राजस्थान में ड्रोन युग …अब जवानों की तरह मुस्दैैत नहीं, विकास का खाका भी खींचेगा ड्रोन | drone in jaipur masterplan2050 police and jda | Patrika News h3>
राजधानी के मास्टरप्लान 2050 में बड़े स्तर पर किया जाएगा इसका उपयोग
जयपुर
Updated: January 24, 2022 10:05:03 am
जयपुर। कभी शादियों तक सीमित रहने वाले ड्रोन अब शहर का खाका खीेचेंगे। बड़े स्तर पर इसकी शुरूआत राजधानी जयुपर से होगी। मास्टरप्लान 2050 की रूपरेखा ड्रोन से तैयार की जाएगी। हालांकि, इससे पहले राज्य के करीब 20 शहरों में जोनल प्लान बनाने के दौरान ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा चुका है। जेडीए के अधिकारियों की मानें तो ऐसा करने से समय कम लगेगा और लैंडयूज के बारे में बेहतर तरीके से पता चल सकेगा। इससे बेहतर कभी कोई तकनीक नहीं है। इससे वास्तविक स्थिति के बारे में इस सर्वे के जरिए बेहतर तरीके से जानकारी मिल पाएगी। वहीं, पहले पीटी सर्वे करना पड़ता था। वह काम अब खत्म हो जाएगा। इतना ही नहीं, पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने के लिए भी ड्रोन का सहारा ले रही हैं।
राजस्थान में ड्रोन युग …अब जवानों की तरह मुस्दैैत नहीं, विकास का खाका भी खींचेगा ड्रोन
अवैध निर्माणों को किया चिन्हित
—राजधानी के परकोटा क्षेत्र में अवैध निर्माणों को चिन्हित करने के लिए सरकार ने ड्रोन सर्वे करवाया था। 1300 से अधिक ऐसे स्थान सर्वे में चिन्हित हुए, जहां परकोटे के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की गई।
—वन विभाग की ओर से उदयपुर में पहाड़ियों पर पौधों के बीज भी ड्रोन से डाले गए थे। यहां लोग आसानी से नहीं पहुंच पाते थे। इस वजह से ड्रोन तकनीक का सहारा लिया गया था।
ये भी तैयारी:
इतना ही नहीं, राजधानी में फूड डिलीवरी करने की कम्पनियां भी ड्रोन के जरिए खाना पहुंचाने की तैयारी कर रही हैं। देश के बड़े शहरों में तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
टिड्डियों पर भी किया उपयोग
—कृषि विभाग की ओर से 2020 में टिड्डियों पर जयपुर के सामोद में ड्रोन के जरिए ही छिड़काव किया गया था।
—पुलिस ने कोरोनाकाल में राजधानी की तंग गलियों से लेकर भीड़ भरे बाजारों में निगरानी की थी।
—बड़ी रैलियों और धरने प्रदर्शनों में भी पुलिस ड्रोन का उपयोग करती है।
देश में ऐसे हुआ उपयोग
—मणिपुर में पहली बार कोरोना की वैक्सीन को पहुंचाने के लिए उपयोग में लिया गया।
—उप्र में कृषि क्षेत्र में कीटनाशन के छिड़काव में इसका उपयोग किया जा रहा है।
—मप्र में तो नक्शे बनाने से लेकर बिजली के फॉल्ट सुधारने के काम ड्रोन कर रहा है।
इसलिए हो रहा कारगर
—कम समय से ज्यादा बड़े क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।
—साथ ही साथ रिकॉर्डिंग भी होती रहती है। जिसे बाद में देखा भी जा सकता है। ।
—प्रभावितों को सीधे मदद पहुंचाई जा सकती है।
अगली खबर

राजधानी के मास्टरप्लान 2050 में बड़े स्तर पर किया जाएगा इसका उपयोग
जयपुर
Updated: January 24, 2022 10:05:03 am
जयपुर। कभी शादियों तक सीमित रहने वाले ड्रोन अब शहर का खाका खीेचेंगे। बड़े स्तर पर इसकी शुरूआत राजधानी जयुपर से होगी। मास्टरप्लान 2050 की रूपरेखा ड्रोन से तैयार की जाएगी। हालांकि, इससे पहले राज्य के करीब 20 शहरों में जोनल प्लान बनाने के दौरान ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा चुका है। जेडीए के अधिकारियों की मानें तो ऐसा करने से समय कम लगेगा और लैंडयूज के बारे में बेहतर तरीके से पता चल सकेगा। इससे बेहतर कभी कोई तकनीक नहीं है। इससे वास्तविक स्थिति के बारे में इस सर्वे के जरिए बेहतर तरीके से जानकारी मिल पाएगी। वहीं, पहले पीटी सर्वे करना पड़ता था। वह काम अब खत्म हो जाएगा। इतना ही नहीं, पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने के लिए भी ड्रोन का सहारा ले रही हैं।
राजस्थान में ड्रोन युग …अब जवानों की तरह मुस्दैैत नहीं, विकास का खाका भी खींचेगा ड्रोन
अवैध निर्माणों को किया चिन्हित
—राजधानी के परकोटा क्षेत्र में अवैध निर्माणों को चिन्हित करने के लिए सरकार ने ड्रोन सर्वे करवाया था। 1300 से अधिक ऐसे स्थान सर्वे में चिन्हित हुए, जहां परकोटे के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की गई।
—वन विभाग की ओर से उदयपुर में पहाड़ियों पर पौधों के बीज भी ड्रोन से डाले गए थे। यहां लोग आसानी से नहीं पहुंच पाते थे। इस वजह से ड्रोन तकनीक का सहारा लिया गया था।
ये भी तैयारी:
इतना ही नहीं, राजधानी में फूड डिलीवरी करने की कम्पनियां भी ड्रोन के जरिए खाना पहुंचाने की तैयारी कर रही हैं। देश के बड़े शहरों में तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
टिड्डियों पर भी किया उपयोग
—कृषि विभाग की ओर से 2020 में टिड्डियों पर जयपुर के सामोद में ड्रोन के जरिए ही छिड़काव किया गया था।
—पुलिस ने कोरोनाकाल में राजधानी की तंग गलियों से लेकर भीड़ भरे बाजारों में निगरानी की थी।
—बड़ी रैलियों और धरने प्रदर्शनों में भी पुलिस ड्रोन का उपयोग करती है।
देश में ऐसे हुआ उपयोग
—मणिपुर में पहली बार कोरोना की वैक्सीन को पहुंचाने के लिए उपयोग में लिया गया।
—उप्र में कृषि क्षेत्र में कीटनाशन के छिड़काव में इसका उपयोग किया जा रहा है।
—मप्र में तो नक्शे बनाने से लेकर बिजली के फॉल्ट सुधारने के काम ड्रोन कर रहा है।
इसलिए हो रहा कारगर
—कम समय से ज्यादा बड़े क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।
—साथ ही साथ रिकॉर्डिंग भी होती रहती है। जिसे बाद में देखा भी जा सकता है। ।
—प्रभावितों को सीधे मदद पहुंचाई जा सकती है।
अगली खबर