रूस-यूक्रेन के संभावित युद्ध के बीच अचानक क्यों ट्रेंड होने लगा USSR

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रूस-यूक्रेन के संभावित युद्ध के बीच अचानक क्यों ट्रेंड होने लगा USSR

रूस-यूक्रेन के संभावित युद्ध के बीच अचानक क्यों ट्रेंड होने लगा USSR

ऐसा लगता है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा विवाद अब अपने चरम पर पहुंच गया है। हालात यहां तक हैं कि दुनियाभर के एक्सपर्ट्स यह मानकर चल रहे हैं कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है। हालांकि इस संकट को टालने के लिए दुनिया भर के नेता आजमाइश भी कर रहे हैं लेकिन व्लादिमीर पुतिन अपनी बात पर अड़े हुए हैं। इस तनाव पर दुनियाभर के लोग नजर गड़ाए हुए हैं, इसी बीच सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं के दौर में USSR टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया। आइए जानते हैं कि क्या प्रतिक्रिया आ रही हैं और USSR क्यों एक बार फिर से चर्चा में है।

दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव को लेकर लोगों को USSR यानी सोवियत संघ की याद आ गई। रूस और यूक्रेन दोनों ही सोवियत यूनियन का हिस्सा रहे हैं। 1991 में यूक्रेन के अलग होने के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया। विवाद तब और बढ़ गया जब यूक्रेन से रूसी समर्थक राष्ट्रपति को हटा दिया गया था। इसके बाद इन दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता ही गया और अब यह नाजुक स्थिति में पहुंच गया है।

संकट के बीच लोगों को याद आया USSR

यूक्रेनियन ब्रॉडकास्ट सर्विस से जुड़े ओस्तप येरिस ने ट्विटर पर लिखते हुए एक प्रकार से आरोप लगाया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यह मानकर चल रहे हैं कि पूर्व में सोवियत संघ का हिस्सा रहे सभी देश ऐतिहासिक रूप से रूस के हैं और रूस का उन पर हक हैं। उनके इस ट्वीट पर एक यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि यह सही बात है कि रूस को सभी राष्ट्रों की सम्प्रभुता का सम्मान करना चाहिए क्योंकि सोवियत संघ अब गुजरे जमाने की चीज है।

एंड्रू लेवी नामक एक शख्स ने हैशटैग USSR का यूज करते हुए लिखा कि व्लादिमीर पुतिन का मानना है कि उस समय सोवियत संघ ने गलती की क्योंकि उसने USSR से निकलने की अनुमति दे दी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक शख्स ने लिखा कि इन सब बातों का कोई अर्थ नहीं निकलने वाला है। अगर पुतिन फिर से सोवियत संघ का सपना देख रहे हैं तो यह सिर्फ सपना ही हो सकता है।

कैसे अलग हुए रूस-यूक्रेन

जब 1991 में यूक्रेन ने सोवियत संघ से आजादी की घोषणा की तो उसी साल एक दिसंबर को जनमत संग्रह हुआ, जिसमें यूक्रेनियन ने सोवियत संघ से अलग होने के पक्ष में वोट दिया। अगले दिन रूस के तब के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने यूक्रेन को एक अलग देश के तौर पर मान्यता दी। उस समय रूस ने क्रीमिया को भी यूक्रेन का ही हिस्सा बताया। हालांकि लंबी उठापटक के बाद 2014 में क्रीमिया में जनमत संग्रह के बाद इसे रूस ने अपना हिस्सा मान लिया।

फिलहाल एक बार फिर से रूस और यूक्रेन आमने-सामने हैं। पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता भी दे दी है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक भी शुरू हो चुकी है। पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। उधर यूक्रेन लगातार कह रहा है कि वह रूस की कसी भी धमकी से नहीं डरने वाला है और वह भी पलटवार करेगा।



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