रामचरितमानस विवाद: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को होगी जेल? कई जिलों में मुकदमा दायर, बीजेपी बरसी
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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस पर टिप्पणी करके विवादों में आ गए हैं। उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। शिक्षा मंत्री के खिलाफ बिहार के कई जिलों में परिवाद दायर किए गए हैं। अधिकतर मुकदमे बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों द्वारा दर्ज कराए गए हैं। पूर्णिया कोर्ट शिक्षा मंत्री के खिलाफ दायर परिवाद पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि धर्म और जाति आधार पर नफरत फैलाने के आरोप में मंत्री चंद्रशेखर को 3 साल तक की जेल हो सकती है।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पिछले दिनों पटना में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला और जाति के आधार पर समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था। उनके इस बयान का बीजेपी ही नहीं बल्कि संत समाज और आरजेडी की सहयोगी पार्टियां जेडीयू और कांग्रेस ने भी विरोध किया। हालांकि, शिक्षा मंत्री अपने बयान पर कायम हैं।
अब बीजेपी ने उनके खिलाफ अलग-अलग शहरों की अदालतों में परिवाद दायर कराए हैं। राजधानी पटना समेत पूर्णिया, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, खगड़िया, सासाराम, अरवल, भभुआ समेत अन्य शहरों में परिवाद दर्ज हुए हैं।
शिक्षा मंत्री को हो सकती है 3 साल की जेल : बीजेपी
बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने गुरुवार को कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ 30 से अधिक जिलों की सीजेएम अदालत में धारा 153-ए, 153-बी, 205-ए और 505 के तहत मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। आइपीसी की इन धाराओं के अन्तर्गत बोल कर या लिख कर धार्मिक भावनाएं आहत करने, समाज में धर्म-जाति के आधार नफरत फैलाने और राष्ट्रीय अखंडता पर चोट करने जैसे अपराध में तीन साल तक के कारावास, जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर के बयान से पूरे हिंदू समाज में रोष है, लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने ऐसे बयान की निंदा तक नहीं की। मंत्री चंद्रशेखर के बयान का बचाव कर आरजेडी ने हिंदू समाज को आहत किया और अब वह इसे अगड़े-पिछड़े की लड़ाई बताने की साजिश में लग गई है।
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पूर्णिया कोर्ट में आज सुनवाई
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ पूर्णिया की सीजेएम कोर्ट में दायर परिवाद पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। शहर के कोरटबाड़ी निवासी अखिल भारत हिन्दू महासभा के उपाध्यक्ष निवासी देवेन्द्र कुमार सिंह ने गुरुवार को परिवाद-पत्र दायर किया। इसमें कहा गया है कि शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण में रामचरितमानस के कुछ श्लोकों का हवाला देकर उसकी उसकी गलत व्याख्या की।