रिहंद जलाशय पर तैनात होंगे बिहार के अधिकारी

7
रिहंद जलाशय पर तैनात होंगे बिहार के अधिकारी

रिहंद जलाशय पर तैनात होंगे बिहार के अधिकारी


ऐप पर पढ़ें

यूपी के रिहंद जलाशय पर बिहार अपने अधिकारी तैनात करेगा। ये अधिकारी वहां से बिहार को मिलने वाले पानी की मॉनिटरिंग करेंगे। केन्द्रीय जल आयोग के निर्णय आने तक बिहार ने वहां पूरी पटवन अवधि में अपने अधिकारी तैनात करने का फैसला किया है। ये अधिकारी बिहार को रोजाना मिलने वाले पानी की जानकारी भी देंगे।
दरअसल, रिहंद जलाशय से इस बार पटवन के लिए बिहार को उसके कोटे का आधा पानी भी नहीं मिल पाया है। इसके कारण किसानों को सिंचाई के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा है। बिहार ने इसकी शिकायत केन्द्रीय जल आयोग से की थी। आयोग ने इसके बाद उच्चस्तरीय बैठक कर दैनिक मॉनिटरिंग का फैसला किया था। एक महीने के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि रिहंद जलाशय से पानी की आपूर्ति को लेकर हम केन्द्रीय जल आयोग और यूपी सरकार से लगातार संपर्क में हैं। इस बीच राज्य सरकार ने फैसला किया है कि पटवन अवधि में राज्य के अधिकारी रिहंद जलाशय पर तैनात किये जाएं, जो पानी आपूर्ति की नियमित मॉनिटरिंग करें। विभाग को दैनिक रिपोर्ट भी भेजें। उत्तर प्रदेश के रिहंद जलाशय से बिहार को इस साल 1 नवंबर 2023 से 30 जून 2024 तक सिंचाई के लिए 5 लाख क्यूसेक पानी की आपूर्ति होनी है, लेकिन अवधि खत्म होने के बाद बिहार को ढाई लाख क्यूसेक पानी भी नहीं मिल पाया है।

इन्द्रपुरी बराज पर हमेशा मिलता है कम पानी :

रिहंद व वाणसागर जलाशय के माध्यम से बिहार को सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की जाती है। इनसे इन्द्रपुरी बराज पर औसतन 2 हजार क्यूसेक पानी मिला। जून के पहले सप्ताह में यहां 2200 क्यूसेक, दूसरे सप्ताह में 2300 क्यूसेक और तीसरे सप्ताह में 2500 क्यूसेक पानी ही मिला। जून के अंतिम सप्ताह में भी इन्द्रपुरी बराज पर अधिकतम 6 से 7 हजार क्यूसेक पानी की ही आपूर्ति हुई। इनमें भी अधिक मात्रा वाणसागर जलाशय का ही था।

इसी अवधि में कोसी के वीरपुर बराज पर 32 हजार से 65 हजार क्यूसेक पानी मिला, जबकि गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज पर 17 हजार से 25 हजार क्यूसेक पानी की आपूर्ति हुई। इन्द्रपुरी बराज से जुड़ी सोन नहर प्रणाली से पटना जिले के अलावा रोहतास, कैमूर, भभुआ, भोजपुर, बक्सर, गया, औरंगाबाद, अरवल जिले के किसानों को विभिन्न नहरों से पानी की आपूर्ति की जाती है। इन सब जिलों में पटवन के समय काफी परेशानी रही।

अंतिम दिन भी केवल 8500 क्यूसेक पानी :

30 जून को अवधि खत्म होने के दिन भी इन्द्रपुरी बराज पर केवल 8500 क्यूसेक पानी आया, जबकि कोसी के वीरपुर बराज पर 1.60 लाख क्यूसेक और गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज पर 1 लाख क्यूसेक पानी की आपूर्ति हुई।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News