राजस्थान में जल्दबाजी में खोले गए अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के नियमों में करना पड़ा बदलाव, जानिए अब क्या लिए गए बड़े निर्णय h3>
जयपुर: राजस्थान सरकार की ओर से सरकारी अंग्रेजी मीडियम खोलने में दिखाई गई जल्दबाजी का अब असर देखने को मिला है। व्यवस्थाओं का व्यापक इंतजाम नहीं होने से शिक्षा विभाग को नियमों में परिवर्तन करना पड़ रहा है। सोमवार 8 अगस्त को शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र जारी करते हुए बड़ा निर्णय लिया। हाल ही में खोली गई अंग्रेजी मीडियम की सरकारी स्कूलों में अब केवल 5वीं कक्षा तक ही कक्षाएं संचालित की जाएंगी। पूर्व में इन स्कूलों में 8वीं कक्षा तक के बच्चों को एडमिशन दे दिए थे। अब विभाग की ओर से नियमों में परिवर्तन कर दिया गया है।
बिना तैयारी के ही ताबड़तोड़ खोल दिए गए थे स्कूल
राज्य सरकार ने तीन साल पहले प्रत्येक जिले में एक एक सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले थे। उन स्कूलों के प्रति आमजन का रुझान और स्कूलों के रिजल्ट को देखते हुए प्रदेशभर से स्कूलें खोलने की मांग उठने लगी। अधिकतर विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र में सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलें खोलने के प्रस्ताव सरकार को भेजे। आमजन की भावना को देखते हुए राज्य सरकार ने ताबड़तोड़ स्कूल खोलने शुरू कर दिए। महज दो साल में स्कूलों की संख्या बढाकर 770 कर दी गई। बिना तैयारी के खोले गए इन स्कूलों के सामने स्कूलों के भवन को लेकर समस्या खड़ी हो गई क्योंकि हिन्दी मीडियम से अंग्रेजी मीडियम में परिवर्तन करने के बाद स्कूलों को मजबूरी में दो पारियों में संचालित करना पड़ रहा है। बच्चों के बैठने के लिए स्थान तक नहीं है।
निजी स्कूलों में चौथाई चेप्टर हो गए
वर्तमान सत्र में 200 से ज्यादा नए अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले गए। इन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया आज 9 अगस्त तक जारी है। हालांकि पिछले महीने एडमिशन के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे और लॉटरी भी निकाली गई थी लेकिन कई स्टुडेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने स्कूलों से टीसी कटवा ली। ऐसे में अलग अलग कक्षाओं में सीटें खाली होने लगी। जिन स्टुडेंट्स का लॉटरी में चयन नहीं हुआ और उन्हें वेटिंग लिस्ट में रखा था। स्कूल प्रबंधन की ओर से वेटिंग वाले स्टुडेंट्स को कॉल करके एडमिशन के लिए बुलाया जा रहा है जबकि निजी स्कूलों और अन्य सरकारी स्कूलों में चौथाई चेप्टर पढाया जा चुका है। नई खुली अधिकतर स्कूलों में अभी तक पाठ्य सामग्री भी नहीं पहुंची है। इंटरव्यू के आधार पर होने वाले शिक्षकों को नियुक्ति भी नहीं मिली है।
अब 5वीं तक होंगे एडमिशन, फिर आगे बढती जाएंगी क्लासें
नियमों में बदलाव करने के बाद अब सरकारी अंग्रेजी मीडियम की स्कूलों में पहली से लेकर 5वीं कक्षा तक ही प्रवेश दिए जाएंगे। बाद में साल दर साल अग्रीम कक्षाओं में एडमिशन होते रहेंगे। अगर उच्च क्लासों में कोई सीट रिक्त होती है तो उसके लिए आवेदन आमंत्रित करके लॉटरी के जरिए एडमिशन लिए जा सकेंगे। बदले हुए नियमों में यह भी लिखा है कि अगर जिन स्कूलों में सभी तरह के माकूल इंतजाम हैं। उन स्कूलों के बारे में एसडीएम की सहमती के बाद माध्यम परिवर्तन किया जाएगा।
(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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राज्य सरकार ने तीन साल पहले प्रत्येक जिले में एक एक सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले थे। उन स्कूलों के प्रति आमजन का रुझान और स्कूलों के रिजल्ट को देखते हुए प्रदेशभर से स्कूलें खोलने की मांग उठने लगी। अधिकतर विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र में सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलें खोलने के प्रस्ताव सरकार को भेजे। आमजन की भावना को देखते हुए राज्य सरकार ने ताबड़तोड़ स्कूल खोलने शुरू कर दिए। महज दो साल में स्कूलों की संख्या बढाकर 770 कर दी गई। बिना तैयारी के खोले गए इन स्कूलों के सामने स्कूलों के भवन को लेकर समस्या खड़ी हो गई क्योंकि हिन्दी मीडियम से अंग्रेजी मीडियम में परिवर्तन करने के बाद स्कूलों को मजबूरी में दो पारियों में संचालित करना पड़ रहा है। बच्चों के बैठने के लिए स्थान तक नहीं है।
निजी स्कूलों में चौथाई चेप्टर हो गए
वर्तमान सत्र में 200 से ज्यादा नए अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले गए। इन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया आज 9 अगस्त तक जारी है। हालांकि पिछले महीने एडमिशन के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे और लॉटरी भी निकाली गई थी लेकिन कई स्टुडेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने स्कूलों से टीसी कटवा ली। ऐसे में अलग अलग कक्षाओं में सीटें खाली होने लगी। जिन स्टुडेंट्स का लॉटरी में चयन नहीं हुआ और उन्हें वेटिंग लिस्ट में रखा था। स्कूल प्रबंधन की ओर से वेटिंग वाले स्टुडेंट्स को कॉल करके एडमिशन के लिए बुलाया जा रहा है जबकि निजी स्कूलों और अन्य सरकारी स्कूलों में चौथाई चेप्टर पढाया जा चुका है। नई खुली अधिकतर स्कूलों में अभी तक पाठ्य सामग्री भी नहीं पहुंची है। इंटरव्यू के आधार पर होने वाले शिक्षकों को नियुक्ति भी नहीं मिली है।
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नियमों में बदलाव करने के बाद अब सरकारी अंग्रेजी मीडियम की स्कूलों में पहली से लेकर 5वीं कक्षा तक ही प्रवेश दिए जाएंगे। बाद में साल दर साल अग्रीम कक्षाओं में एडमिशन होते रहेंगे। अगर उच्च क्लासों में कोई सीट रिक्त होती है तो उसके लिए आवेदन आमंत्रित करके लॉटरी के जरिए एडमिशन लिए जा सकेंगे। बदले हुए नियमों में यह भी लिखा है कि अगर जिन स्कूलों में सभी तरह के माकूल इंतजाम हैं। उन स्कूलों के बारे में एसडीएम की सहमती के बाद माध्यम परिवर्तन किया जाएगा।
(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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