राज कुंद्रा को कितने साल की जेल हो सकती है? जानिए Pornography पर क्‍या है देश का कानून

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राज कुंद्रा को कितने साल की जेल हो सकती है? जानिए Pornography पर क्‍या है देश का कानून


राज कुंद्रा को कितने साल की जेल हो सकती है? जानिए Pornography पर क्‍या है देश का कानून

पोर्नोग्राफी केस (Pornography Case) में जब से राज कुंद्रा (Raj Kundra) की गिरफ्तारी हुई है, हर किसी के जेहन में दो ही सवाल हैं। पहला- क्‍या राज कुंद्रा वाकई पॉर्न फिल्‍म रैकेट के मास्‍टरमाइंड हैं? दूसरा- राज कुंद्रा को पोर्नोग्राफी केस में कितने साल तक की सजा (Raj Kundra Punishment) हो सकती है? इन दोनों सवालों के बीच ही राज कुंद्रा केस का सारा दारोमदार टिका हुआ है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच इसी साल फरवरी महीने से पोनोग्राफी केस पर लगातार जांच और गिरफ्तारियां कर रही हैं। सोमवार को राज कुंद्रा को भी अरेस्‍ट कर लिया गया। उन्‍हें 27 जुलाई तक किला कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर भेजा है। राज कुंद्रा के वकीलों ने बम्‍बई हाई कोर्ट में जमानत (Raj Kundra Bail) की अर्जी लगाई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है। बहुत संभव है कि सोमवार को राज कुंद्रा को जमानत मिल जाए। लेकिन पुलिस की जांच जारी रहेगी। ऐसे में सवाल यही उठता है कि यदि राज कुंद्रा पॉर्न फिल्‍म बनाने, पॉर्न फिल्‍मों का कारोबार करने, इन अशलील फिल्‍मों को प्रसारित करने के दोषी पाए जाते हैं, तो आख‍िर उन्‍हें क्‍या और कितनी सजा मिलेगी? आइए, समझते हैं कि देश का कानून (Anti Pornography Act In India) इस बारे में क्‍या कहता है।

किन धाराओं में राज कुंद्रा के ख‍िलाफ दर्ज है केस
यहां सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि राज कुंद्रा के ख‍िलाफ किन धाराओं में केस दर्ज है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 34 (सामान्य इरादा), 292 और 293 (अश्लील विज्ञापन से संबंधित), आईटी ऐक्‍ट और महिलाओं के अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम की धारा 67(ए) और बाकी संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस कोर्ट से लेकर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस तक में यह दावा कर रही है कि अभी तक की जांच के मुताबिक, राज कुंद्रा ही पॉर्न फिल्‍म रैकेट के मास्‍टरमाइंड हैं। जांच के पास पुलिस के पास इस बात के सबूत हैं कि राज कुंद्रा अपनी कंपनी विआन इंडस्‍ट्रीज के जरिए न सिर्फ पॉर्न फिल्‍में बनाते थे, बल्‍क‍ि इसके प्रसारण के लिए उन्‍होंने ‘हॉटशॉट्स’ नाम से ऐप बनाया। यही नहीं, उनके वॉट्सऐप गुप चैट्स से यह भी पता चला है कि कार्रवाई से बचने के लिए उन्‍होंने 2019 में 18 लाख रुपये में इस ऐप को लंदन की कंपनी ‘केनरिन’ को बेच दी, जिसके मालिक उनके जीजा प्रदीप बख्‍शी हैं।

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अभी नहीं लगी है सट्टेबाजी और मनी लॉन्‍ड्र‍िंग की धारा
पुलिस ने अपने 4000 पन्‍नों की चार्जशीट में कोर्ट को बताया है कि राज कुंद्रा इसके बाद मुंबई से लंदन तक पॉर्न फिल्‍मों को बनाने और बेचने का पूरा रैकेट चलाते थे। इसमें उनके एक्‍स पीए उमेश कामत और आईटी हेड रायन थार्प भी शामिल थे। राज कुंद्रा पुलिस की जांच से बचने के लिए ‘बॉलिफेम’ नाम से नया ऐप भी लाने वाले थे, जिस पर मॉडल्‍स और ऐक्‍ट्रेसेज के पॉर्न कॉन्‍टेंट की लाइव स्‍ट्रीमिंग की जाती। अब क्‍योंकि लाइव स्‍ट्रीम को रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता है, इसलिए राज कुंद्रा और उनके साथ‍ियों का मानना था कि इस तरह सबूतों के अभाव में वह कार्रवाई से बच जाएंगे। इसके अलावा राज कुंद्रा पर पॉर्न फिल्‍मों की कमाई से सट्टेबाजी (Online Betting) करने, बाहर देशों में पैसों के मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के भी आरोप हैं। लेकिन अभी तक पुलिस इसकी जांच कर रही है, लिहाजा सट्टेबाजी और मनी लॉन्‍ड्र‍िंग (Money Laundering) की धाराओं में केस दर्ज नहीं है।

