राजस्थान : गहलोत सरकार में बिजली कटौती का विरोध जताएगी BJP, जानें क्या रहेगा तरीका? | rajasthan politics ignites on power cut issue, BJP to protest | Patrika News h3>
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने बताया कि प्रदेश में मौजूदा बिजली संकट और बिजली कटौती का कदम उठाना राज्य सरकार के बिजली कु-प्रबंधन को दर्शाता है। सरकार के इसी कु-प्रबंधन का विरोध जताने के लिए भाजपा के कार्यकर्ता कल शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर विरोध जताएंगे। इसके तहत राज्य के सभी जीएसएस के बाहर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।पूनिया ने कहा सरकार के बिजली कु-प्रबंधन से अघोषित कटौती के कारण परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी और आम जनता त्रस्त है।
रोजाना 480 लाख यूनिट बिजली की कमी, कटौती शुरू
प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है। इससे गहराए बिजली संकट को लेकर राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आज सुबह से बिजली कटौती शुरू हो गई है। राजधानी जयपुर सहित संभागीय मुख्यालयों पर एक घंटा बिजली कटौती शुरू हुई, वहीं जिला मुख्यालयों पर दो घंटे और अन्य शहरों व कस्बों में 3 घंटे बिजली कटौती शुरू हो गई है। ऊर्जा विभाग की मानें तो बिजली मांग और उपलब्धता सामान्य होने तक यह कटौती जारी रहेगी।
पांच यूनिट शुरू करने की मशक्कत में जुटी सरकार
प्रदेश की विद्युत उत्पादन निगम की 5 यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है। अब सरकार ने इन्हें जल्द से जल्द शुरू करने की मशक्कत शुरू कर दी है। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने इन यूनिटों से जल्द विद्युत उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए है। बताया जा रहा है कि इनमें से तीन यूनिट मई के पहले या दूसरे सप्ताह में चालू हो सकती है, वहीं दो यूनिट करीब 2 माह बाद चालू हो पाएगी।
ये यूनिटें बंद
कालीसिंध— 600 मेगावाट
छबड़ा थर्मल— 250 मेगावाट
सूरतगढ़ थर्मल (सुपर क्रिटिकल)— 660 मेगावाट
सूरतगढ़ थर्मल (सब क्रिटिकल)— 250 मेगावाट
कोटा थर्मल प्लांट— 210 मेगावाट
यूं पड़ी बिजली की कमी
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है। दिन के 24 घंटों में 15-15 मिनट के ब्लाॅक्स में यह कमी 500 मेगावाट से 3000 मेगावाट के मध्य रहती है।
पिछले साल की तुलना में बढ़ी मांग
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रेल में बिजली की मांग में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है।
सरकार ने गिनाए कारण
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रव्यापी घरेलू कोयले के संकट और आयातित कोयले की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते विद्युत की उपलब्धता में कमी आई है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 173 कोयला आधारित विद्युत गृहों में से 8 बंद हैं। देश के 98 कोयला आधारित विद्युत गृहों में कोयला भंडारण निर्धारित मात्रा का 25 प्रतिशत से भी कम है और यह सभी विद्युत गृह कोयला भंडारण के हिसाब से क्रिटिकल लेवल पर है।
केन्द्र में किया आवेदन
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से 756 मेगावाट एन.टी.पी.सी., दादरी प्लांट से आवंटन के लिए आवेदन किया गया एवं राज्य को 179 मेगावाट का आवंटन हुआ और आपूर्ति प्रारंभ हो चुकी है। अडानी पावर से अतिरिक्त 40 मेगावाट एवं सी.जी.पी.एल. से 380 मेगावाट विद्युत आपूर्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है, जल्द ही इसकी आपूर्ति की संभावना है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने बताया कि प्रदेश में मौजूदा बिजली संकट और बिजली कटौती का कदम उठाना राज्य सरकार के बिजली कु-प्रबंधन को दर्शाता है। सरकार के इसी कु-प्रबंधन का विरोध जताने के लिए भाजपा के कार्यकर्ता कल शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर विरोध जताएंगे। इसके तहत राज्य के सभी जीएसएस के बाहर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।पूनिया ने कहा सरकार के बिजली कु-प्रबंधन से अघोषित कटौती के कारण परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी और आम जनता त्रस्त है।
रोजाना 480 लाख यूनिट बिजली की कमी, कटौती शुरू
प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है। इससे गहराए बिजली संकट को लेकर राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आज सुबह से बिजली कटौती शुरू हो गई है। राजधानी जयपुर सहित संभागीय मुख्यालयों पर एक घंटा बिजली कटौती शुरू हुई, वहीं जिला मुख्यालयों पर दो घंटे और अन्य शहरों व कस्बों में 3 घंटे बिजली कटौती शुरू हो गई है। ऊर्जा विभाग की मानें तो बिजली मांग और उपलब्धता सामान्य होने तक यह कटौती जारी रहेगी।
पांच यूनिट शुरू करने की मशक्कत में जुटी सरकार
प्रदेश की विद्युत उत्पादन निगम की 5 यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है। अब सरकार ने इन्हें जल्द से जल्द शुरू करने की मशक्कत शुरू कर दी है। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने इन यूनिटों से जल्द विद्युत उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए है। बताया जा रहा है कि इनमें से तीन यूनिट मई के पहले या दूसरे सप्ताह में चालू हो सकती है, वहीं दो यूनिट करीब 2 माह बाद चालू हो पाएगी।
ये यूनिटें बंद
कालीसिंध— 600 मेगावाट
छबड़ा थर्मल— 250 मेगावाट
सूरतगढ़ थर्मल (सुपर क्रिटिकल)— 660 मेगावाट
सूरतगढ़ थर्मल (सब क्रिटिकल)— 250 मेगावाट
कोटा थर्मल प्लांट— 210 मेगावाट
यूं पड़ी बिजली की कमी
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है। दिन के 24 घंटों में 15-15 मिनट के ब्लाॅक्स में यह कमी 500 मेगावाट से 3000 मेगावाट के मध्य रहती है।
पिछले साल की तुलना में बढ़ी मांग
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रेल में बिजली की मांग में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है।
सरकार ने गिनाए कारण
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रव्यापी घरेलू कोयले के संकट और आयातित कोयले की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते विद्युत की उपलब्धता में कमी आई है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 173 कोयला आधारित विद्युत गृहों में से 8 बंद हैं। देश के 98 कोयला आधारित विद्युत गृहों में कोयला भंडारण निर्धारित मात्रा का 25 प्रतिशत से भी कम है और यह सभी विद्युत गृह कोयला भंडारण के हिसाब से क्रिटिकल लेवल पर है।
केन्द्र में किया आवेदन
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से 756 मेगावाट एन.टी.पी.सी., दादरी प्लांट से आवंटन के लिए आवेदन किया गया एवं राज्य को 179 मेगावाट का आवंटन हुआ और आपूर्ति प्रारंभ हो चुकी है। अडानी पावर से अतिरिक्त 40 मेगावाट एवं सी.जी.पी.एल. से 380 मेगावाट विद्युत आपूर्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है, जल्द ही इसकी आपूर्ति की संभावना है।