राहुल की पैरवी से भी खत्म नहीं हुआ कांग्रेस का इंतजार, इस तारीख से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार नहीं

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राहुल की पैरवी से भी खत्म नहीं हुआ कांग्रेस का इंतजार, इस तारीख से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार नहीं

राहुल की पैरवी से भी खत्म नहीं हुआ कांग्रेस का इंतजार, इस तारीख से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार नहीं

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सीधी पैरवी के बाद भी बिहार में कांग्रेस का इंतजार खत्म होता नहीं दिख रहा है। दो और मंत्री मांग रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने 23 जून को विपक्षी एकता मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राहुल गांधी से कहलवाया था. लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक कांग्रेस की मेजबानी में 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी एकजुटता बैठक से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार होता नहीं दिख रहा है। नीतीश सरकार में इस समय मुख्यमंत्री समेत 32 मंत्री हैं और राज्य में अधिकतम मंत्रियों की सीमा 36 है। इस हिसाब से चार और मंत्री बन सकते हैं जिसमें दो पर कांग्रेस का दावा है जबकि राजद कोटे के दो मंत्रियों का पद सुधाकर सिंह और कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे के बाद खाली है।

नीतीश की अगुवाई में 10 अगस्त 2022 को जब महागठबंधन सरकार बनी तो उस दिन मुख्यमंत्री के साथ सिर्फ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शपथ ली थी। 16 अगस्त को नीतीश मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ जिसमें कुल 31 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें आरजेडी के 16, जेडीयू के 11, कांग्रेस के 2, हम के 1 और एक निर्दलीय शामिल थे। कैबिनेट विस्तार के अगले ही दिन आरजेडी कोटे से कानून मंत्री बने कार्तिक सिंह पर विवाद खड़ा हो गया और आरोप लगा कि अपहरण के एक मामले में आरोपी को नीतीश ने मंत्री बना दिया है। नीतीश ने 30 अगस्त को कार्तिकेय सिंह का विभाग बदलकर गन्ना उद्योग विभाग कर दिया था। इसके अगले दिन कार्तिकेय सिंह ने इस्तीफा दे दिया।

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नीतीश सरकार में दूसरे मंत्री का विकेट भी आरजेडी कोटे से ही गिरा जब लगातार मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने 2 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया। सुधाकर सिंह के बयान से आरजेडी और जेडीयू के रिश्तों में तनाव पैदा हो रहा था क्योंकि वो नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल बैठे थे। आरजेडी कोटे के दोनोंं मंत्रियों का पद पिछले आठ-नौ महीने से खाली है। विपक्षी एकता बैठक से पहले 13 जून को पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे और हम के अध्यक्ष संतोष सुमन मांझी ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि नीतीश ने कैबिनेट से तीसरे इस्तीफे को तीन दिन बाद 16 जून को भर दिया जब जेडीयू के विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली। 

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रत्नेश सदा के मंत्री बनने के समय भी अटकलें थी कि राजद कोटे के खाली पद के साथ-साथ कांग्रेस की दो मंत्रियों की मांग पूरी कर दी जाएगी लेकिन नीतीश ने उस पर फैसला टाल दिया। पटना में विपक्षी एकता की बैठक के बाद भी चर्चा तेज हुई कि अब कैबिनेट विस्तार हो जाएगा लेकिन अब तक उसकी सुगबुगाहट भी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार अब बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई की विपक्षी एकता के बाद ही होगा। पहले यह मीटिंग 13-14 जुलाई को तय हुई थी लेकिन नीतीश ने बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में अपनी व्यसतता की वजह से कांग्रेस से इसे आगे बढ़ाने कहा था। अब सबकी नजर बेंगलुरु की मीटिंग पर होगी लेकिन बिहार कांग्रेस की नजर नीतीश के लौटने के बाद कैबिनेट विस्तार के फैसले पर होगी।

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