रामनवमी पर बवालः मध्य प्रदेश सरकार ने आरोपी का मकान-दुकान ही ढहा दिया

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रामनवमी पर बवालः मध्य प्रदेश सरकार ने आरोपी का मकान-दुकान ही ढहा दिया

रामनवमी पर बवालः मध्य प्रदेश सरकार ने आरोपी का मकान-दुकान ही ढहा दिया

खरगोन : एमपी के खरगोन और सेंधवा में रामनवमी के दिन हिंसा (mp government demolished house of rioters) के बाद कार्रवाई शुरू हो गई है। आरोपियों के घर पर शिवराज सरकार का बुलडोजर चल रहा है। रामनवमी के दंगों में शामिल 50 से अधिक आरोपियों के घरों और दुकानों को ध्वस्त (khargone live news update) कर दिया गया है। रामनवमी हिंसा में खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी समेत 27 लोग घायल हुए हैं। एसपी को पैर में गोली लगी है। वह अस्पताल में भर्ती हैं और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। वहीं, हिंसा में घायल एक 16 साल का लड़का वेंटिलेटर पर है।


घटना के बाद प्रदेश में प्रशासनिक कार्रवाई तेज हो गए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि कार्रवाई ऐसी हो कि पूरे प्रदेश में एक नजीर पेश हो। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि जिन घरों से पथराव किया गया है, उन्हें पत्थरों में बदल दिया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है। उनकी पहचान हो गई है। उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एमपी में हमने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान की रोकथाम और नुकसान की वसूली विधेयक पारित किया है। खरगोन के दंगाइयों को न केवल दंडित किया जाएगा, बल्कि उनसे हर्जाना भी वसूल किया जाएगा।

खरगोन से लेकर दुमका तक, रामनवमी के पावन मौके पर किसने की नापाक साजिश?
अभी तक खरगोन हिंसा में 84 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। तीन सरकारी कर्मचारियों को अफवाह फैलाने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। इसके साथ ही एक कर्मचारी को सस्पेंड भी किया गया है। प्रशासन अन्य आरोपियों की पहचान कर रही है। कार्रवाई के बीच देर रात खरगोन में फिर से हिंसा भड़की थी। उपद्रवियों ने एक बस में आग लगा दी थी। खरगोन हिंसा मामले में छह केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।


कार्रवाई पर उठे सवाल

वहीं, खरगोन में चल रहे बुलडोजर कार्रवाई पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि एकपक्षीय कार्रवाई चल रही है। एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने कहा है कि एमपी में, मंसूबा-बंद तरीके से कानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी हो चुका है। शिवराज सिंह चौहान भले ही आपकी विचारधारा मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमले को सही ठहराती हो लेकिन ये न भूलें कि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं, जनता की जान और माल की सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है। सत्ता के नशे में शरसार होकर और कानून को बलाए ताक रखकर जो आप गरीबों के आशियाने उजाड़ रहे हो, याद रखो, आज सरकार आपकी है, कल नहीं होगी।

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