर्ज दोनों मामलों में पुलिस अभी तक कोई खुलासा नहीं कर सकी है। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर अब इन मामलों की जांच वहां के सीओ साउथ सुनील सिहाग को दे दी गई है। डीवाईएसी सिहाग का कहना है दोनों मामले में 7-7 व्यक्ति नामजद है। बीमा कंपनी ने अभी तक अपनी जांच की रिपोर्ट पेश नहीं की है। इसके लिए नोटिस भेजा गया है।

जयपुर में पिता का फर्जी मृत्यु प्रमाण बनाने में पुत्र ने किया सहयोग
बीमा राशि हड़पने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने का जयपुर शहर में भी हो चुका है। वर्ष 2019 में पुत्र के सहयोग से पिता ने अपना ही फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर बीमा कंपनी से सात लाख 70 हजार रुपए हड़प लिए। यह पैसा दोनों के संयुक्त बैंक खाते में जमा हुआ, लेकिन इसके कुछ समय बाद पुत्र ने फिर अपना बीमा करवाया तो उस समय दी गई सूचना में मामला पकड़ा गया। चित्रकूट थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

मौत के 20 दिन बाद बताई दुर्घटना, किसका करवाया पोस्टमार्टम
बांसवाड़ा में बीमा क्लेम उठाने के लिए 82 वर्षीय व्यक्ति की मौत के 20 दिन बाद उसकी दुर्घटना में मौत का मामला पुलिस में दर्ज करवा दिया गया। खास बात यह है क्लेम दावे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी लगाई गई। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि किस शव का उस दौरान पोस्टमार्टम करवाया गया था।

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