राहत: नालंदा के प्रत्येक प्रखंड में बनेगी सब्जी मंडी h3>
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : राहत: नालंदा के हर प्रखंड में बनेगी सब्जी मंडी सब्जियों को ताजा रखने के लिए 10 टन क्षमता का कोल्ड चैंबर भी किसानों को मिलेगा उचित दम, बिचौलियों की होगी छुट्टी वेन में जमीन चिह्नित, अन्य प्रखण्डों में की जा रही तलाश फोटो सब्जी : बिहारशरीफ के सोहडीह इलाके में खेत में तैयार हो रही सब्जी की फसल। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। नालंदा के प्रत्येक प्रखंड में सब्जी मंडी बनेगी। किसानों की समितियां इसका संचालन करेंगी। अपने उत्पाद की कीमत किसान खुद तय करेंगे। बिचौलियों की मनमानी नहीं चलेगी। कमीशन देने का कोई झमेला नहीं रहेगा। बेहतर बाजार मिलेगा तो उत्पाद का उचित दाम मिलेगा। फायदा धरती पुत्रों को होगा। किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए सहकारिता विभाग के अधीन बना बेजफेड द्वारा जिले के सभी 20 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पाद सहकारी समिति (पीवीसीएस) बना लिया गया है। समितियों से दो हजार से अधिक सब्जी उत्पादकों को जोड़ा गया है। पीवीसीएस के उप मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी देवेन्द्र कुमार शर्मा बताते हैं कि सब्जी मंडी बनाने के लिए प्रखंडों में जमीन की तलाश की जा रही है। वेन प्रखंड मुख्यालय में जमीन मिल चुकी है। भौतिक सत्यापन करना शेष है। उसके बाद राशि के आवंटन के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही मंडी का निर्माण कार्य शुरू होगा। जबकि, अन्य प्रखंडों के सीओ को सरकारी जमीन मुहैया कराने के लिए पत्र भेजा गया है। बिहारशरीफ के चकरसलपुर में डीटीओ कार्यालय के आगे जमीन देखा गया है। 10 टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग की भी व्यवस्था: सब्जी मंडी 10 हजार (100 फीट वाय 100 फीट) वर्गफीट जमीन में बननी है। कम से कम 8000 वर्गफीट जमीन मिल जाती है तो भी निर्माण किया जा सकता है। मंडी बनाने पर एक करोड़ 15 लाख रुपया खर्च होगा। मंडी परिसर में उत्पादों की पैकेजिंग की पूरी व्यवस्था होगी। सब्जियां खराब न हो इसके लिए 10 टन क्षमता का मल्टी चैंबर कोल्ड स्टोरेज बनेगा। दुकानें बनायी जाएंगी। मंडी को छोटा बाजार का रूप दिया जाएगा। इतना ही नहीं किसानों को बीज, खाद और कीटनाशी दवाओं के अलावा सभी प्रकार की सुविधाएं भी मुहैया करायी जाएंगी। ऑनलाइन भी बिकेंगी सब्जियां: बड़ी राहत यह भी कि किसानों को ऑनलाइन सब्जियों की मार्केटिंग करने की सुविधाएं भी दी जाएगी। समितियों को इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग (इनाम) से जोड़ा जाएगा। इनाम से जुड़ जाने के बाद नालंदा के किसान ऑनलाइन सब्जी बेच सकेंगे। इससे आमदनी बढ़ेगी। लीज पर ली गयी जमीन में लगा पेच: सब्जी मंडी के लिए सरकारी जमीन को प्राथमिकता दी जानी है। वैसे, निजी जमीन को भी समितियां अपने नाम पर लीज पर ले सकती हैं। हिलसा, चंडी, राजगीर और हरनौत में जमीन को लीज पर लिया भी गया है। लेकिन, इसमें में भी पेच लग गया है। समिति के नाम पर लीज न लेकर, सदस्य के नाम पर लीज कराया गया है। इसके कारण निर्माण कार्य अटक गया है। मिलेगा बाजार तो बढ़ेगी आमदनी: सब्जी मंडी बनते ही किसानों के लिए बाजार की समस्या खत्म हो जाएगी। साथ ही आसपास के लोगों को भी सस्ती और ताजी सब्जियां मिलेंगी। ऑनलाइन सब्जी बेचने की सुविधा मिलने से किसानों को अपने उत्पाद की उचित कीमत मिलेगी। कोल्ड चैंबर बन जाने से सब्जियों के खराब होने का डर नहीं रहेगा। अधिकारी बोले: जिन प्रखंडों में जमीन मिल चुकी है, वहां जल्द ही मंडी का निर्माण शुरू कराया जाएगा। अन्य प्रखंडों में जमीन की तलाश की जा रही है। योजना के धरातल पर उतरने के बाद सब्जी उत्पादकों कई फायदे मिलेंगे। धर्मनाथ प्रसाद, जिला सहकारिता पदाधिकारी, नालंदा मुख्य बातें : 10 हजार वर्गफीट में सब्जी मंडी का होगा निर्माण 01 करोड़ 15 लाख प्रत्येक मंडी के निर्माण पर होगा खर्च
