राजस्थान के 25 लाख परिवार तक पहुंची ये योजना, अब पूरे देश में लागू करना चाहते हैं गहलोत, जानें क्या है चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना? h3>
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) से कहा है कि वे चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना (MukhyaMantri Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) का परीक्षण करवाएं। अगर यह योजना अच्छी और लोगों के लिए फायदेमंद है तो केन्द्र सरकार इसे पूरे देश में लागू करे। हालांकि पूर्व में भी गहलोत इस तरह के बयान तो दे चुके थे लेकिन 1 नवम्बर को मानगढ़ धाम दौरे पर आए पीएम नरेन्द्र मोदी के सामने मंच से ही मुख्यमंत्री ने एक बार फिर यह आग्रह कर दिया। गहलोत के बाद मोदी जी का भाषण हुआ। हालांकि मोदी जी ने अपने भाषण में इस विषय का जिक्र नहीं किया। अब आप यह समझिए कि राजस्थान सरकार की चिरंजीवी योजना क्या है और गहलोत (Ashok Gehlot) इसे पूरे देश में लागू कराने की मांग क्यों उठा रहे हैं?
जानिए राजस्थान की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी कार्यकाल में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लांच की है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी नागरिको का स्वास्थ्य बीमा कवर किया गया है। सरकारी अस्पतालों में तो इलाज, जांच और दवाएं पहले से फ्री थी। चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के आने के बाद निजी अस्पतालों में भी 10 लाख रुपए तक का इलाज फ्री हो गया है। केंसर, किडनी और हार्ट ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों को भी इस योजना के अंतर्गत लिया गया है। अब गंभीर बीमारियों का इलाज भी मुफ्त में करवाया जा सकता है।
प्रदेश का हर परिवार योजना में कवर्ड
राजस्थान की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रदेश का हर परिवार कवर हो रहा है। अर्थात अमीर, गरीब, नौकरीपैशा या किसान और बेरोजगार प्रदेश के हर परिवार को चिरंजीवी योजना में शामिल किया गया है। इसके लिए परिवार की महिला मुखिया के नाम से बने जन आधार कार्ड की आवश्यकता होती है। जन आधार कार्ड के जरिए परिवार को ईमित्र से या ऑनलाइन माध्यम से स्वयं भी चिरंजीवी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त की जा सकती है। अस्पतालों को सरकार भुगतान करेगी।
कई श्रेणी के लोगों के लिए मुफ्त, अन्य के लिए महज 850 रुपए का प्रीमियम
लघु एवं सिमांत किसान, संविदाकर्मी,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ लेने वाले परिवार, सामाजिक और आर्थिक जनगणना के पात्र परिवार और निराश्रित एवं असहाय परिवार के लिए कोई प्रीमियम देय नहीं है। इनके अलावा अन्य परिवारों के लिए भी प्रीमियम शुल्क काफी कम है। केवल 850 रुपए वार्षिक प्रीमियम जमा करा कर पूरे परिवार का इलाज इस योजना के तहत करवाया जा सकता है। अब तक 25 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। 2963 करोड़ रुपए का इलाज निशुल्क करवाया जा चुका है।
मुफ्त दवा, मुफ्त जांच के बाद चिरंजीवी योजना भी काफी लोकप्रिय
पूर्व में अशोक गहलोत मुफ्त दवा योजना लेकर आए थे। दूसरे कार्यकाल में गहलोत मुफ्त जांच योजना भी लेकर आए। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा और मुफ्त इलाज के प्रदेश के करोड़ों लोगों ने इसका लाभ उठाया। ये योजनाएं देशभर में चर्चित रही और कई राज्यों के अधिकारी इन योजनाओं के बारे में जानकारी लेने के लिए राजस्थान आए थे। इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिरंजीवी योजना लेकर आए हैं। इस योजना के अंतर्गत अब निजी अस्पतालों में भी 10 लाख रुपए तक का इलाज निशुल्क करवाया जा सकता है। यह योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हुई है।
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जानिए राजस्थान की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी कार्यकाल में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लांच की है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी नागरिको का स्वास्थ्य बीमा कवर किया गया है। सरकारी अस्पतालों में तो इलाज, जांच और दवाएं पहले से फ्री थी। चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के आने के बाद निजी अस्पतालों में भी 10 लाख रुपए तक का इलाज फ्री हो गया है। केंसर, किडनी और हार्ट ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों को भी इस योजना के अंतर्गत लिया गया है। अब गंभीर बीमारियों का इलाज भी मुफ्त में करवाया जा सकता है।
प्रदेश का हर परिवार योजना में कवर्ड
राजस्थान की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रदेश का हर परिवार कवर हो रहा है। अर्थात अमीर, गरीब, नौकरीपैशा या किसान और बेरोजगार प्रदेश के हर परिवार को चिरंजीवी योजना में शामिल किया गया है। इसके लिए परिवार की महिला मुखिया के नाम से बने जन आधार कार्ड की आवश्यकता होती है। जन आधार कार्ड के जरिए परिवार को ईमित्र से या ऑनलाइन माध्यम से स्वयं भी चिरंजीवी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त की जा सकती है। अस्पतालों को सरकार भुगतान करेगी।
कई श्रेणी के लोगों के लिए मुफ्त, अन्य के लिए महज 850 रुपए का प्रीमियम
लघु एवं सिमांत किसान, संविदाकर्मी,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ लेने वाले परिवार, सामाजिक और आर्थिक जनगणना के पात्र परिवार और निराश्रित एवं असहाय परिवार के लिए कोई प्रीमियम देय नहीं है। इनके अलावा अन्य परिवारों के लिए भी प्रीमियम शुल्क काफी कम है। केवल 850 रुपए वार्षिक प्रीमियम जमा करा कर पूरे परिवार का इलाज इस योजना के तहत करवाया जा सकता है। अब तक 25 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। 2963 करोड़ रुपए का इलाज निशुल्क करवाया जा चुका है।
मुफ्त दवा, मुफ्त जांच के बाद चिरंजीवी योजना भी काफी लोकप्रिय
पूर्व में अशोक गहलोत मुफ्त दवा योजना लेकर आए थे। दूसरे कार्यकाल में गहलोत मुफ्त जांच योजना भी लेकर आए। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा और मुफ्त इलाज के प्रदेश के करोड़ों लोगों ने इसका लाभ उठाया। ये योजनाएं देशभर में चर्चित रही और कई राज्यों के अधिकारी इन योजनाओं के बारे में जानकारी लेने के लिए राजस्थान आए थे। इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिरंजीवी योजना लेकर आए हैं। इस योजना के अंतर्गत अब निजी अस्पतालों में भी 10 लाख रुपए तक का इलाज निशुल्क करवाया जा सकता है। यह योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हुई है।
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