राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आज: आगे बढऩे के लिए हैं नए बेहतरीन अवसर | National Science Day today: There are new great opportunities to progr | News 4 Social h3>
……………… सॉफ्टवेयर डवलपमेंट
इस क्षेत्र में आप फुल स्टैक डवलपर, वेब डवलपर, डेस्कटॉप डवलपर, मोबाइल डवलपर, ग्राफिक्स डवलपर, गेम डवलपर, बिग डेटा डवलपर, सिक्योरिटी डवलपर के रूप में कॅरियर बना सकते हैं। १२वीं के बाद कंप्यूटर साइंस, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, डेटा साइंस, मैथमेटिक्स, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सहित अन्य में स्नातक कर आप सॉफ्टवेयर डवलपर बन सकते हैं। इसके लिए आपको कई प्रोग्रामिंग भाषा भी सीखनी होगी।
संस्थान: आइआइटी रुडक़ी, आइआइटी मद्रास, बिट्स पिलानी।
………………. एस्ट्रोफिजिक्स
एस्ट्रोफिजिक्स अंतरिक्ष विज्ञान की एक शाखा है, जो सितारों, ग्रहों, आकाशगंगाओं व ब्रह्मांड से संबंधित व्याख्या करने के लिए भौतिक व रसायन विज्ञान के नियमों को लागू करती है। अगर अंतरिक्ष, खगोलीय पिंडों, सितारों में रुचि रखते हैं, तो इसमें भी आपके पास बेहतरीन कॅरियर ऑप्शन हंै।
संस्थान: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भुवनेश्वर
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंगलूरु।
……….. फोरेंसिक साइंस फोरेंसिक एक्सपट्र्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। आप इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआइ), राज्य के क्राइम सेल आदि में काम कर सकते हैं। फोरेंसिक टीचर के रूप में भी कॅरियर बना सकते हैं। १२वीं के बाद फोरेंसिक साइंस में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। फोरेंसिक साइंस में डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं।
संस्थान: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, दिल्ली
सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, हैदराबाद एवं चंडीगढ़
इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस, मुंबई ………………… इनकी भी है डिमांड ब्लॉकचेन डवलपर: ब्लॉकचेन इंजीनियर ब्लॉकचेन जानकारी को रिकॉर्ड करने और संग्रहीत करने के लिए फ्रेमवर्क बनाकर सुरक्षित डिजिटल एक्सचेंज को सशक्त बनाते हैं, ताकि हैंकिंग को रोका जा सके।
क्वांटम कंप्यूटर प्रोग्रामर: क्वांटम कंप्यूटिंग एक तेजी से उभरती हुई तकनीक है, जो पारंपरिक कंप्यूटरों के लिए बहुत जटिल समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम यांत्रिकी के नियमों का उपयोग करती है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर: एयरोनॉटिकल इंजीनियर एयरक्राफ्ट का डिजाइन, विकास और रखरखाव करते हैं।
एयरोस्पेस इंजीनियर: इसमें वायुमंडलीय तनाव के तहत उपयोग की जाने वाली सामग्रियों और संरचनाओं की जटिलताओं का अध्ययन है।
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……………… सॉफ्टवेयर डवलपमेंट
इस क्षेत्र में आप फुल स्टैक डवलपर, वेब डवलपर, डेस्कटॉप डवलपर, मोबाइल डवलपर, ग्राफिक्स डवलपर, गेम डवलपर, बिग डेटा डवलपर, सिक्योरिटी डवलपर के रूप में कॅरियर बना सकते हैं। १२वीं के बाद कंप्यूटर साइंस, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, डेटा साइंस, मैथमेटिक्स, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सहित अन्य में स्नातक कर आप सॉफ्टवेयर डवलपर बन सकते हैं। इसके लिए आपको कई प्रोग्रामिंग भाषा भी सीखनी होगी।
संस्थान: आइआइटी रुडक़ी, आइआइटी मद्रास, बिट्स पिलानी।
………………. एस्ट्रोफिजिक्स
एस्ट्रोफिजिक्स अंतरिक्ष विज्ञान की एक शाखा है, जो सितारों, ग्रहों, आकाशगंगाओं व ब्रह्मांड से संबंधित व्याख्या करने के लिए भौतिक व रसायन विज्ञान के नियमों को लागू करती है। अगर अंतरिक्ष, खगोलीय पिंडों, सितारों में रुचि रखते हैं, तो इसमें भी आपके पास बेहतरीन कॅरियर ऑप्शन हंै।
संस्थान: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भुवनेश्वर
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंगलूरु।
……….. फोरेंसिक साइंस फोरेंसिक एक्सपट्र्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। आप इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआइ), राज्य के क्राइम सेल आदि में काम कर सकते हैं। फोरेंसिक टीचर के रूप में भी कॅरियर बना सकते हैं। १२वीं के बाद फोरेंसिक साइंस में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। फोरेंसिक साइंस में डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं।
संस्थान: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, दिल्ली
सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, हैदराबाद एवं चंडीगढ़
इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस, मुंबई ………………… इनकी भी है डिमांड ब्लॉकचेन डवलपर: ब्लॉकचेन इंजीनियर ब्लॉकचेन जानकारी को रिकॉर्ड करने और संग्रहीत करने के लिए फ्रेमवर्क बनाकर सुरक्षित डिजिटल एक्सचेंज को सशक्त बनाते हैं, ताकि हैंकिंग को रोका जा सके।
क्वांटम कंप्यूटर प्रोग्रामर: क्वांटम कंप्यूटिंग एक तेजी से उभरती हुई तकनीक है, जो पारंपरिक कंप्यूटरों के लिए बहुत जटिल समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम यांत्रिकी के नियमों का उपयोग करती है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर: एयरोनॉटिकल इंजीनियर एयरक्राफ्ट का डिजाइन, विकास और रखरखाव करते हैं।
एयरोस्पेस इंजीनियर: इसमें वायुमंडलीय तनाव के तहत उपयोग की जाने वाली सामग्रियों और संरचनाओं की जटिलताओं का अध्ययन है।