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : राहत: नालंदा के हर प्रखंड में बनेगी सब्जी मंडी सब्जियों को ताजा रखने के लिए 10 टन क्षमता का कोल्ड चैंबर भी किसानों को मिलेगा उचित दम, बिचौलियों की होगी छुट्टी वेन में जमीन चिह्नित, अन्य प्रखण्डों में की जा रही तलाश फोटो सब्जी : बिहारशरीफ के सोहडीह इलाके में खेत में तैयार हो रही सब्जी की फसल। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। नालंदा के प्रत्येक प्रखंड में सब्जी मंडी बनेगी। किसानों की समितियां इसका संचालन करेंगी। अपने उत्पाद की कीमत किसान खुद तय करेंगे। बिचौलियों की मनमानी नहीं चलेगी। कमीशन देने का कोई झमेला नहीं रहेगा। बेहतर बाजार मिलेगा तो उत्पाद का उचित दाम मिलेगा। फायदा धरती पुत्रों को होगा। किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए सहकारिता विभाग के अधीन बना बेजफेड द्वारा जिले के सभी 20 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पाद सहकारी समिति (पीवीसीएस) बना लिया गया है। समितियों से दो हजार से अधिक सब्जी उत्पादकों को जोड़ा गया है। पीवीसीएस के उप मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी देवेन्द्र कुमार शर्मा बताते हैं कि सब्जी मंडी बनाने के लिए प्रखंडों में जमीन की तलाश की जा रही है। वेन प्रखंड मुख्यालय में जमीन मिल चुकी है। भौतिक सत्यापन करना शेष है। उसके बाद राशि के आवंटन के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही मंडी का निर्माण कार्य शुरू होगा। जबकि, अन्य प्रखंडों के सीओ को सरकारी जमीन मुहैया कराने के लिए पत्र भेजा गया है। बिहारशरीफ के चकरसलपुर में डीटीओ कार्यालय के आगे जमीन देखा गया है। 10 टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग की भी व्यवस्था: सब्जी मंडी 10 हजार (100 फीट वाय 100 फीट) वर्गफीट जमीन में बननी है। कम से कम 8000 वर्गफीट जमीन मिल जाती है तो भी निर्माण किया जा सकता है। मंडी बनाने पर एक करोड़ 15 लाख रुपया खर्च होगा। मंडी परिसर में उत्पादों की पैकेजिंग की पूरी व्यवस्था होगी। सब्जियां खराब न हो इसके लिए 10 टन क्षमता का मल्टी चैंबर कोल्ड स्टोरेज बनेगा। दुकानें बनायी जाएंगी। मंडी को छोटा बाजार का रूप दिया जाएगा। इतना ही नहीं किसानों को बीज, खाद और कीटनाशी दवाओं के अलावा सभी प्रकार की सुविधाएं भी मुहैया करायी जाएंगी। ऑनलाइन भी बिकेंगी सब्जियां: बड़ी राहत यह भी कि किसानों को ऑनलाइन सब्जियों की मार्केटिंग करने की सुविधाएं भी दी जाएगी। समितियों को इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग (इनाम) से जोड़ा जाएगा। इनाम से जुड़ जाने के बाद नालंदा के किसान ऑनलाइन सब्जी बेच सकेंगे। इससे आमदनी बढ़ेगी। लीज पर ली गयी जमीन में लगा पेच: सब्जी मंडी के लिए सरकारी जमीन को प्राथमिकता दी जानी है। वैसे, निजी जमीन को भी समितियां अपने नाम पर लीज पर ले सकती हैं। हिलसा, चंडी, राजगीर और हरनौत में जमीन को लीज पर लिया भी गया है। लेकिन, इसमें में भी पेच लग गया है। समिति के नाम पर लीज न लेकर, सदस्य के नाम पर लीज कराया गया है। इसके कारण निर्माण कार्य अटक गया है। मिलेगा बाजार तो बढ़ेगी आमदनी: सब्जी मंडी बनते ही किसानों के लिए बाजार की समस्या खत्म हो जाएगी। साथ ही आसपास के लोगों को भी सस्ती और ताजी सब्जियां मिलेंगी। ऑनलाइन सब्जी बेचने की सुविधा मिलने से किसानों को अपने उत्पाद की उचित कीमत मिलेगी। कोल्ड चैंबर बन जाने से सब्जियों के खराब होने का डर नहीं रहेगा। अधिकारी बोले: जिन प्रखंडों में जमीन मिल चुकी है, वहां जल्द ही मंडी का निर्माण शुरू कराया जाएगा। अन्य प्रखंडों में जमीन की तलाश की जा रही है। योजना के धरातल पर उतरने के बाद सब्जी उत्पादकों कई फायदे मिलेंगे। धर्मनाथ प्रसाद, जिला सहकारिता पदाधिकारी, नालंदा मुख्य बातें : 10 हजार वर्गफीट में सब्जी मंडी का होगा निर्माण 01 करोड़ 15 लाख प्रत्येक मंडी के निर्माण पर होगा खर्च