लालू यादव के समधी को OBC प्रभारी पद से हटाया: गुजरात अधिवेशन के बाद कांग्रेस का हरियाणा में एक्शन, कैप्टन बोले- साजिश हुई – Rewari News h3>
हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव।- फाइल फोटो
कांग्रेस ने हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव को ओबीसी डिपार्टमेंट के चेयरमैन पद से हटा दिया है। कैप्टन अजय यादव की जगह डॉ. अनिल जयहिंद को इस पद पर नियुक्त किया गया है।
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हाल ही में गुजरात में कांग्रेस अधिवेशन आयोजित किया गया था, जिसके बाद पार्टी ने पहली बड़ी कार्रवाई हरियाणा में की है।
AICC की ओर से जारी किया गया लेटर…
कैप्टन अजय यादव को पद से हटाने संबंधी जारी किया गया पत्र।
पद से हटाने के बाद कैप्टन की 2 पोस्ट…
1. पहले पोस्ट में लिखा- साजिशकर्ताओं को बेनकाब करूंगा पद से हटाए जाने के बाद कैप्टन अजय यादव का गुस्सा सातवें आसमान पर है। कैप्टन अजय यादव ने सोशल मीडिया (X) पर पहले पोस्ट में लिखा- मुझे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने AICC ओबीसी विभाग के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। मैंने पूरे समर्पण से काम किया है। मगर कुछ नेताओं खासकर वरिष्ठ नेताओं द्वारा मुझे अक्षम दिखाने का प्रयास किया गया है।
मैंने ओबीसी विभाग को मजबूत दिखाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। नए अध्यक्ष को शुभकामनाएं। मैं जल्द ही अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन साजिशकर्ताओं को बेनकाब करूंगा। इसके बाद उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया।
कैप्टन अजय यादव की सोशल मीडिया पर पहली पोस्ट…
2. दूसरी पोस्ट में लिखा- कांग्रेस अध्यक्ष ने बिना किसी औपचारिकता के हटाया इसके बाद कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव ने नई पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने लिखा- “मुझे कांग्रेस अध्यक्ष ने बिना किसी औपचारिकता के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। यह मुझे अपमानित करने के लिए एक गुट द्वारा की गई साजिश है। मैंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, क्योंकि मैंने पहले ही इस्तीफा दे दिया था, लेकिन राहुल गांधी जी के निजी सचिव कौशल विद्यार्थी ने मुझसे मेरा इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया था। नवीन जयहिंद के नेतृत्व में एक समानांतर ओबीसी एनजीओ को सेमिनार आयोजित करने के लिए महत्व दिया जा रहा था, इसलिए मुझे अपने हटाए जाने पर वास्तव में आश्चर्य नहीं हुआ। मैं अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में विस्तार से बताऊंगा”।
कैप्टन अजय यादव की दूसरी पोस्ट…
कैप्टन अजय यादव को हटाने की 3 वजहें…
1. पार्टी को कई बार असहज किया कैप्टन अजय यादव ने पार्टी को कई बार असहज किया है। वह अपनी मनमर्जी चलाते कई बार नजर आए थे। कैप्टन ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से खटपट के चलते 2014 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तो मंत्री पद से इस्तीफा तक देने का ऐलान कर दिया था। मगर बाद में वह मान गए थे। इसके बाद 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर भी इस्तीफा दे दिया था और हाईकमान के कहने पर मान गए थे।
2. 2019 में 3.86 लाख वोटों से मिली थी हार कैप्टन अजय को 2019 में गुरुग्राम सीट पर राव इंद्रजीत सिंह के हाथों करारी हार मिली थी। कैप्टन को राव इंद्रजीत सिंह ने 3 लाख 86 हजार 256 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। कैप्टन अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत के सामने कोई करिश्मा नहीं कर पाए थे। पार्टी को अहीरवाल की अधिकतर सीटों पर हार मिली थी।
3. BJP का ओबीसी वोट बैंक बढ़ना भाजपा ने हरियाणा सहित पूरे देश में ओबीसी वोट बैंक में सेंधमारी की है। हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में ओबीसी वोटरों ने भाजपा को सत्ता तक पहुंचाया। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव में भी ओबीसी वोटरों ने भाजपा को एकतरफा वोट दिया। वह सैनिकों वाले क्षेत्र अहीरवाल में कांग्रेस की हवा बनाने में कामयाब नहीं रहे। अग्निवीर जैसे मुद्दों को कांग्रेस भुना नहीं पाई।
लालू यादव के समधी हैं कैप्टन अजय यादव कैप्टन अजय यादव पर कार्रवाई का असर बिहार में भी देखने को मिल सकता है। क्योंकि कैप्टन अजय यादव बिहार में आरजेडी के सुप्रीमो लालू यादव के समधी हैं। बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं। कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव की शादी लालू प्रसाद की बेटी अनुष्का राव से हुई थी। चिरंजीव राव कांग्रेस की टिकट पर रेवाड़ी से विधायक रह चुके हैं। वह वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, राजस्थान प्रभारी का दायित्व संभाले हुए हैं।