लखनऊ में ISCBC सम्मेलन का आयोजन: 500 से अधिक देसी-विदेशी वैज्ञानिक जुटे, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर चर्चा हुई – Lucknow News

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लखनऊ में ISCBC सम्मेलन का आयोजन:  500 से अधिक देसी-विदेशी वैज्ञानिक जुटे, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर चर्चा हुई – Lucknow News

लखनऊ में ISCBC सम्मेलन का आयोजन: 500 से अधिक देसी-विदेशी वैज्ञानिक जुटे, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर चर्चा हुई – Lucknow News

ISCBC सम्मेलन में स्मारिका का विमोचन किया गया।

लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग ने तीन दिवसीय 30वां आईएससीबी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मिनी कुंभ (ISCBC) आयोजित किया। इस सम्मेलन का आयोजन कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल मिश्रा के नेतृत्व में हुआ।

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सम्मेलन का विषय ‘रासायनिक, जैविक और औषधीय विज्ञान में वर्तमान प्रवृत्तियां: स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव’ था ।इसमें भारत और विदेशों से 500 से अधिक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, शिक्षाविद् और उद्योग विशेषज्ञ शामिल हुए।

इस सम्मेलन का उद्घाटन मालवीय हॉल में हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर आलोक कुमार राय उपस्थित थे। इस अवसर पर आईएससीबी के अध्यक्ष प्रोफेसर अनामिक शाह ने स्वागत भाषण दिया।

महासचिव डॉ. पी.एम.एस चौहान ने सम्मेलन के उद्देश्य और अपेक्षित परिणामों को बताया।

इन लोगों को सम्मानित किया गया

इस उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने आईएससीबी-2024 पुरस्कार दिया गया। इन पुरस्कारों से रसायन विज्ञान, शिक्षण और समाज में योगदान के लिए प्रोफेसर दिलीप कुमार, डॉ. हितेंद्र एम. पटेल, डॉ. स्वप्निल शर्मा, डॉ. सुषमा तालेगांवकर, और प्रोफेसर हितेश डी. पटेल को सम्मानित किया गया। प्रोफेसर राय ने अपने संबोधन में रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान के आधुनिक जीवन में महत्व पर जोर दिया और विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करने की आवश्यकता बताई।

वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए

इस सम्मेलन में कई प्रमुख वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए। पहला प्लेनरी व्याख्यान डॉ. समीर जेड. जार्ड (फ्रांस) द्वारा ‘रेडिकल एलायंसेस: सॉल्यूशन्स एंड ऑपर्च्युनिटीज फॉर ऑर्गेनिक सिंथेसिस’ पर दिया गया। इसके बाद डॉ. मुकुंद एस चोरघडे (थिंक्यू फार्मा, यूएसए) ने ‘साइंस एंटरप्रेन्योरशिप’ पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने रासायनिक उद्यमिता और नवाचार के महत्व को बताया ।

सम्मेलन के बाद के सत्रों में डॉ. रुई मोरेरा (पुर्तगाल) ने ‘Small-Molecule Probes to Target Cell Death Mechanisms and Tumour Microenvironment’ विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इसके अलावा, डॉ. दीवान एस रावत (कुमाऊं विश्वविद्यालय) ने पार्किंसन्स रोग के उपचार के बारे में अपने शोध परिणाम प्रस्तुत किए।

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