रातभर चलती रही सियासत; बाबूजी का वास्ता तो कहीं दगाबाजी के चर्चे | Situation on the eve of end of election campaign in Bhopal | News 4 Social h3>
भोपालPublished: Nov 14, 2023 11:03:20 pm
Bhopal मंगलवार की रात का नजारा कुछ अलग ही दिखा। गुलाबी ठंड के बावजूद आधी रात के बाद तक माहौल में गर्मी दिखी। भाजपा और कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य दलों के प्रत्याशियों ने अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोक दी।
भोपाल. राजधानी में मंगलवार की रात का नजारा कुछ अलग ही दिखा। गुलाबी ठंड के बावजूद आधी रात के बाद तक माहौल में गर्मी दिखी। भाजपा और कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य दलों के प्रत्याशियों ने अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोक दी। चौक इलाके की संकरी गलियों में सियासत और विरासत का अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां राजनीति की चालें शतरंज के मोहरे की तरह बिछी हैं। चौक में खाने-पीने की लजीज दुकानों से लेकर हर छोटी बड़ी खरीदारी का बड़ा मशहूर राजनीति के रंग में डूबा दिखा। आम दिनों में १० बजते-बजते बंद हो जानी गर्मागर्म समोसे और कचौडिय़ों की दुकानों के शटर रात १२ बजे तक अधखुले रहे। समोसे में हरी और लाल चटनी के साथ बेसन के सेव के साथ सियासत की कुछ खट्टी, कुछ मीठी और कुछ कुरकुरी सी बातें होती रहीं। पत्रिका टीम ने भोपाल की सातों विधानसभाओं की सियासत की जमीनी हकीकत जानने-समझने की कोशिश की…
दोनों दलों का चाट खाया, मुंह पोछा और खिसक लिए
एक मशहूर चाट की दुकान पर भीड़ थी। यह जानने की कोशिश की कि चुनाव किस करवट बैठेगा। आसपास खड़े लोग मुस्करा दिए। किसी ने कहा-अबकी पोजीशन थोड़ी टाइट है। तो कुछ लोग चुपचाप नि:स्र्पह भाव से दोनों ही दलों के परोसे चाट के पत्ते चट कर खिसक लिए।
चचा-भतीजे में रोचक जंग
समूचे मप्र में भोपाल में ही है जहां की दो विधानसभा सीटों से मुस्लिम प्रत्याशी सदन में पहुंचे हैं। उत्तर विधानसभा और मध्य विधानसभा सीट दोनो ही इलाके कांग्रेस का गढ़ कहे जाते हैं। उत्तर विधानसभा सीट से आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील के समर्थक जिंदाबाद के नारे लगाते दिखे तो उसकी दोगुनी आवाज में आमिर अकील जिंदाबाद का नारा गूंजा। पास खड़े रसूल मियां कहते हैं आरिफ साहब के बेटे अकील की लड़ाई इस बार भाजपा से कम उनके चाचा आमिर अकील से ज्यादा है।
अतिक्रमण और अवैध झोपडिय़ों पर कोई बात नहीं
भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा और आम आदमी पार्टी के मोहम्मद सऊद व कांग्रेस के ही एक बागी नेता नासिर इस्लाम के समर्थक भी देर रात्रि तक खाने-पीने की दुकानों पर जुटे रहे। युवा पंकज अवस्थी कहते हैं प्रत्याशियों की भीड़ में अतिक्रमण और अवैध झोपडिय़ों पर इस बार भी कोई बात नहीं हो रही।
एकतरफा मैदान मार पाना मुश्किल
मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस के आरिफ मसूद के मुकाबले भाजपा से ध्रुव नारायण सिंह हैं। दोनों प्रत्याशियों ने अच्छा चुनावी माहौल खड़ा किया है। लाड़ली बहना और प्रत्याशी की सर्वसुलभता के बीच मतदाताओं को वोट करना है। कुछ महिलाओं से भी बात होती है लेकिन वे खुलकर नहीं बोलतीं। इसलिए यह बता पाना मुश्किल है कि कोई एकतरफा मैदान मारने की स्थिति में है।
ब्राह्मण कार्ड की एंट्री
रात के नौ बजे हैं। उम्मीदवारों की सभाएं हो रही हैं। नरेला में चुनाव प्रचार खत्म होने के एक दिन पहले ब्राह्मणों की लामबंदी में कांग्रेस जुटी है। यहां से भाजपा से विश्वास सारंग तो कांग्रेस ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मनोज शुक्ला मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी के रयास मलिक भी सेंधमारी में जुटे हैं।
बाबूजी के भरोसे
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौड़ की बहू कृष्णा गौर गोविंदपुरा का प्रचार देर रात तक जारी है। वे हर सभा में अपने बाबूजी का वास्ता दे रही हैं। तो कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र साहू विकास की वास्ता दे रहे हैं।
यहां सजी है जातिगत फील्ंिडग
बैरसिया और हुजूर विधानसभा में जातिगत समीकरणों के आधार पर जंग जीतने की व्यूह रचना हुई है। हुजूर और बैरसिया दोनों ही क्षेत्रों में उम्मीदवार स्थानीय मुददों और समस्याओं को खत्म करने का वादा करते दिख।
