लता मंगेशकर से शादी करना चाहते थे डूंगरपुर के ‘राजकुमार’ राजसिंह,लेकिन नहीं माना पूर्व राजपरिवार h3>
Rajasthan News: डूंगरपुर के पूर्व राजघराने के राजकुमार राजसिंह लता मंगेशकर से शादी करना चाहते थे लेकिन पूर्व राजपरिवार नहीं माना। राज सिंह का लता मंगेशकर के घर आना जाना था लेकिन इनकार के बाद फिर कभी आगे नहीं बढ़ी।
हाइलाइट्स
- लता मंगेशकर से प्रेम की अनसुनी दास्तां
- घर मिलने जाते थे राज सिंह डूंगरपुर
- पूर्व राजपरिवार ने रिश्ते से कर दिया था इनकार
जयपुर: सुरों की सरताज लता मंगेशकर की आवाज की दुनिया दिवानी है लेकिन उनके निजी जीवन के बारे कम ही लोग जानते हैं। इतनी बड़ी सेलिब्रिटी होने के बावजूद भी वे ऐशोआराम और चकाचौंध की दुनिया से हमेशा दूर रहीं। लता ने पूरा जीवन एक साधारण महिला के तौर पर जीया। ऐसा बताया जाता है कि राजस्थान के डूंगरपुर रियासत के राजकुमार राजसिंह लता मंगेशकर से शादी करना चाहते थे। इस बारे में राजसिंह ने अपने माता-पिता से बात भी की थी। लेकिन लता मंगेशकर एक साधारण परिवार से होने के कारण पूर्व राज परिवार शादी के लिए राजी नहीं हुआ। इस वजह से राजसिंह चाहकर भी लता से शादी नहीं कर सके।
लता मंगेशकर के घर आना जाना था राजसिंह का
डूंगरपुर राजघराने के राजकुमार राजसिंह 1959 में लॉ की पढाई करने मुम्बई गए थे। वे क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी थे। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ भी क्रिकेट खेलते थे। इस वजह से हृदयनाथ और राजसिंह की दोस्ती हो गई। दोस्ती के लिहाज से राजसिंह हृदयनाथ मंगेशकर के घर जाते रहते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात लता मंगेशकर से भी होती थी। आपसी मेलजोल के बाद राज सिंह लता मंगेशकर से प्रेम करने लगे। पढाई पूरी करके डूंगरपुर लौटने के बाद राजसिंह ने अपने परिवार में शादी के लिए चर्चा की थी। चूंकि मंगेशकर परिवार एक साधारण परिवार था। ऐसे में राज परिवार ने इस शादी से इनकार कर दिया था। उधर, लता मंगेशकर ने भी शादी नहीं की।
घर ही बना संगीत की पाठशाला, लेकिन बचपन में ही हो गया था पिता का निधन
लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर संगीतकार और शास्त्रीय गायक थे। परिवार में संगीत का माहौल होने के कारण लता ने बचपन से ही संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। गीत गाने के साथ नाटकों में अभिनय भी किया था। 13 साल की आयु में लता ने 1942 में पहला गाना मराठी भाषा में गाया था, तब उन्हें एक गीत गाने के लिए 25 रुपए मिले थे। उसी साल उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। तीन बहनों और एक भाई से बड़ी होने की वजह से घर की सारी जिम्मेदारी लता पर आ गई, जिसके चलते लता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बाद में कुछ फिल्मों में अभिनय करके और गाने गाकर परिवार का गुजारा किया। उन्होंने मंगला गौर (1942), माझे बाल (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945) और जीवन यात्रा (1946) सहित कुछ फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाई।
1948 में ‘मजबूर’ फिल्म के गीत ‘दिल मेरा तोड़ा…’ ने दिलाई पहचान
यूं तो लता मंगेशकर ने मंगला गौर, गजभाऊ, बड़ी मां जैसी कुछ फिल्मों के लिए गीत गाये थे लेकिन 1948 में फिल्म ‘मजबूर’ के लिए उन्होंने ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का नहीं छोड़ा…’ गाया था। इस गीत ने लता को शोहरत दिलाई। गुलाम हैदर लता के गॉड फादर थे, उन्हीं के कारण लता संगीत के क्षेत्र में अपना करियर स्थापित कर सकी। 1949 में रिलीज हुई फिल्म ‘महल’ के लिए लता ने ‘आएगा आने वाला…’ गाया था। यह गाना सुपर हिट हो गया और लता मंगेशकर रातोंरात सुरों की दुनिया में सिरमौर हो गई। इस सुपरहिट गीत के बाद लता कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक पहुंचती रही और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस सुपरहिट गाने के बाद 20 साल तक लता ने संगीत की दुनिया पर एकछत्र राज किया। लता ने 36 अलग अलग भाषाओं में हजारों गाने गाये। (रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड़)
