राज्य में टाटा सेमीकंडक्टर आकर्षित करने के लिए चाहिए इच्छाशक्ति | Willingness needed attract Tata Semiconductor state | Patrika News

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राज्य में टाटा सेमीकंडक्टर आकर्षित करने के लिए चाहिए इच्छाशक्ति | Willingness needed attract Tata Semiconductor state | Patrika News

राज्य में टाटा सेमीकंडक्टर आकर्षित करने के लिए चाहिए इच्छाशक्ति | Willingness needed attract Tata Semiconductor state | Patrika News

आकर्षण इच्छाशक्ति की जरूरत टाटा कंपनी ने सेमीकंडक्टर असेंबली तथा जांच यूनिट स्थापना की दिशा में कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु राज्य सरकारों के साथ बातचीत चल रही है। किस राज्य में बसेगा इस बारे में अभी पुख्ता नहीं किया है। इकाई आरम्भ करने के लिए जमीन, मूलभूत सुविधा, छूट, सब्सिडी, उद्योग स्नेही तथा शांतिपूर्ण माहौल का स्पष्ट आश्वासन जहां मिलेगा वहां आम तौर पर उद्योग क्षेत्र बसाने का फैसला लेंगे। अब टाटा कंपनी भी तीन राज्यों के साथ चर्चा की है। जहां अधिक सुविधा मिलेगी वहां रोजगार शुरू करने का फैसला लिया है।

तीन सौ मिलियन डॉलर का निवेश शहर के उद्यमियों का कहना है कि कहा जा रहा है कि टाटा कंपनी सेमीकंडक्टर असेंबल तथा जांच यूनिट शुरू करने के लिए इसके लिए पूरक उद्योग की खातिर 300 मिलियन डॉलर निवेश करने का फैसला लिया है। इसके तहत सेमीकंडक्टर असेंबली तथा जांच यूनिट, पैकेजिंग, सिलिकॉन वेफर, सेमीकंडक्टर चिप तैयार करने पर विचार किया गया है। सेमीकंडक्टर असेंबल तथा जांच यूनिट आरम्भ होने पर लगभग चार हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इससे अप्रत्यक्ष तौर पर और अधिक रोजगार सृजन के साथ आर्थिक विकास के लिए पूरक उद्योगों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। सेमीकंडक्टर चिप तैयार करने की दिशा में राज्य विश्व का ध्यान खींचने की उम्मीद है।

उम्मीद के हिसाब से नहीं आ रहे उद्योग उद्योगों को आकर्षित करने की दिशा में पूर्व में अविभाजित आंध्र प्रदेश ने अतिक्रमण नीति को अपनाने के जरिए उद्योगों को अपनी ओर खींचता था। आंध्र प्रदेश से पृथक हुए तेलंगाना राज्य अब इसी अतिक्रमण नीति के लिए आगे आया है। उद्योंगों को आकर्षित करने की दिशा में विभिन्न सुविधा, छूट दे रही है। तमिलनाडु ने भी अपनी ही दिशा में उद्योगों को आकर्षित करने का फैसला लिया है। हालही में होसूरु समेत विभिन्न जगहों पर उद्योग निवेश को आकर्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रखने के जरिए ध्यान खींच रहा है। शहर के उद्यमियों का कहना है कि उद्योगों के लिए अनुकूल, उद्यमियों का पसंदीदा ठिकाना कर्नाटक विदेशी सीधे निवेश में देश में ही प्रथम स्थान पर होने का गर्व करते थे परन्तु उम्मीद के हिसाब से उद्योग नहीं आ रहे हैं। इनवेस्ट कर्नाटक, वैश्विक पूंजी निवेशकों का सम्मेलन करने के बाद भी समझौते पर हस्ताक्षर करने वाली कई कंपनियों ने अभी तक राज्य की ओर रुख नहीं किया है। नूतन औद्योगिक नीति (2020-25) बेंगलूरु के अलावा दूसरे क्षेत्रों में उद्योगों को प्रोत्साहित करने की बात कहने पर भी उम्मीद के हिसाब से फल नहीं मिला। वर्ष 2009-10 के करीब भाजपा सरकार के शुरुआती कार्यकाल में नैनो कार तैयार इकाई हुब्बल्ली-धारवाड़ को आकर ही रहेगी इस प्रकार की रुचि दिखाई थी। उद्योग में लंबी छलांग लगाने के तौर पर पेश किया गया था परन्त जमीन की उपलब्धता समेत कई कारणों से यह आया ही नहीं। इसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हीरो मोटर के हुब्बल्ली-धारवाड़ में आएगा, इस दिशा में महत्वपूर्ण बातचीत हुई है कहा गया था परन्तु वह भी नहीं आई। अब राज्य में टाटा सेमीकंडक्टर असेंबल तथा जांच यूनिट शुरू करने की चर्चा चल रही है। राज्य सरकार को प्रतिस्पर्धा में स्थित दो राज्यों से एक कदम आगे बढऩे के जरिए कंपनी को आकर्षित करने की दिशा में इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी चाहिए। इससे राज्य में उद्योग की उछाल के साथ रोजगार के अवसर सृजन, आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

टाटा सेमीकंडक्टर असेंबल व जांच यूनिट स्थापना के लिए कम्पनी ने राज्य सरकार के साथ चर्चा की है। राज्य के अलावा पड़ोस के तेलंगाना, तमिलनाडु के साथ भी चर्चा की है। राज्य में उद्योग स्नेही माहौल है। टाटा सेमीकंडक्टर राज्य में बसने के बारे में आशा भावना है।
मुरुगेश निराणी, वृहद एवं मध्यम उद्योग मंत्री



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