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भोपालPublished: Nov 14, 2023 11:03:20 pm
Bhopal मंगलवार की रात का नजारा कुछ अलग ही दिखा। गुलाबी ठंड के बावजूद आधी रात के बाद तक माहौल में गर्मी दिखी। भाजपा और कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य दलों के प्रत्याशियों ने अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोक दी।
भोपाल. राजधानी में मंगलवार की रात का नजारा कुछ अलग ही दिखा। गुलाबी ठंड के बावजूद आधी रात के बाद तक माहौल में गर्मी दिखी। भाजपा और कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य दलों के प्रत्याशियों ने अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोक दी। चौक इलाके की संकरी गलियों में सियासत और विरासत का अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां राजनीति की चालें शतरंज के मोहरे की तरह बिछी हैं। चौक में खाने-पीने की लजीज दुकानों से लेकर हर छोटी बड़ी खरीदारी का बड़ा मशहूर राजनीति के रंग में डूबा दिखा। आम दिनों में १० बजते-बजते बंद हो जानी गर्मागर्म समोसे और कचौडिय़ों की दुकानों के शटर रात १२ बजे तक अधखुले रहे। समोसे में हरी और लाल चटनी के साथ बेसन के सेव के साथ सियासत की कुछ खट्टी, कुछ मीठी और कुछ कुरकुरी सी बातें होती रहीं। पत्रिका टीम ने भोपाल की सातों विधानसभाओं की सियासत की जमीनी हकीकत जानने-समझने की कोशिश की…
दोनों दलों का चाट खाया, मुंह पोछा और खिसक लिए
एक मशहूर चाट की दुकान पर भीड़ थी। यह जानने की कोशिश की कि चुनाव किस करवट बैठेगा। आसपास खड़े लोग मुस्करा दिए। किसी ने कहा-अबकी पोजीशन थोड़ी टाइट है। तो कुछ लोग चुपचाप नि:स्र्पह भाव से दोनों ही दलों के परोसे चाट के पत्ते चट कर खिसक लिए।
चचा-भतीजे में रोचक जंग
समूचे मप्र में भोपाल में ही है जहां की दो विधानसभा सीटों से मुस्लिम प्रत्याशी सदन में पहुंचे हैं। उत्तर विधानसभा और मध्य विधानसभा सीट दोनो ही इलाके कांग्रेस का गढ़ कहे जाते हैं। उत्तर विधानसभा सीट से आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील के समर्थक जिंदाबाद के नारे लगाते दिखे तो उसकी दोगुनी आवाज में आमिर अकील जिंदाबाद का नारा गूंजा। पास खड़े रसूल मियां कहते हैं आरिफ साहब के बेटे अकील की लड़ाई इस बार भाजपा से कम उनके चाचा आमिर अकील से ज्यादा है।
अतिक्रमण और अवैध झोपडिय़ों पर कोई बात नहीं
भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा और आम आदमी पार्टी के मोहम्मद सऊद व कांग्रेस के ही एक बागी नेता नासिर इस्लाम के समर्थक भी देर रात्रि तक खाने-पीने की दुकानों पर जुटे रहे। युवा पंकज अवस्थी कहते हैं प्रत्याशियों की भीड़ में अतिक्रमण और अवैध झोपडिय़ों पर इस बार भी कोई बात नहीं हो रही।
एकतरफा मैदान मार पाना मुश्किल
मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस के आरिफ मसूद के मुकाबले भाजपा से ध्रुव नारायण सिंह हैं। दोनों प्रत्याशियों ने अच्छा चुनावी माहौल खड़ा किया है। लाड़ली बहना और प्रत्याशी की सर्वसुलभता के बीच मतदाताओं को वोट करना है। कुछ महिलाओं से भी बात होती है लेकिन वे खुलकर नहीं बोलतीं। इसलिए यह बता पाना मुश्किल है कि कोई एकतरफा मैदान मारने की स्थिति में है।
ब्राह्मण कार्ड की एंट्री
रात के नौ बजे हैं। उम्मीदवारों की सभाएं हो रही हैं। नरेला में चुनाव प्रचार खत्म होने के एक दिन पहले ब्राह्मणों की लामबंदी में कांग्रेस जुटी है। यहां से भाजपा से विश्वास सारंग तो कांग्रेस ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मनोज शुक्ला मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी के रयास मलिक भी सेंधमारी में जुटे हैं।
बाबूजी के भरोसे
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौड़ की बहू कृष्णा गौर गोविंदपुरा का प्रचार देर रात तक जारी है। वे हर सभा में अपने बाबूजी का वास्ता दे रही हैं। तो कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र साहू विकास की वास्ता दे रहे हैं।
यहां सजी है जातिगत फील्ंिडग
बैरसिया और हुजूर विधानसभा में जातिगत समीकरणों के आधार पर जंग जीतने की व्यूह रचना हुई है। हुजूर और बैरसिया दोनों ही क्षेत्रों में उम्मीदवार स्थानीय मुददों और समस्याओं को खत्म करने का वादा करते दिख।