लता मंगेशकर ने 1960 में गाया था ये राजस्थानी गीत, थाने काजलियो बनाल्यूं म्हारे नैना में रमाल्यूं
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Web Title : singer lata mangeshkar passes away: know her love story with former bcci president raj singh dungarpur
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Rajasthan News: डूंगरपुर के पूर्व राजघराने के राजकुमार राजसिंह लता मंगेशकर से शादी करना चाहते थे लेकिन पूर्व राजपरिवार नहीं माना। राज सिंह का लता मंगेशकर के घर आना जाना था लेकिन इनकार के बाद फिर कभी आगे नहीं बढ़ी।
हाइलाइट्स
- लता मंगेशकर से प्रेम की अनसुनी दास्तां
- घर मिलने जाते थे राज सिंह डूंगरपुर
- पूर्व राजपरिवार ने रिश्ते से कर दिया था इनकार
लता मंगेशकर के घर आना जाना था राजसिंह का
डूंगरपुर राजघराने के राजकुमार राजसिंह 1959 में लॉ की पढाई करने मुम्बई गए थे। वे क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी थे। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ भी क्रिकेट खेलते थे। इस वजह से हृदयनाथ और राजसिंह की दोस्ती हो गई। दोस्ती के लिहाज से राजसिंह हृदयनाथ मंगेशकर के घर जाते रहते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात लता मंगेशकर से भी होती थी। आपसी मेलजोल के बाद राज सिंह लता मंगेशकर से प्रेम करने लगे। पढाई पूरी करके डूंगरपुर लौटने के बाद राजसिंह ने अपने परिवार में शादी के लिए चर्चा की थी। चूंकि मंगेशकर परिवार एक साधारण परिवार था। ऐसे में राज परिवार ने इस शादी से इनकार कर दिया था। उधर, लता मंगेशकर ने भी शादी नहीं की।
घर ही बना संगीत की पाठशाला, लेकिन बचपन में ही हो गया था पिता का निधन
लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर संगीतकार और शास्त्रीय गायक थे। परिवार में संगीत का माहौल होने के कारण लता ने बचपन से ही संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। गीत गाने के साथ नाटकों में अभिनय भी किया था। 13 साल की आयु में लता ने 1942 में पहला गाना मराठी भाषा में गाया था, तब उन्हें एक गीत गाने के लिए 25 रुपए मिले थे। उसी साल उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। तीन बहनों और एक भाई से बड़ी होने की वजह से घर की सारी जिम्मेदारी लता पर आ गई, जिसके चलते लता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बाद में कुछ फिल्मों में अभिनय करके और गाने गाकर परिवार का गुजारा किया। उन्होंने मंगला गौर (1942), माझे बाल (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945) और जीवन यात्रा (1946) सहित कुछ फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाई।
1948 में ‘मजबूर’ फिल्म के गीत ‘दिल मेरा तोड़ा…’ ने दिलाई पहचान
यूं तो लता मंगेशकर ने मंगला गौर, गजभाऊ, बड़ी मां जैसी कुछ फिल्मों के लिए गीत गाये थे लेकिन 1948 में फिल्म ‘मजबूर’ के लिए उन्होंने ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का नहीं छोड़ा…’ गाया था। इस गीत ने लता को शोहरत दिलाई। गुलाम हैदर लता के गॉड फादर थे, उन्हीं के कारण लता संगीत के क्षेत्र में अपना करियर स्थापित कर सकी। 1949 में रिलीज हुई फिल्म ‘महल’ के लिए लता ने ‘आएगा आने वाला…’ गाया था। यह गाना सुपर हिट हो गया और लता मंगेशकर रातोंरात सुरों की दुनिया में सिरमौर हो गई। इस सुपरहिट गीत के बाद लता कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक पहुंचती रही और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस सुपरहिट गाने के बाद 20 साल तक लता ने संगीत की दुनिया पर एकछत्र राज किया। लता ने 36 अलग अलग भाषाओं में हजारों गाने गाये। (रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड़)
लता मंगेशकर ने 1960 में गाया था ये राजस्थानी गीत, थाने काजलियो बनाल्यूं म्हारे नैना में रमाल्यूं
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