रामघाट पुलिया जर्जर, हादसे का खतरा

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रामघाट पुलिया जर्जर, हादसे का खतरा

रामघाट पुलिया जर्जर, हादसे का खतरा

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बहेड़ी। प्रखंड क्षेत्र के रामघाट वनडिहुली के मुख्य सड़क में अवस्थित पुलिया काफी जीर्ण-शीर्ण व पुरानी हो चुकी है। यह सड़क रामघाट से शांति नायक उच्च विद्यालय बहेड़ी में जाकर एसएच 88 में मिल जाती है। इस पुलिया का निर्माण वर्ष 1998-99 में करीब ढाई लाख रुपये की लागत से बनाई गयी थी।
बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र के तात्कालिक विधायक रामलखन यादव के ऐच्छिक कोष से बनाया गया था। इसके बाद यह क्षेत्र बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र में तब्दील हो गया था। फिर 2010 ईस्वी में बेनीपुर विधानसभा के तत्कालीन विधायक गोपालजी ठाकुर ने इस सड़क का पक्कीकरण करवाया था। लेकिन पुलिया करीब 25 वर्षों से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। इस पुलिया से करीब सैकड़ो गांव के लाखों लोग प्रतिदिन आवाजाही करते हैं। पुलिया का दीवार भी नीचे से दरक गया है। पुलिया के ऊपरी भाग का डायना भी टूट कर विलीन हो गया है।

इस पुलिया से प्रतिदिन ट्रक, ट्रैक्टर, पिकअप आदि सभी तरह की बड़ी गाड़ियां गुजरती रहती है। जो कई बार हादसे का शिकार भी हो चुका है। पुलिया व सड़क का मरम्मत नहीं होने के कारण काफी जानलेवा हो चुका है। लोग जान हथेली पर लेकर इस पुलिया को पार करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुलिया से पार करते समय ट्रक, ट्रैक्टर, पिकअप व घोड़ा गाड़ी टमटम नीचे गिर चुका है। इस पुलिया की तरफ जनप्रतिनिधियों के ध्यान नहीं दिए जाने से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखा गया। क्योंकि पुलिया के साथ-साथ सड़क भी चलने लायक नहीं रह गया है। यहां तक की पुलिया का मरम्मत करवाने से भी ठीक नहीं होगी। जब तक की उसका पूर्ण रूप से नए ढंग से, नए पुल का निर्माण नहीं कर दिया जाता है।स्थानीय पंचायत समिति सदस्य प्रमोद यादव ने बताया कि करीब चार-पांच साल पहले घोड़ा गाड़ी टमटम के पुलिया के क्षतिग्रस्त होने के कारण नीचे गिर गया था। जिससे घोड़ा का मृत्यु हो गया था। पुलिया काफी संकीर्ण व क्षतिग्रस्त हो गया है।स्थानीय रविंद्र महतो ने बताया कि करीब आठ साल पहले जनरेटर व टेंट का सामान लोड पिकअप गाड़ी इस पुलिया के नीचे पलट कर चला गया था। जिससे सभी सामान क्षतिग्रस्त होने से लाखों रुपये का नुकसान हो गया था। स्थानीय शिवदयाल यादव ने बताया कि करीब दो साल पहले पुलिया के क्षतिग्रस्त रहने के कारण ईंट लदी हुई ट्रैक्टर ट्रॉली सहित पुलिया के नीचे जा गिरा था। जिसमें ड्राइवर की जान बच गया था। स्थानीय सुरेंद्र यादव ने बताया कि उनके पिताजी उमाकांत यादव के देखरेख में 1998-99 ईस्वी में उस पुलिया का निर्माण करीब ढाई लाख रुपए की लागत से किया गया था। 2010 ईस्वी में बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक गोपालजी ठाकुर के कार्यकाल में इस पुलिया का कुछ मरम्मत किया गया था जो नाकाफी साबित हुआ। नए पुल का निर्माण नहीं होने की स्थिति में कभी भी इस पुलिया पर बड़ा हादसा हो सकता है।

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