राष्ट्रपति चुनाव : जिसके साथ बिहार उसकी जीत तय, आंकड़ों के जरिए समझिए पूरा कैलकुलेशन h3>
पटना : देश में 17वें राष्ट्रपति के लिए जुलाई में चुनाव (India Presidential Election) होगा। भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का कार्यकाल 25 जुलाई 2022 को खत्म हो जाएगा। इससे पहले 17वें राष्ट्रपति का चुनाव संपन्न होगा। लिहाजा राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अंकगणित को मजबूत किया जा रहा है। फिलहाल 17 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं। राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में बहुमत का आंकड़ा 5 लाख 46 हजार 320 है। बीजेपी के पास 4 लाख 65 हजार 797 वोट हैं और उसके सहयोगी दलों के पास 71 हजार 329 वोट हैं। दोनों को मिला दिया जाए तो एनडीए के पास कुल 5 लाख 37 हजार 126 मत है, जो बहुमत से 9 हजार 194 वोट कम हैं। मतलब सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए एक-एक वोट काफी महत्वपूर्ण है। अब पूरा खेल मैनेजमेंट का है।
राष्ट्रपति चुनाव का बिहार कनेक्शन
देश की जनता सीधे तौर पर राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालती है। सांसद और विधायक इस चुनाव में भाग लेते हैं। इसमें राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद और विधायकों को वोट देने का अधिकार है। इसके अलावा किसी को वोटिंग अधिकार नहीं होता है। मतदान के वक्त बैलेट पेपर पर पहली, दूसरी और तीसरी पसंद का जिक्र किया जाता है। इसके बाद जिसकी जीत होती है उसकी घोषणा की जाती है। चूंकि समय कम रह गया है तो राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी भी जोर पकड़ने लगी है। आजादी के बाद देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे। ऐसे में बिहार का फोकस भी राष्ट्रपति चुनाव पर रहता है।
बिहार में 81687 वैल्यू के वोट
राष्ट्रपति चुनाव तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के कैलकुलेशन में अगर कोई फेरबदल नहीं होता है तो बिहार से एनडीए को निर्णायक बढ़त है। आबादी के मुताबिक जनप्रतिनिधियों के वोटों की एक कीमत (वैल्यू) तय होती है। उसके मुताबिक बिहार के पास राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा तीनों मिलाकर कुल 81 हजार 687 मूल्य के वोट हैं। प्रदेश में राज्यसभा की दो सीटें अभी खाली है। एक सीट किंग महेंद्र के निधन से और दूसरी सीट शरद यादव के दल-बदल के कारण खाली है। दोनों ही सीटें जेडीयू कोटे की है। पूरी उम्मीद है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले खाली दोनों सीटों पर चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा।
बिहार में किस पार्टी के पास, कितने वोट
राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के एक विधायक के मत का मूल्य 173 है। इस तरह विधायकों के कुल मत का वैल्यू 42 हजार 39 है। राज्यसभा और लोकसभा के प्रत्येक सदस्य का वोट वैल्यू देश भर में 708 है। बिहार में दोनों सदन मिलाकर 56 सदस्य हैं। दो खाली होने की वजह से अभी 54 है। इस हिसाब से कुल 38 हजार 232 वोट हुआ। अगर राज्यसभा की दो खाली सीटों पर चुनाव हो जाता है तो 39 हजार 648 हो जाएगा।
- बीजेपी : 28189
- जेडीयू : 21945
- आरजेडी : 15980
- कांग्रेस : 4703
- सीपीआईएमएल : 2076
- सीपीआई : 346
- सीपीआईएम : 346
- एआईएमआईएम : 865
- हम : 692
- निर्दलीय : 173
- कुल : 80,271
राष्ट्रपति चुनाव में नहीं काम आता व्हिप
बिहार के लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के तीनों सदस्यों की वोटों की वैल्यू 80 हजार 271 हैं। इसमें एनडीए के पास सभी दलों को मिलाकर 54 हजार 539 मत हैं, जबकि विपक्ष के पास 25 हजार 24 वोट। मतलब 29 हजार 515 मतों से बिहार एनडीए को बढ़त दे सकता है। राष्ट्रपति पद के चुनाव में पार्टियों का व्हिप नियम लागू नहीं होता है। इसलिए पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में अपनी इच्छा से वोट करने की आजादी होती है। हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए दल-बदल की उम्मीद कम ही है।
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देश की जनता सीधे तौर पर राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालती है। सांसद और विधायक इस चुनाव में भाग लेते हैं। इसमें राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद और विधायकों को वोट देने का अधिकार है। इसके अलावा किसी को वोटिंग अधिकार नहीं होता है। मतदान के वक्त बैलेट पेपर पर पहली, दूसरी और तीसरी पसंद का जिक्र किया जाता है। इसके बाद जिसकी जीत होती है उसकी घोषणा की जाती है। चूंकि समय कम रह गया है तो राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी भी जोर पकड़ने लगी है। आजादी के बाद देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल थे। ऐसे में बिहार का फोकस भी राष्ट्रपति चुनाव पर रहता है।
बिहार में 81687 वैल्यू के वोट
राष्ट्रपति चुनाव तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के कैलकुलेशन में अगर कोई फेरबदल नहीं होता है तो बिहार से एनडीए को निर्णायक बढ़त है। आबादी के मुताबिक जनप्रतिनिधियों के वोटों की एक कीमत (वैल्यू) तय होती है। उसके मुताबिक बिहार के पास राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा तीनों मिलाकर कुल 81 हजार 687 मूल्य के वोट हैं। प्रदेश में राज्यसभा की दो सीटें अभी खाली है। एक सीट किंग महेंद्र के निधन से और दूसरी सीट शरद यादव के दल-बदल के कारण खाली है। दोनों ही सीटें जेडीयू कोटे की है। पूरी उम्मीद है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले खाली दोनों सीटों पर चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा।
बिहार में किस पार्टी के पास, कितने वोट
राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के एक विधायक के मत का मूल्य 173 है। इस तरह विधायकों के कुल मत का वैल्यू 42 हजार 39 है। राज्यसभा और लोकसभा के प्रत्येक सदस्य का वोट वैल्यू देश भर में 708 है। बिहार में दोनों सदन मिलाकर 56 सदस्य हैं। दो खाली होने की वजह से अभी 54 है। इस हिसाब से कुल 38 हजार 232 वोट हुआ। अगर राज्यसभा की दो खाली सीटों पर चुनाव हो जाता है तो 39 हजार 648 हो जाएगा।
- बीजेपी : 28189
- जेडीयू : 21945
- आरजेडी : 15980
- कांग्रेस : 4703
- सीपीआईएमएल : 2076
- सीपीआई : 346
- सीपीआईएम : 346
- एआईएमआईएम : 865
- हम : 692
- निर्दलीय : 173
- कुल : 80,271
राष्ट्रपति चुनाव में नहीं काम आता व्हिप
बिहार के लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के तीनों सदस्यों की वोटों की वैल्यू 80 हजार 271 हैं। इसमें एनडीए के पास सभी दलों को मिलाकर 54 हजार 539 मत हैं, जबकि विपक्ष के पास 25 हजार 24 वोट। मतलब 29 हजार 515 मतों से बिहार एनडीए को बढ़त दे सकता है। राष्ट्रपति पद के चुनाव में पार्टियों का व्हिप नियम लागू नहीं होता है। इसलिए पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में अपनी इच्छा से वोट करने की आजादी होती है। हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए दल-बदल की उम्मीद कम ही है।