रामनवमी हिंसा को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर लगाया बड़ा आरोप

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रामनवमी हिंसा को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर लगाया बड़ा आरोप

रामनवमी हिंसा को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर लगाया बड़ा आरोप


इंदौर: पश्चिम बंगाल में रामनवमी की शोभायात्राओं के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़पों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने निशाना साधा है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को आरोप लगाया कि यह हिंसा राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार की तरफ से प्रायोजित थी। विजयवर्गीय इंदौर बीजेपी कार्यालय में पार्टी की एक स्थानीय बैठक में आए थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन सामने आई सांप्रदायिक हिंसा राज्य सरकार की तरफ प्रायोजित थी। खुद मुख्यमंत्री ने हिंदुओं के इस त्यौहार के दौरान दिए गए धरने में भड़काऊ बयानबाजी की थी।
उन्होंने कहा कि बनर्जी मुख्यमंत्री जैसे जवाबदेह पद पर हैं। मैं समझता हूं कि उन्हें गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी से बचना चाहिए। विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी की शोभायात्राओं के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़पों में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने दावा किया कि खुद बनर्जी चाहती हैं कि उनके सूबे में सांप्रदायिक तनाव हो ताकि वह इसका सियासी फायदा उठा सकें। बीजेपी महासचिव ने यह आरोप भी लगाया कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी या हनुमान जयंती की शोभायात्राओं में रुकावट पैदा करने वाले लोगों को खुद राज्य सरकार “सुरक्षा” देती है।

विजयवर्गीय ने एक सवाल पर कहा कि ‘‘मोदी इफेक्ट’’ (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभाव) के कारण कांग्रेस का रूपांतरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस के नेता यदि किसी धार्मिक कार्यक्रम में दिखाई देते थे, तो वह केवल रोजा इफ्तार था। अब तो उनके नेता जनेऊ डालने लगे हैं, मंदिर जाने लगे हैं और हनुमान चालीसा पढ़ने लगे हैं। इसका मतलब है कि न सिर्फ देश पर, बल्कि कांग्रेस पर भी मोदी इफेक्ट है।

बीजेपी महासचिव ने कहा कि राहुल गांधी ने लंदन में दिए बयान पर इसलिए माफी नहीं मांगी क्योंकि वह “सामंती मस्तिष्क वाले नेता” हैं। उनका लोकतंत्र, संसद और न्यायपालिका में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों समाचार चैनलों पर पाकिस्तान के लोगों को पछतावे के साथ यह कहते सुना जा सकता है। वह कह रहे हैं कि वर्ष 1947 में भारत की आजादी के बाद देश के बंटवारे को लेकर मोहम्मद अली जिन्ना का निर्णय गलत था।

कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत प्रगति कर रहा है और विश्व में देश की साख बन रही है, जबकि पाकिस्तान दुनिया के दरिद्रतम देशों की जमात में शामिल हो गया है। ऐसे में वहां (पाकिस्तान) के लोगों को लगने लगा है कि हमें भारत से मिल जाना चाहिए।

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