रूस-यूक्रेन युद्ध से डेढ़ गुना बढ़ गया मुनाफा, देश के किसानों को हुआ फायदा | Profits increased by one and a half times due to Russo-Ukraine war, fa | Patrika News

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रूस-यूक्रेन युद्ध से डेढ़ गुना बढ़ गया मुनाफा,  देश के किसानों को हुआ फायदा | Profits increased by one and a half times due to Russo-Ukraine war, fa | Patrika News

रूस-यूक्रेन युद्ध से डेढ़ गुना बढ़ गया मुनाफा, देश के किसानों को हुआ फायदा | Profits increased by one and a half times due to Russo-Ukraine war, fa | Patrika News

अफ्रीकी देशों में भारत के गेंहू की मांग, इन देशों को रूस और यूक्रेन से जाता था गेहूं

भोपाल

Published: April 20, 2022 07:10:06 pm

भोपाल. एक तरफ पूरी दुनाय रूस-यूक्रेन युद्ध (Ukraine Russia War) से घबरा रही है और तीसरे विश्व युद्ध के दहशत में जीने को मजबूर है वही इस युद्ध से भारत के किसानों बड़ा फायदा हुआ है। सरकार ने प्रदेश से गेहूं निर्यात के इच्छुक निर्यातकों का निशुल्क पंजीयन कराना शुरू कर दिया है।

बताया जा रहा है कि अफ्रीकी देशों में गेंहू की आपूर्ति रूस और यूक्रेन के द्वारा की जाती थी, लेकिन युद्ध के चलते इस बार इन देशों को गेंहू निर्यात नहीं हो पा रहा है। अब इस मांग का सीधा फायदा मध्यप्रदेश के किसानों को मिल रहा है। विश्व में भारत के गेंहू की मांग के चलते किसानों का मुनाफा भी डेढ़ गुना तक बढ़ गया है। मध्यप्रदेश के माालवा से सबसे ज्यादा गेंहू बाहर बाजा जा रहा है हालांकि प्रदेश सरकार भी गेंहू निर्यात को लेकर उत्साहित है और इसलिए प्रदेश से गेहूं निर्यात के इच्छुक निर्यातकों का निशुल्क पंजीयन भी कर रही है।

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प्रदेश सरकार ने किसानों का गेंहू खरीद के लिए पंजीयन कराया था और गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 प्रति क्विंटल रखा है। लेकिन दोनों देश के युद्ध के चलते खुले बाजार में गेंहू के दाम समर्थन मूल्य से कहीं ज्यादा मिल रहे हैं। जिससे मिल क्वालिटी का गेहूं प्रति क्विंटल 2200 से 2400 रूपये तक बिक रहा है। अगर पिछले साल की बात करें तो किसानों को लागत से 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल का ही पायदा मिला था लेकिन इस बार हर एक क्विटल पर 900 से 1000 रुपये का लाभ हो रहा है। वही प्रदेश की पहचान बन चुके शरबती गेहूं के भाव तो 4400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं।

रूस-यूक्रेन बड़े गेहूं उत्पादक
दुनिया में रूस और यूक्रेन गेहूं के बड़े उत्पादक देश हैं दोनों देशों से ही पूरी दुनिया को कुल गेहूं निर्यात का एक तिहाई हिस्सा निर्यात होता हैं। वही दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा अनाज उत्पादक देश भारत है। यही वजह है कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया को इन दोनों देशों से गैंहू नहीं मिल पा रहा है और दुनिया को अनाज की पूर्ति भारत से की जा रही है। इसलिए देश से अनाज निर्यात बढ़ गया है। आंकड़ों की बात करें तो 2021-22 वित्तीय वर्ष में भारत में 111.32 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होगा, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष से 109 मिलियन टन से ज्यादा है।

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