रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदियों का बढ़ रहा जलस्तर h3>
रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदियों का बढ़ रहा जलस्तर जिराइन और लोकाइन नदियों में अभी है सबसे अधिक पानी सकरी, गोइठवा, पंचाने समेत 11 नदियों में बह रही धार तटबंधों का बढ़ रहा दबाव पर अभी बाढ़ आने की संभावना नहीं फोटो नदी : बिहारशरीफ के बगल से होकर गुजरने वाली पंचाने नदी में बहती धार। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। तीन साल के बाद पहला मौका है कि 11 नदियों में इसबार पानी की धार बही है। राहत यह भी कि नदियों में उतना ही पानी है, जितना किसानों को सिंचाई के लिए जरूरत है। भले ही बढ़ते जलस्तर के साथ तटबंधों पर दबाव बढ़ रहा है। लेकिन, जिले के किसी भी भाग में अभी बाढ़ आने की संभावना नहीं दिख रही है। कुछ दिन पहले लोकाइन का तटबंध टूटने से हिलसा, करायपरसुराय और एकंरसराय में बाढ़ की विभीषिका से लोगों को जूझना पड़ा था। परंतु, वर्तमान में सबकुछ समान्य हैं। लोकाइन अभी लाल निशान से काफी नीचे बह रही है। इन सबके बीच विडंबना यह भी कि अब भी छोटी-बड़ी 29 नदियों में अबतक पानी नहीं आया है। सावन के बाद भादो भी बीतता जा रहा है। जिले में छोटी-बड़ी करीब 40 नदियां हैं। सभी बरसाती हैं। अच्छी बारिश होती है तो ही इनमें पानी आता है। पिछले साल और इस साल की तुलना की जाए तो बीते साल जिराइन, सकरी, गोइठवा, सोइबा, लोकाइन, भूतही व पंचाने यानी सात नदियों में पानी आया था। जबकि, इसबार इन नदियों के अलावा कुम्भरी, गड़ुआ, नोहिया व सरस्वती नदी में भी पानी आया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले के पूरबी भाग से गुजरने वाली जिराइन तो पश्चिमी इलाके से बहने वाली लोकाइन में सबसे अधिक पानी है। इसके अलावा शेष नदियों में दो से ढाई फीट तक ही पानी है। उदेरा बीयर से छोड़ा गया 15 हजार क्यूसेक पानी: नालंदा-जहानाबाद की सीमा पर बना उदेरा बीयर से शुक्रवार को 15 हजार क्यूसेक पानी लोकाइन में छोड़ा गया है। बाढ़ नियंत्रण के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मिथिलेश कुमार कहते हैं कि बीयर से पानी छोड़ने से लोकाइन के साथ ही इसकी सहायक नदियों के जलस्तर में थोड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है। नहर-पइन को पानी का इंतजार: नदियों में पानी आने और लगातार हो रही बारिश के बावजूद नदियों से निकलीं नहर व पइन को अब भी पानी का इंतजार है। अमूमन नदियों का जलस्तर कम रहने के कारण नहर-पइनों में पानी अबतक नहीं आया है। किसानों का कहना है कि नहरों में पानी आयेगा तो खेतों की सिंचाई और भी सहज हो जाएगी। इधर, बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर नदियों में बरसात का पानी है। जबजक झारखडंड से पानी नहीं छोड़ा जाता है, तबतक नदियों के जलस्तर में इजाफा होना संभव नहीं दिख रहा है। बारिश फसलों के लिए संजीवनी: लगातार हो रही बारिश खरीफ फसलों के लिए संजीवनी के समान है। सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, नूरसराय के जगदीश महतो, चंडी वीरेन्द्र कुमार कहते हैं कि ऐसे ही कुछ-कुछ दिन में बारिश होती रही तो इसबार धान की बंपर उपज होने की पूरी उम्मीद है। अच्छी बात यह भी कि शुक्रवार तक जिले में लक्ष्य का 99 फीसद धन रोपनी हो चुकी है। 25 अगस्त तक रोपनी का अनुकूल समय बचा है। उससे पहले ही लक्ष्य को पूरा हो जाने की संभावना है। इन नदियों में आया पानी: 1. जिराइन 2. सकरी 3. गोइठवा 4. सोइबा 5. पंचाने 6. लोकाइन 7. भूतही 8. कुंभरी 9. गडुआ 10. नोनहिया 11. सरस्वती
