राजस्थान : जन्मदिन से पहले Ashok Gehlot पर Satish Poonia का बड़ा बयानी हमला, बहादुर शाह जफर से कर डाली तुलना | Rajasthan BJP Chief satish Poonia compares Ashok Gehlot Bahadur Shah | Patrika News h3>
‘तुष्टिकरण की राजनीति कर रही सरकार’
डॉ पूनिया ने आरोपों के आधार में कहा कि राजस्थान में रामनवमी व हिन्दू नववर्ष के जुलूसों पर कांग्रेस सरकार पाबंदी लगाती है, 17 जिलों में धारा 144 लगाई जाती है और बहुसंख्यकों को डराया जाता है। भाजपा व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं पर 116 और 107 की पाबंद की कार्रवाई की जाती है। करौली सहित प्रदेश के कई जिलों की घटनाओं पर कम्यूनल तरीके से तुष्टिकरण की राजनीति की जाती है।ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस के बहादुर शाह जफर साबित होंगे। वर्ष 2023 और इसके बाद कभी भी राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
‘कमज़ोर किया जा रहा बहुसंख्यकों का मनोबल’
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अलवर के राजगढ़ में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा गया, इस तरह से राजस्थान में बहुसंख्यकों को डरा धमकाकर मनोबल कमजोर किया जा रहा है और अल्पसंख्यक वोट बैंक के लिये तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी कुर्सी बचाने की चिंता ज्यादा है, जन सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है l
‘सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी’
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ बड़ी एंटी इनकंबेंसी है और भाजपा संगठन की प्रदेश में अपनी खूबी है कि नीचे तक ग्रास रूट तक संगठनात्मक मजबूती के कार्य हो रहे हैं और लगातार सड़क से लेकर सदन तक जनहित के मुद्दों को उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था सहित प्रदेश के विभिन्न जनहित के मुद्दों को लेकर भाजपा आगामी 5 मई को अलवर से बड़े आंदोलन की शुरुआत करेगी और प्रदेश के सभी जिलों में यह आंदोलन होंगे l
‘रोज़गार के दावे-वादे कागज़ी’
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने चुनावी जनघोषणा पत्र 2018 में वादा किया था कि सत्ता में आएंगे तो बेरोजगारों को भत्ता देंगे। देना था 30 लाख को, दे रहे हैं 4 लाख 11 हजार को। इसमें भी इंटर्नशिप का बैरियर लगा दिया, जिसको युवाओं ने नकार दिया। यह योजना सिर्फ कागजी बनकर रह गई। राजस्थान में सर्वाधिक बेरोजगारी दर 32.3% देश में सबसे अधिक है। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित भर्तियां भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं जबकि जो भर्तियां निकाली गई हैं उनमें से ज्यादातर के पेपर लीक हुए हैं। रीट पेपर लीक मामला तो कांग्रेस सरकार के संरक्षण में महाघोटाला है, जिसकी सीबीआई जांच हो जाए तो कांग्रेस सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे तमाम लोग जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
‘तीन-चौथाई बहुमत बनेगी भाजपा सरकार’
राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने एक बार फिर प्रदेश में तीन-चौथाई बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाने का दावा किया है। उन्होंने प्रदेश में भाजपा संगठन जमीनी तौर पर बहुत अच्छा कार्य कर रहा है, जिसे लेकर कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजस्थान भाजपा इकाई के सेवा कार्यों की सराहना की और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक बार फिर राजस्थान में भाजपा को सरोकारों की पार्टी बनाने के लिए संकल्पित हैं।
पूनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा, उनका नाम और उनके काम देश एवं प्रदेश में हमारे दल के लिए पर्याप्त हैं और और मोदी के चेहरे और काम पर ही राजस्थान में भाजपा 2023 का चुनाव लड़ेगी और तीन चौथाई बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी।
‘चिंता करने की ज़रुरत कांग्रेस को’
डॉ पूनिया ने कहा कि राजस्थान में होने शिविर को कांग्रेस ने चिंतन शिविर नाम दिया है, लेकिन मुझे लगता है कि कांग्रेस को चिंता करने की जरूरत है, 1885 की कांग्रेस देश के नक्शे से सिमटती जा रही है, लोगों ने उसको व्यवहार और सिद्धांत से नकार दिया है। दो ही प्रदेश बचे हैं छत्तीसगढ़ व राजस्थान, इनमें भी कांग्रेस पार्टी कहीं धरातल पर भी नहीं है और ना ही शीर्ष पर दिखती है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में कांग्रेस अपनी खूबियों से सत्ता में नहीं आई, बहुत कम ही मार्जिन रहा। 12 सीटों पर तो चार सौ से 1 हज़ार वोटों तक का ही अंतर रहा। लिहाज़ा कांग्रेस राजस्थान में बाय डिफॉल्ट सत्ता में आई, भाजपा जब राजस्थान में आई तो 163 सीटें लेकर आई और जब कांग्रेस सत्ता में आई तो एक बार उनकी 95 और एक बार 99 सीटें आई। जब हम विपक्ष में आए तो एक बार 79 और एक बार 72 और जब कांग्रेस विपक्ष में आती है, तो एक बार 56 और दूसरी बार 21 सीटें आई और इस बार 21 से माइनस करके देखेंगे तो टैंम्पो लाइक सवारी ही बचेंगी l
