ललन सिंह के मटन बिरयानी भोज में क्यों चली पुलिसिया लाठी, समझें जमीनी पॉलिटिक्स

7
ललन सिंह के मटन बिरयानी भोज में क्यों चली पुलिसिया लाठी, समझें जमीनी पॉलिटिक्स

ललन सिंह के मटन बिरयानी भोज में क्यों चली पुलिसिया लाठी, समझें जमीनी पॉलिटिक्स

पटना: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का समय ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि महागठबंधन में शामिल होने के दौरान राजनीतिक पंडितों ने यह कहा भी था कि यह बेमेल गठबंधन है, जहां यह मिलन केवल शीर्ष के नेताओं का हुआ। जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता एक दूसरे के विरुद्ध ही खड़े हैं। अभी जेडीयू आनंद मोहन की रिहाई या फिर जातीय जनगणना के मामले पर लगी कोर्ट की फटकार से उबर भी नहीं पाई थी कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की मटन बिरयानी भोज विवादों के दायरे में इस कदर आ गया कि कार्यकर्ताओं को अपनी ही सरकार की लाठियां खानी पड़ी।

मटन बिरयानी भोज ने बढ़ा दी आपसी रंजिश

भोज भले महागठबंधन की रही हो पर मुंगेर का पोलो ग्राउंड देखते ही देखते रणक्षेत्र में बदल गया। कार्यकर्ता एक दूसरे के विरुद्ध इस कदर नाराज हुए कि वह अपने नेताओं की बात नहीं सुनी और एक दूसरे से उलझ गए। देखते ही देखते यह बात जमकर मारपीट में बदल गई। हालात को बिगड़ता देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। नतीजतन महाभोज में खाने को लेकर हुए भगदड़ में सदर डीएसपी राजेश कुमार सिन्हा घायल हो गए हैं। इस घटना का कारण मटन का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में महागठबंधन के कार्यकर्ता का जुटना हुआ। इसी दौरान महागठबंधन में शामिल विभन्न दलों के कार्यकर्ता मटन खाने को लेकर आपस में भीड़ गए और उनके बीच मारपीट शुरू हो गई। मटन भोजन का स्थल महाभारत में तब्दील हो गया। नतीजतन महाभोज की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों ने मारपीट कर रहे कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग कर उन्हें मौके से खदेड़ दिया।

वजह क्या रही?

दरअसल, कुर्सी के इर्दगिर्द बदली राज्य की राजनीति ने स्वभावभतः दो बेमेल पार्टियों को एक साथ ला खड़ा किया। बदले समय की जरूरत ने जेडीयू और आरजेडी नेताओं को एक प्लेटफार्म पर तो ले आए पर ब्लॉक और जिला स्तर पर जो दलों का संघटन कार्यकर्ताओं के लिए कार्य करते हैं उन लोगों के बीच आपसी समन्वय नहीं बन पाया।

पोलो ग्राउंड के प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अपने अपने दल के नेता अपने-अपने लाए कार्यकर्ताओं को मटन बिरयानी का स्वाद चखाने के लिए जल्दबाजी करने लगे। दरअसल, कुर्सियों पर बैठ मटन खाने की आपा धापी ने लोगों का धैर्य तोड़ डाला। और एक नेता अपनी शान कायम रखने के लिए कुर्सी कब्जा की गति बढ़ा दी। नतीजतन मारपीट की घटना तेज हो गई।

आपसी रंजिश की यह कोई पहली घटना नहीं

महागतबंधन दलों के कार्यकर्ताओं के बीच रंजिश की यह कोई पहली घटना नहीं है। राज्य में हुए तीन उपचुनावों के परिणाम ने भी इस रंजिश को सामने लाया कि कार्यकर्ता इस गठबंधन से खुश नहीं है। नतीजतन जेडीयू का आधार वोट में काफी बिखराव भी हुआ।

जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लगातार राजद विरोध की राजनीति की। ललन सिंह और राबड़ी देवी की नोककझोंक की घटना राजनीतिक पटल पर आज भी है। दरअसल मुंगेर में बीजेपी माइनस वोट के विरुद्ध यादवों की गोलबंदी जरूरी भी थी। इसी का प्रयास था मटन बिरयानी भोज। लेकिन ललन सिंह का यह दांव उल्टा पड़ गया। जोड़ने की कोशिश में दो अलग अलग स्वभाव के कार्यकर्ता के बीच एच दूरियां और भी बढ़ गई।

Bihar Politics: ‘2024 में बीजेपी का हो जाएगा सूपड़ा साफ’, ललन सिंह ने निकाली केंद्र सरकार पर भड़ास

क्या कहा भाजपा नेता ने

भाजपा नेता निखिल आनंद ने कहा कि भोज तो ठीक है पर मटन झटका था या हलाल। यह मटन खिलाकर किसका धर्म भ्रष्ट करने में ललन सिंह को सफलता मिली। ललन सिंह जी जनता ने इस बेमेल गठबंधन को स्वीकार नहीं किया। इसलिए इस भोज का हश्र यही होना था। बेमेल गठबंधन का यह भी एक नजारा है।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News