रोजगार कार्यालय से भी नहीं दी जा रहीं नियुक्तियां: ओपियम फैक्ट्री नीमच ने 20 साल में नहीं दी कोई स्थायी नौकरी 39% कर्मचारियों पर सारा बोझ, ओवरटाइम से चल रहा काम – Neemuch News

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रोजगार कार्यालय से भी नहीं दी जा रहीं नियुक्तियां:  ओपियम फैक्ट्री नीमच ने 20 साल में नहीं दी कोई स्थायी नौकरी 39% कर्मचारियों पर सारा बोझ, ओवरटाइम से चल रहा काम – Neemuch News

रोजगार कार्यालय से भी नहीं दी जा रहीं नियुक्तियां: ओपियम फैक्ट्री नीमच ने 20 साल में नहीं दी कोई स्थायी नौकरी 39% कर्मचारियों पर सारा बोझ, ओवरटाइम से चल रहा काम – Neemuch News

केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार रोजगार देने के दावे कर रही है। हकीकत में केंद्र द्वारा संचालित एशिया की सबसे बड़ी ओपियम फैक्ट्री ने 20 साल में कोई स्थायी रोजगार नहीं दिया है। केवल 7 अनुकंपा नियुक्तियां दी हैं। मात्र 39 फीसदी कर्मचारियों पर ही काम का सार

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इसके लिए प्रबंधन द्वारा सालाना ओवरटाइम पर 3 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि ओवरटाइम के चलते कई कर्मचारियों की डबल सैलरी तक बन रही है लेकिन केंद्र सरकार नियुक्तियां नहीं कर रही है। यह खुलासा आरटीआई में प्राप्त जानकारी से हुआ है।

मामले में सांसद जल्द प्रक्रिया कराने की बात कह रहे हैं। फैक्ट्री की स्थापना 1 अप्रैल 1935 काे हुई थी। आजादी के बाद नीमच व मंदसौर जिले के रोजगार कार्यालयों से युवाओं को यहां स्थायी नियुक्तियां दी गईं।

आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ काे दी जानकारी के अनुसार 20 साल में इस फैक्टरी से कोई स्थायी रोजगार नहीं दिया गया। स्वीकृत 398 पद में से 155 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। फैक्ट्री में 243 (61 फीसदी) पद रिक्त हैं। 2014 से अब तक 94 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए लेकिन नई नियुक्ति एक भी नहीं हुई। मात्र 2016 में 3 एवं 2023 में 4 अनुकंपा नियुक्तियां दी गईं।

7 साल में उत्पादन तीन गुना, ओवरटाइम में सालाना 3 करोड़ से अधिक खर्च

ओपियम फैैक्ट्री में 7 साल में अफीम से बनने वाली विभिन्न ड्रग्स का उत्पादन 7 हजार से बढ़कर 27 हजार मीट्रिक टन तक किया है। इसके लिए कर्मचारियों को ओवरटाइम दिया जा रहा है। यह भी 5 साल में 41 लाख रुपए से सवा 3 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

यह है ओपियम फैक्टरी

नीमच ओपियम फैक्ट्री देश की दूसरी लेकिन सबसे बड़ी फैक्ट्री है। यह राजस्थान की पूर्वी सीमा से लगभग 5 किलोमीटर में फैली है। इसमें दो अलग-अलग इकाइयां शामिल हैं, अफीम फैक्ट्री और अल्कलॉइड वर्क्स। नीमच अफीम फैक्ट्री का उद्घाटन 1 अप्रैल, 1935 को हुआ। अल्कलॉइड कार्यों की शुरुआत 6 अक्टूबर 1976 से की गई।

कैंपस का क्षेत्रफल 57,000 वर्ग मीटर है। यहां अफीम से मार्फिन, कोडीन, कोडीन फॉस्फेट, थीबीन जैसे तत्व तैयार किए जाते हैं जिनका उपयोग दवाइयां बनाने में किया जाता है।

नए पद जनरेट करने के लिए प्रस्तावित किए हैं

भर्ती की प्रक्रिया जरूरत के अनुसार होती है। अभी स्थानीय अधिकारियों से चर्चा हुई है, यहां से पदों का जो स्ट्रक्चर है, उसमें बदलाव के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। कुछ नए पद जनरेट करने के लिए प्रस्तावित किए हैं। इस तरह से पदों की स्वीकृति होते ही भर्ती भी की जाएगी। – सुधीर गुप्ता, सांसद, नीमच

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