‘तुष्टिकरण की राजनीति कर रही सरकार’
डॉ पूनिया ने आरोपों के आधार में कहा कि राजस्थान में रामनवमी व हिन्दू नववर्ष के जुलूसों पर कांग्रेस सरकार पाबंदी लगाती है, 17 जिलों में धारा 144 लगाई जाती है और बहुसंख्यकों को डराया जाता है। भाजपा व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं पर 116 और 107 की पाबंद की कार्रवाई की जाती है। करौली सहित प्रदेश के कई जिलों की घटनाओं पर कम्यूनल तरीके से तुष्टिकरण की राजनीति की जाती है।ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस के बहादुर शाह जफर साबित होंगे। वर्ष 2023 और इसके बाद कभी भी राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
‘कमज़ोर किया जा रहा बहुसंख्यकों का मनोबल’
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अलवर के राजगढ़ में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा गया, इस तरह से राजस्थान में बहुसंख्यकों को डरा धमकाकर मनोबल कमजोर किया जा रहा है और अल्पसंख्यक वोट बैंक के लिये तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी कुर्सी बचाने की चिंता ज्यादा है, जन सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है l
‘सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी’
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ बड़ी एंटी इनकंबेंसी है और भाजपा संगठन की प्रदेश में अपनी खूबी है कि नीचे तक ग्रास रूट तक संगठनात्मक मजबूती के कार्य हो रहे हैं और लगातार सड़क से लेकर सदन तक जनहित के मुद्दों को उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था सहित प्रदेश के विभिन्न जनहित के मुद्दों को लेकर भाजपा आगामी 5 मई को अलवर से बड़े आंदोलन की शुरुआत करेगी और प्रदेश के सभी जिलों में यह आंदोलन होंगे l
‘रोज़गार के दावे-वादे कागज़ी’
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने चुनावी जनघोषणा पत्र 2018 में वादा किया था कि सत्ता में आएंगे तो बेरोजगारों को भत्ता देंगे। देना था 30 लाख को, दे रहे हैं 4 लाख 11 हजार को। इसमें भी इंटर्नशिप का बैरियर लगा दिया, जिसको युवाओं ने नकार दिया। यह योजना सिर्फ कागजी बनकर रह गई। राजस्थान में सर्वाधिक बेरोजगारी दर 32.3% देश में सबसे अधिक है। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित भर्तियां भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं जबकि जो भर्तियां निकाली गई हैं उनमें से ज्यादातर के पेपर लीक हुए हैं। रीट पेपर लीक मामला तो कांग्रेस सरकार के संरक्षण में महाघोटाला है, जिसकी सीबीआई जांच हो जाए तो कांग्रेस सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे तमाम लोग जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
‘तीन-चौथाई बहुमत बनेगी भाजपा सरकार’
राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने एक बार फिर प्रदेश में तीन-चौथाई बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाने का दावा किया है। उन्होंने प्रदेश में भाजपा संगठन जमीनी तौर पर बहुत अच्छा कार्य कर रहा है, जिसे लेकर कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजस्थान भाजपा इकाई के सेवा कार्यों की सराहना की और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक बार फिर राजस्थान में भाजपा को सरोकारों की पार्टी बनाने के लिए संकल्पित हैं।
पूनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा, उनका नाम और उनके काम देश एवं प्रदेश में हमारे दल के लिए पर्याप्त हैं और और मोदी के चेहरे और काम पर ही राजस्थान में भाजपा 2023 का चुनाव लड़ेगी और तीन चौथाई बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी।
‘चिंता करने की ज़रुरत कांग्रेस को’
डॉ पूनिया ने कहा कि राजस्थान में होने शिविर को कांग्रेस ने चिंतन शिविर नाम दिया है, लेकिन मुझे लगता है कि कांग्रेस को चिंता करने की जरूरत है, 1885 की कांग्रेस देश के नक्शे से सिमटती जा रही है, लोगों ने उसको व्यवहार और सिद्धांत से नकार दिया है। दो ही प्रदेश बचे हैं छत्तीसगढ़ व राजस्थान, इनमें भी कांग्रेस पार्टी कहीं धरातल पर भी नहीं है और ना ही शीर्ष पर दिखती है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में कांग्रेस अपनी खूबियों से सत्ता में नहीं आई, बहुत कम ही मार्जिन रहा। 12 सीटों पर तो चार सौ से 1 हज़ार वोटों तक का ही अंतर रहा। लिहाज़ा कांग्रेस राजस्थान में बाय डिफॉल्ट सत्ता में आई, भाजपा जब राजस्थान में आई तो 163 सीटें लेकर आई और जब कांग्रेस सत्ता में आई तो एक बार उनकी 95 और एक बार 99 सीटें आई। जब हम विपक्ष में आए तो एक बार 79 और एक बार 72 और जब कांग्रेस विपक्ष में आती है, तो एक बार 56 और दूसरी बार 21 सीटें आई और इस बार 21 से माइनस करके देखेंगे तो टैंम्पो लाइक सवारी ही बचेंगी l