रेकॉर्ड : इंदौर का रजिस्ट्रार विभाग की कमाई का आकड़ा 2045 करोड़ पार h3>
इंदौर। इंदौर में संपत्ति की खरीदी-बिक्री के साथ में रजिस्ट्री से होने वाली सरकारी कमाई के रेकाॅर्ड भी टूट रहे हैं। वित्त वर्ष खत्म होने को एक माह शेष है, लेकिन विभाग ने अब तक 2045 करोड़ की कमाई कर ली है। इसके साथ एक नया रेकाॅर्ड भी बन रहा है, जिसमें महिलाओं की हिस्सेदारी में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। अब 40 से 45 प्रतिशत महिलाएं संपत्ति की मालकिन बन रही हैं।
इंदौर का विकास और विस्तार तेजी से हो रहा है। खानपान से लेकर अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य को देखने के साथ उद्योग और आइटी सेक्टर की बड़ी बड़ी कंपनियों के आने से यहां पर बसने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह भी कहा जा सकता है कि रहने के लिए इंदौर पहली पसंद बनता जा रहा है। एक बार जो आ जाता है, वह यहीं का होकर रह जाता है। यह बात तो रजिस्ट्रार कार्यालय के आंकड़े भी सिद्ध कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2023-24 को खत्म होने में मार्च का माह पूरा शेष है, लेकिन रजिस्ट्री से होने वाली सरकारी कमाई रेकाॅर्ड तोड़ रही है।
2045 करोड़ रुपए की सरकारी कमाई
एक अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 के बीच में इंदौर के रजिस्ट्रार कार्यालय ने 2045 करोड़ रुपए की सरकारी कमाई कर ली है, जबकि पिछले साल 2084 कमाई हुई थी। उसमें सिर्फ 41 करोड़ ही बाकी है, जो बड़ा आंकड़ा नहीं है। इंदौर की गति को देखते हुए सरकार ने 2540 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया है। उस हिसाब से विभाग को आखिरी महीने में 401 करोड़ रुपए की कमाई करना है। वैसे भी नई गाइडलाइन लागू होने से पहले खरीदार रजिस्ट्री करा लेते हैं, जिसके चलते यह आकड़ा भी आसानी से पार होने की उम्मीद है।
34 हजार से ज्यादा रजिस्ट्री हुई
2022-23 के वित्त वर्ष के मुकाबले इस साल रजिस्ट्रियों की संख्या काफी अधिक हैं। पिछले साल एक लाख 59 हजार 739 रजिस्ट्री हुई थी तो इस साल ये आंकड़ा एक लाख 93 हजार 602 हो गया है। उस हिसाब से देखा जाए तो 11 माह में 33 हजार 863 रजिस्ट्री अधिक हो चुकी है। इससे ये भी साफ होता है कि बड़ी जमीन के बजाए उपयोगकर्ता छोटी संपत्ति ज्यादा खरीद रहे हैं।
महिलाओं का बढ़ा प्रतिशत
सरकार ने महिलाओं को रजिस्ट्री में दो प्रतिशत की छूट दे रखी है। इसका असर दिखाई दे रहा है। इंदौर में 40 से 45 प्रतिशत रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हो रही है। बड़ी संख्या में महिलाएं संपत्ति की मालिक बन रही हैं। हालांकि, जब छूट नहीं थी तब भी 10 से 15 प्रतिशत महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री होती थी। छूट से 25 से 30 प्रतिशत का अंतर आया है।
यह है दस साल का रेकाॅर्ड
वित्त वर्ष- राजस्व प्राप्त- रजिस्ट्री
2013-14 – 696 करोड़ – 78024
2014-15 – 884 करोड़ – 80802
2015-16 – 825करोड़ – 71994
2016-17 – 829 करोड़- 70673
2017-18 – 1009 करोड़ – 87649
2018-19 – 1134करोड़ – 97898
2019-20 – 1229 करोड़- 106781
2020-21 – 1322 करोड़- 107482
2021-22 – 1836 करोड़- 133948
2022-23 – 2084करोड़ – 159739
चालू वर्ष 2023-24 – 2045 करोड़ – 193602 (अप्रैल 2023 से फरवरी 2024)
मौजूद वित्त वर्ष में अब तक 1.93 लाख रजिस्ट्री के जरिए 2045 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। हम शासन के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
– दीपक कुमार शर्मा, वरिष्ठ जिला पंजीयक