राज कपूर का साला है ये मशहूर खलनायक, दिलीप कुमार के लिए किया था बड़ा त्याग, फिर… – News4Social h3>
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बॉलीवुड के इस मशहूर विलेन को आपने पहचाना?
हिंदी सिनेमा में 60-70 के दशक में शम्मी कपूर, राज कपूर से लेकर धर्मेंद्र जैसे सितारों का राज था। वहीं इस दौरान एक और सितारा उभरा, जिसने अपनी हीरोगिरी से नहीं बल्कि खलनायकी से सिनेमा जगत में हलचल पैदा कर दी थी। ये उस दौर का सबसे महंगा और कमाई करने वाला स्टार बन गया था। ये नाम था प्रेमनाथ, जिनका पूरा नाम प्रेमनाथ मल्होत्रा है। प्रेमनाथ ने ‘अजीत’ से अपना फिल्मी सफर शुरू किया, जो 1948 में रिलीज हुई थी। हालांकि, उन्होंने हिंदी सिनेमा में हीरो बनने की चाहत के साथ कदम रखा था, लेकिन बन गए विलेन। उनकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह एक समय पर इंडस्ट्री के हाइएस्ट पेड एक्टर बन गए थे।
प्रेमनाथ का राज कपूर से रिश्ता
प्रेमनाथ के फिल्मी सफर के बारे में बात करने से पहले आपको राज कपूर से उनके रिश्ते के बारे में बताते हैं। दरअसल, प्रेमनाथ की बहन कृष्णा की शादी राज कपूर से हुई थी। वहीं उनकी एक और बहन उमा ने उसी दौर के एक और मशहूर खलनायक प्रेम चोपड़ा से शादी की। इस नाते राज कपूर राज कपूर और प्रेम चोपड़ा रिश्ते में प्रेमनाथ के जीजा हुए।
1948 में किया डेब्यू
प्रेमनाथ ने 1948 में ‘अजीत’ से अपना डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने राज कपूर की ‘आग’ और ‘बरसात’ जैसी फिल्मों में काम किया। ये फिल्में हिट रहीं और इन्हीं के साथ प्रेमनाथ भी चर्चा में आ गए। हर तरफ उनकी चर्चा होने लगी। जब राज कपूर ने प्रेमनाथ को अपनी फिल्म में काम दिया था, तब दोनों रिश्तेदार नहीं थे। शुरुआत में छोटे-मोटे रोल किए, लेकिन जब पर्दे पर खलनायक बनकर उतरे तो देखने वाला हैरान रह गया और धीरे-धीरे 70 के दशक के हाइएस्ट पेड एक्टर बन गए।
दिलीप कुमार के लिए किया त्याग
प्रेमनाथ ने अपने एक्टिंग करियर के दौरान मधुबाला के साथ ‘बादल’ और ‘आराम’ जैसी फिल्मों में काम किया था। इसी दौरान दोनों के बीच नजदीकियां भी बढ़ने लगीं। प्रेमनाथ मधुबाला के साथ घर बसाना चाहते थे, शादी करना चाहते थे। लेकिन, तभी उन्हें पता चला कि दिलीप कुमार को भी मधुबाला से प्यार है, जिसके चलते उन्होंने अपने प्यार का बलिदान दे दिया और पीछे हट गए।
जब साधू बन गए प्रेमनाथ
प्रेमनाथ धीरे-धीरे कुछ वजहों से डिप्रेशन में रहने लगे। वह ऐसे खोए कि साधु जैसा भेष बना लिया। उनके गले में हमेशा एक माला लटकी होती थी। वह किसी चीज से बेहद निराश थे। इसी बीच 1970 में उन्हें एक ऐसी फिल्म मिली, जिसने उन्हें फिर से हिट एक्टर्स के साथ लाकर खड़ा कर दिया। ये फिल्म थी ‘जॉनी मेरा नाम’, जिसने उन्हें खूब सफलता दिलाई। प्रेमनाथ ने सिर्फ हिंदी ही नहीं अमेरिकन टीवी शोज और फिल्मों में भी काम किया। 1967 में माया और 1969 में Kenner में नजर आए। प्रेमनाथ ने 1985 में एक्टिंग छोड़ दी और 1992 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।