राजस्थान भाजपा में गुटबाजी! पूनिया ने मंच पर नहीं लिया वसुंधरा राजे का नाम, बोलेे- मोदी नेता और कमल का निशान CM

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राजस्थान भाजपा में गुटबाजी! पूनिया ने मंच पर नहीं लिया वसुंधरा राजे का नाम, बोलेे- मोदी नेता और कमल का निशान CM

राजस्थान भाजपा में गुटबाजी! पूनिया ने मंच पर नहीं लिया वसुंधरा राजे का नाम, बोलेे- मोदी नेता और कमल का निशान CM

राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन चुनाव से पहले एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर चल रही गुटबाजी सार्वजनिक मंच पर नजर आई है। दरअसल बांसवाड़ा में जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपना भाषण शुरू करने से पहले पीएम मोदी और अमित शाह जिंदाबाद के नारे लगवाए। उन्होंने सारे नेता जिंदाबाद के नारा लगवाये लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम तक नहीं लिया। 

यहां वसुंधरा राजे का जिक्र करना इसलिए जरूरी है क्योंकि जिस त्रिपुरा सुंदरी में मोर्चा की बैठक हुई, उस जगह का सबसे अधिक विकास भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार में ही हुआ है। वो जब पहली बार मुख्यमंत्री बनने जा रही थीं तब काउंटिंग से पहले ही यहां मंदिर में आकर पूजा में बैठ गईं थीं। यह बात इलाके के तमाम लोग जानते हैं। 

बहरहाल मोर्चे की इस बैठक में पूनिया व राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने जनजाति मोर्चा से आह्वान किया कि वे चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही केंद्र में रखें। पीएम की योजनाओं को घर-घर तक ले जाएं। लाभार्थियों को याद दिलाएं कि पेंशन, गैस सिलेंडर, अनाज यह सबकुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही मिल रहा है।

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सीएम फेस पर भाजपा में विवाद

राजस्थान भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच पहले से जंग जारी है। यह विवाद राजस्थान में आने वाले चुनावों में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर शुरू हुआ था। दोनों के बीच खुलकर विवाद आलाकमान तक पहुंच चुका है, लेकिन सार्वजनिक तौर पर आने वाले बयान भी अदावत के संकेत देते हैं। पूनिया से बांसवाड़ा में भी सीएम के चेहरे का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कमल निशान ही भाजपा का मुख्यमंत्री है। नरेंद्र मोदी भाजपा के नेता हैं। 

अशोक गहलोत सरकार पर हमला

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि भाजपा में किसी तरह की फूट नहीं है। उनके एक मात्र नेता नरेंद्र मोदी हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार मंदिर तोड़ रही है। विकास को खत्म कर रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह ही राजस्थान की जनता को भी डबल इंजन वाली सरकार की जरूरत है। जनता इस विकल्प को अच्छे से समझ रही है। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों को कांग्रेस ने सिर्फ वोट के लिए ही इस्तेमाल किया है।

राजस्थान में आस्था पर बुलडोजर:

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने अलवर में मंदिर को तोड़े जाने को लेकर कहा कि यूपी में बुलडोजर अराजक लोगों पर चल रहा है जबकि राजस्थान में हिंदुओं की आस्था पर चल रहा है। उन्होंने करौली में दंगे के लिए भी कांग्रेस और पीएफआई को जिम्मेदार ठहराया।


जनजाति मोर्चा ने दिया प्रस्ताव : 

जनजाति मोर्चा की ओर से प्रदेश कार्यकारिणी में 13 बिंदुओं पर राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसमें जनजाति क्षेत्र के विकास के साथ धर्मांतरण कर चुके लोगों को जनजाति वर्ग के आरक्षण को रोकना भी शामिल है। आदिवासी महिला सुरक्षा का प्रस्ताव भी शामिल है।

 



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