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रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदियों का बढ़ रहा जलस्तर जिराइन और लोकाइन नदियों में अभी है सबसे अधिक पानी सकरी, गोइठवा, पंचाने समेत 11 नदियों में बह रही धार तटबंधों का बढ़ रहा दबाव पर अभी बाढ़ आने की संभावना नहीं फोटो नदी : बिहारशरीफ के बगल से होकर गुजरने वाली पंचाने नदी में बहती धार। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। तीन साल के बाद पहला मौका है कि 11 नदियों में इसबार पानी की धार बही है। राहत यह भी कि नदियों में उतना ही पानी है, जितना किसानों को सिंचाई के लिए जरूरत है। भले ही बढ़ते जलस्तर के साथ तटबंधों पर दबाव बढ़ रहा है। लेकिन, जिले के किसी भी भाग में अभी बाढ़ आने की संभावना नहीं दिख रही है। कुछ दिन पहले लोकाइन का तटबंध टूटने से हिलसा, करायपरसुराय और एकंरसराय में बाढ़ की विभीषिका से लोगों को जूझना पड़ा था। परंतु, वर्तमान में सबकुछ समान्य हैं। लोकाइन अभी लाल निशान से काफी नीचे बह रही है। इन सबके बीच विडंबना यह भी कि अब भी छोटी-बड़ी 29 नदियों में अबतक पानी नहीं आया है। सावन के बाद भादो भी बीतता जा रहा है। जिले में छोटी-बड़ी करीब 40 नदियां हैं। सभी बरसाती हैं। अच्छी बारिश होती है तो ही इनमें पानी आता है। पिछले साल और इस साल की तुलना की जाए तो बीते साल जिराइन, सकरी, गोइठवा, सोइबा, लोकाइन, भूतही व पंचाने यानी सात नदियों में पानी आया था। जबकि, इसबार इन नदियों के अलावा कुम्भरी, गड़ुआ, नोहिया व सरस्वती नदी में भी पानी आया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले के पूरबी भाग से गुजरने वाली जिराइन तो पश्चिमी इलाके से बहने वाली लोकाइन में सबसे अधिक पानी है। इसके अलावा शेष नदियों में दो से ढाई फीट तक ही पानी है। उदेरा बीयर से छोड़ा गया 15 हजार क्यूसेक पानी: नालंदा-जहानाबाद की सीमा पर बना उदेरा बीयर से शुक्रवार को 15 हजार क्यूसेक पानी लोकाइन में छोड़ा गया है। बाढ़ नियंत्रण के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मिथिलेश कुमार कहते हैं कि बीयर से पानी छोड़ने से लोकाइन के साथ ही इसकी सहायक नदियों के जलस्तर में थोड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है। नहर-पइन को पानी का इंतजार: नदियों में पानी आने और लगातार हो रही बारिश के बावजूद नदियों से निकलीं नहर व पइन को अब भी पानी का इंतजार है। अमूमन नदियों का जलस्तर कम रहने के कारण नहर-पइनों में पानी अबतक नहीं आया है। किसानों का कहना है कि नहरों में पानी आयेगा तो खेतों की सिंचाई और भी सहज हो जाएगी। इधर, बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर नदियों में बरसात का पानी है। जबजक झारखडंड से पानी नहीं छोड़ा जाता है, तबतक नदियों के जलस्तर में इजाफा होना संभव नहीं दिख रहा है। बारिश फसलों के लिए संजीवनी: लगातार हो रही बारिश खरीफ फसलों के लिए संजीवनी के समान है। सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, नूरसराय के जगदीश महतो, चंडी वीरेन्द्र कुमार कहते हैं कि ऐसे ही कुछ-कुछ दिन में बारिश होती रही तो इसबार धान की बंपर उपज होने की पूरी उम्मीद है। अच्छी बात यह भी कि शुक्रवार तक जिले में लक्ष्य का 99 फीसद धन रोपनी हो चुकी है। 25 अगस्त तक रोपनी का अनुकूल समय बचा है। उससे पहले ही लक्ष्य को पूरा हो जाने की संभावना है। इन नदियों में आया पानी: 1. जिराइन 2. सकरी 3. गोइठवा 4. सोइबा 5. पंचाने 6. लोकाइन 7. भूतही 8. कुंभरी 9. गडुआ 10. नोनहिया 11. सरस्वती