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देश में गैरकानूनी है पॉर्न फिल्‍म का कारोबार
पोर्नोग्राफी से जुड़े मामलों में IT ऐक्ट के तहत कार्रवाई होती है। भारत सरकार ने 2018 में देश में 850 पॉर्न वेबसाइट्स पर बैन लगाया था। हालांकि यह भी सच है कि सरकार पॉर्न पर पूरी तरह बैन नहीं लगा पाई है। इसका कारण यह है क‍ि ये वेबसाइट्स वीपीएन के जरिए बैन के बावजूद आसानी से खोले जा सकते हैं। यहां यह बात भी समझनी होगी कि देश में पॉर्न फिल्‍म बनाने के साथ ही किसी को ऐसी फिल्‍में देखने के लिए कहना या इसका बिजनस करना अपराध है। यानी आप किसी भी उसकी मर्जी के बिना पॉर्न कॉन्‍टेंट न तो भेज सकते हैं और न ही दिखा सकते हैं। हालांकि, यह भी एक सच है कि पूरी दुनिया में सबसे ज्‍यादा पॉर्न देखने के मामले में हम भारतीय तीसरे नंबर पर हैं। 2017-2018 में ही पॉर्न फिल्‍म देखने वाले भारतीयों की संख्‍या में 75 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

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क्‍या पॉर्न फिल्‍में देखना गैर कानूनी है?
हिंदुस्‍तान में पॉर्न देखना गैर कानूनी नहीं है। लेकिन पॉर्न फिल्‍म बनाना, इसे प्रसारित करना, किसी भी तरह के पॉर्न कॉन्‍टेंट यानी किताब या कॉमिक्‍स का प्रकाशन, इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दूसरों तक पॉर्न पहुंचाना, चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी, रेप पोर्नोग्राफी, यह सब गैरकानूनी है, अपराध है। ‘Lawtrend.in’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पॉर्न को रोकने के लिए ‘एंटी पोर्नोग्राफी लॉ’ है। आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67(ए) और IPC की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 में इसके लिए सजा का प्रावधान है। चाइल्‍ड पॉर्न को शेयर करने या प्रसारित करने पर आईटी ऐक्‍ट की धारा 67 (बी) में सजा का प्रावधान है। यदि किसी के सेक्स करने या सेक्शुअल एक्टिविटी का भी वीडियो बनाया जाता है तो इसे गैरकानूनी माना गया है और धारा 66 (ई) में इसके लिए सजा है।

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दोषी साबित हुए तो राज कुंद्रा को कितनी सजा होगी?
राज कुंद्रा के ख‍िलाफ यदि पुलिस के आरोप सही साबित होते हैं, यदि वह पॉर्न फिल्‍म बनाने, उसे प्रसारित करने, उसे बेचने के दोषी पाए जाते हैं तो उन्‍हें आईटी ऐक्ट की धारा 67 (ए) के तहत सजा सुनाई जाएगी। अपराध की गंभीरता को देखते हुए इस कानून में पहले अपराध के लिए 5 साल तक जेल की सजा या 10 लाख रुपये जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। जबकि यदि दूसरी बार इसी अपराध के दोषी पाए जाते हैं तो 7 साल सजा या 10 लाख जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। क्‍योंकि राज कुंद्रा का यह पहला मामला है, ऐसे में इस कानून के तहत उन्‍हें 5 साल जेल या 10 लाख रुपये जुर्माना या फिर जेल और जुर्माना दोनों की सजा सुनाई जा सकती है।

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राज कुंद्रा को बाकी धाराओं में कितनी सजा हो सकती है
– राज कुंद्रा के ख‍िलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज है। इसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। राज कुंद्रा की कंपनी पर आरोप है कि वह मॉडल्‍स और ऐक्‍ट्रेसेस से वेब शो के लिए कॉन्‍ट्रैक्‍ट साइन करवाते थे, जबकि बाद में उन्‍हें पॉर्न फिल्‍म के लिए मजबूर किया जाता था।

– इसके अलावा धारा 34 (सामान्य इरादा) है, यह प्रिंसिपल ऑफ कंस्‍ट्रक्‍ट‍िव लायबिलिटी का मामला है। यानी रचनात्मक दायित्व का। यह अपने आप में एक अपराध नहीं है। इसे ऐसे समझ‍िए कि जब दो या दो से अधिक लोग कोई अपराध करते हैं, तो यह धारा अपराध की धारा के साथ अपने आप जुड़ जाती है।

