रूस पर प्रतिबंध से क्‍या भारत के डिफेंस सेक्‍टर पर पड़ेगा असर? टॉप एक्‍सपर्ट ने दिया जवाब

145
रूस पर प्रतिबंध से क्‍या भारत के डिफेंस सेक्‍टर पर पड़ेगा असर? टॉप एक्‍सपर्ट ने दिया जवाब

रूस पर प्रतिबंध से क्‍या भारत के डिफेंस सेक्‍टर पर पड़ेगा असर? टॉप एक्‍सपर्ट ने दिया जवाब

Sanctions on Russia: रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण भारतीय रक्षा क्षेत्र (India’s Defense Sector) को किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। कारण है कि मॉस्को के पास अंतर्निहित सैन्य शक्ति (Self-Sufficient Power) है। वह अपनी उत्पादन दक्षताओं के मामले में स्वावलंबी है। नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत (Niti Ayog Member VK Saraswat) ने बुधवार को यह बात कही। रूस द्विपक्षीय करार (Government-to-Government Contract) के तहत भारत के लिए रक्षा उत्पादों और साजो-सामान के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।

सारस्वत ने कहा, ‘रूस के पास अंतर्निहित सैन्य शक्ति है, उनके पास सैन्य साजो-सामान के विनिर्माण के क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं मौजूद हैं। वे उत्पादन क्षमताओं के मामले में कमोबेश स्वावलंबी हैं।’

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को घोषणा की थी कि अमेरिका यूक्रेन पर हमले के जवाब में रूसी तेल और प्राकृतिक गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाएगा। रूसी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और प्राकृतिक गैस के निर्यात पर निर्भर करती है। ब्रिटेन ने भी पांच रूसी बैंकों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

‘न काहू से दोस्‍ती न काहू से…’ मास्‍टर स्‍ट्रोक या भारत को वाकई अकेला खड़ा कर देगी मोदी की पॉलिसी?

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने कहा, ‘इसलिए, मेरे विचार में रिजर्व काफी अधिक है। रूस पर इस तरह के अप्लकालिक प्रतिबंध भारत के लिए कोई समस्या पैदा नहीं करेंगे।’

वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाये गये प्रतिबंधों का भारत के रक्षा आयातों पर कोई असर होगा?

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा है कि अब सरकार 68 प्रतिशत रक्षा साजो-सामान स्वदेशी श्रेणी के चाहती है। उन्होंने कहा, ‘और यही वजह है कि 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि देश में अधिक से अधिक उद्योग होने चाहिए, जो सशस्त्र बलों के लिए सैन्य साजो-सामान बनाएं।’

न बिजली है न पानी है, दुकानदार नहीं दे रहे सामान…सूमी में फंसे भारतीय छात्रों का दर्द, मदद की आस में करीब 700 स्टूडेंट

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सरकार की अपील व्यापक तौर पर रक्षा क्षेत्र पर भी लागू है।

स्टॉकहोम के रक्षा विचारक समूह (थिंक-टैंक) एसआईपीआरआई की ओर से पिछले वर्ष मार्च में जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि 2011-15 और 2016-20 के बीच भारत के हथियारों का आयात 33 प्रतिशत कम हुआ है और रूस सबसे प्रभावित आपूर्तिकर्ता है।

कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की गत वर्ष अक्टूबर में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियारों और सैन्य साजो-सामान के मामले में भारत की रूस पर निर्भरता में भारी गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन, भारतीय सेना रूस द्वारा आपूर्ति किये गये साजो-सामान के बिना प्रभावी तरीके से संचालन नहीं कर सकती और निकट और मध्यम अवधि में उसकी हथियार प्रणालियों पर निर्भर रहना जारी रखेगी।

VK Saraswat



Source link