– राज कुंद्रा के ख‍िलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 292 भी लगाई गई है। इसमें अश्लील सामग्री के व्‍यापारा आदि का मामला आता है। यानी राज कुंद्रा के मामले में पॉर्न फिल्‍मों के बिजनस का अपराध। इस धारा के तहत पहली बार अपराध करने पर 2 साल जेल की सजा या 2 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों है। यदि दूसरी बार किसी को इसी अपराध का दोषी पाया जाता है तो 5 साल सजा या 5 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

– धारा 293 के तहत यदि राज कुंद्रा दोषी पाए जाते हैं तो उन्‍हें 3 साल कैद तक की सजा हो सकती है या 2 हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों की सजा दी जा सकती है। आईपीसी की धारा 293 में 20 साल से कम उम्र के किसी इंसान को पॉर्न कॉन्‍टेंट या कोई भी अश्‍लील साम्रगी बेचने, किराये पर देने, या उसके प्रसारण को अपराध माना जाता है। इसमें यदि कोई दूसरी बार दोषी पाया जाता है तो 7 साल कैद या 5 हजार जुर्माना या फिर दोनों की सजा दी जा सकती है।

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राज कुंद्रा को क्‍यों नहीं मिल रही है जमानत
दरअसल, पुलिस ने राज कुंद्रा के ख‍िलाफ आईटी ऐक्ट की धारा 67 (ए) भी लगाई है। यह गैरजमानती है। यानी इसमें जमानत नहीं होती है। हालांकि, राज कुंद्रा के वकील सुभाष जाधव ने कोर्ट में बार-बार यही कहा है कि उनके मुवक्‍किल को पुलिस ने अवैध तरीके से गिरफ्तार किया है और उन पर गलत धाराएं लगाई हैं। वकील कोर्ट में यह साबित करना चाहते हैं कि राज कुंद्रा जिस तरह की फिल्‍में बना रहे थे, वह इरॉटिक हैं। वह पॉर्न नहीं हैं इसलिए उन पर 67 (ए) की धारा नहीं लगाई जा सकती है। शुक्रवार को क्राइम ब्रांच की पूछताछ में श‍िल्‍पा शेट्टी ने भी यही कहा है कि फिल्‍में इरॉटिक हैं पॉर्न नहीं। ऐसे में यदि बम्‍बई हाई कोर्ट में सुभाष जाधव और उनकी टीम यह बात साबित कर पाई तो राज कुंद्रा को जमानत मिल सकती है। वकील का यह भी कहना है कि पुलिस की चार्जशीट में एक भी ऐसे वीडियो का जिक्र नहीं है, जिसे पॉर्न की कैटेगरी में रखा जा सके।

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पॉर्न और इरॉटिक में क्‍या अंतर है
इसे सरल तरीके से समझे तो इरॉटिक या इरॉटिका में न्‍यूड कॉन्‍टेंट हो सकते हैं, लेकिन इसे आर्ट माना गया है। इसमें मूर्तिकला से लेकर चित्रकारी और फिल्‍में भी आती हैं। इरॉटिका में सेंसुअसनेस हो प्रमुखता दी जाती है, लेकिन यह नहीं दिखाया जाता है कि सेक्‍स कैसे किया जाता है। जबकि पॉर्न का मतलब ऐसे कॉन्‍टेंट से है, जिसमें इंटरकोर्स दिखाया जाता है। फिल्‍मों के बोल्‍ड सीन या हॉलिवुड या वेब सीरीज में न्‍यूड सीन इरॉटिका की श्रेणी में आते हैं, जिसमें आर्टिस्‍ट पूरी तरह सेक्‍स या इंटरकोर्स करते हुए नहीं दिखाए जाते। इरॉटिक कॉन्‍टेंट सिर्फ हमारे सेक्‍सुअल एक्‍साइटमेंट को ही नहीं बढ़ाता, बल्‍क‍ि हमें उसकी खूबसूरती को निहारने पर भी मजबूर करता है।

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विदेशों में पॉर्न को लेकर क्‍या नियम हैं
दुनिया के कई देशों में पॉर्न दिखाने की खुली आजादी ‍है। यही कारण है कि अध‍िकतर पॉर्न साइट्स के कॉन्‍टेंट अमेरिका का ब्रिटेन जैसों देशों के हैं। वहां पॉर्न फिल्‍में बनाने की छूट है। पॉर्न फिल्‍मों का इन देशों की अर्थव्‍यवस्‍था में भी पुराना इतिहास रहा है। हालांकि, चीन और जापान जैसे देशों में अभी भी पॉर्न फिल्‍मों में न्‍यूड प्राइवेट पार्ट दिखाने पर रोक है, लिहाजा पॉर्न फिल्‍मों में इसे ब्लर कर दिया जाता है। इसी तरह इन देशों में चाइल्‍ड पॉर्न पर भी रोक है और रेप पॉर्न पर भी।

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