राजस्थान की जेलों में ‘जेल स्टाफ-कैदियों का पब्लिक कलिंग नेटवर्क’: ट्रेनी IPS को गेट पर रोका, तलाशी के लिए 20 मिनट तक एंट्री नहीं दी – Rajasthan News h3>
कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू से लेकर मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री को धमकियों के बाद राजस्थान की जेलें एक बार फिर चर्चा में हैं। जेलों में बंद क्रिमिनल और जेल कर्मचारी मिलकर धमकी, फिरौती और वसूली गैंग का नेटवर्क चला रहे हैं। खुद डीजीपी यूआ
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जोधपुर में एक ट्रेनी IPS ने भी जेल में इस मिलीभगत का खुलासा किया था। अचानक तलाशी लेने पहुंचे तो 20 मिनट तक उन्हें एंट्री तक नहीं दी गई। जयपुर, बीकानेर और जोधपुर की जेलों में तैनात 11 जेल कर्मचारी-अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। बावजूद इसके सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
आखिर क्यों राजस्थान की जेलों से ऑपरेट हो रहे ‘कैदियों के पब्लिक कॉलिंग नेटवर्क’ को पुलिस तोड़ने में नाकाम हो रही है। पढ़िए- संडे बिग स्टोरी में….
जेल SP की गैरमौजूदगी का हवाला देकर IPS को नहीं दी एंट्री जोधपुर कमिश्नरेट में तैनात प्रशिक्षु आईपीएस हेमंत कलाल जेलों में लगातार मोबाइल मिलने और धमकी भरे कॉल्स के मामले में गृह विभाग के आदेशों की पालना में 30 जनवरी 2025 को रात में वो जोधपुर सेंट्रल जेल में तलाशी के लिए गए थे।
इस दौरान जेल स्टाफ ने उन्हें जेल में ही नहीं घुसने दिया। तकरीबन 20 मिनट तक गेट पर ही रोके रखा। बताया गया कि जेल एसपी मौजूद नहीं हैं, इसलिए वो अंदर नहीं आ सकते है। वहां मौजूद जेल इंस्पेक्टर ने भी उनका कोई सहयोग नहीं किया।
जेल में कैदियों को सिम उपलब्ध कराने के आरोप में सुरक्षा प्रहरी राजेश बिश्नोई को रातानाडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
आईपीएस हेमंत कलाल ने पूरा घटनाक्रम शेयर करते हुए बताया कि इस दौरान उनके साथ एडीसीपी, तहसीलदार सहित एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट भी थे। फिर भी किसी को 20 मिनट तक एंट्री नहीं दी गई। हमें तब वहां रोके रखने का कोई लीगल कारण भी नहीं था तो वहां से सभी उच्च अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दे दी गई थी।
किसी भी सामान को छिपाने या एविडेंस हटाने के लिए 20 मिनट बहुत होते हैं। ऐसे में इसके बाद अंदर जाकर चेकिंग करने का कोई औचित्य नहीं रह गया था। इसलिए हम वापस लौट आए थे। इसके बाद हमने दोबारा से 21 फरवरी 2025 को थाने की फोर्स लेकर एसडीएम के साथ जेल में सर्च करने पहुंचे थे।
मटकी के अंदर छिपे मिले मोबाइल इस बार हमें जेल के वार्ड नंबर 6 के बैरक नंबर 2 में एक मटकी मिली। उस मटकी के अंदर एक और मटकी थी। अंदर सरस का दूध भरा हुआ था। जब इसे उल्टा कर के देखा तो पता चला कि सीमेंट से कवर करके रखे गए कपड़े में दो मोबाइल छिपाए हुए थे।
ट्रेनी IPS हेमंत कलाल ने बताया कि कैसे जेलों में मोबाइल को छिपाया जाता है।
इस तरह से बढ़िया इंतजाम और शातिर तरीके से व्यवस्था बनाकर मोबाइल छिपाना आसान नहीं था। ये किसी कैदी द्वारा अपने आप करना संभव नहीं था। नेटवर्क जेल में था, जिसकी सहायता से ही ये सब हो रहा था। ऐसे में इन मामलों में जेल कर्मचारियों की लिप्तता हो सकती है। अब ये किस लेवल पर है, वो मैं नहीं जानता हूं।
दो महीने बाद एक्शन डिप्टी सीएम को धमकी का मामला सुर्खियों में आने के बाद इस घटनाक्रम में 2 महीने बाद 29 मार्च को एक्शन लिया गया है। मामले में कारापाल रामचन्द्र व मुख्य प्रहरी चैनदान को सस्पेंड किया गया है।
CM भजनलाल को धमकी और जांच में क्या निकला, जानिए…
1. पहली बार : 16 जनवरी 2024 जयपुर सेंट्रल जेल से कैदी ने फोन कर गोली मारने की धमकी दी।
इन्वेस्टिगेशन में क्या? 5 साल से पॉक्सो के मामले में जयपुर जेल में बंद बंदी ने फोन किया था।
हेड वार्डन अजय सिंह राठौड़ और वार्डन मनीष कुमार यादव को सस्पेंड किया।
2. दूसरी बार : 27 जुलाई 2024 दौसा की श्यालवास जेल से जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर को जान से मारने की धमकी।
इन्वेस्टिगेशन में क्या? दार्जिलिंग निवासी नीमा नाम के एक कैदी ने नशे की लत में फोन पर धमकी दी।
कार्यवाहक जेल अधीक्षक कैलाश दरोगा, जेलर बिहारी लाल और मुख्य प्रहरी अवधेश कुमार को सस्पेंड किया।
दौसा जेल से CM भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देने पर राजेंद्र महावर को गिरफ्तार किया गया था।
3. तीसरी बार : 21 फरवरी 2025 दौसा की श्यालवास जेल से रात 12.45 बजे सीएम को जान से मारने की धमकी।
इन्वेस्टिगेशन में क्या? पॉक्सो मामले में बंद कैदी रिंकू को जेल में सिम पहुंचाई गई, जिससे धमकी दी।
4. चौथी बार : 28 मार्च 2025 बीकानेर सेंट्रल जेल से पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर सीएम को जान से मारने की धमकी।
इन्वेस्टिगेशन में क्या? जेल से बंदी आदिल को नशा नहीं मिला तो उसने धमकी दी। सिम पहुंचाने में जेलकर्मी की भूमिका।
उप कारापाल जयसिंह, मुख्य प्रहरी विजयपाल व प्रहरी जगदीश प्रसाद व अनिल को सस्पेंड किया गया।
डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा : 26 मार्च 2025 जयपुर सेंट्रल जेल से पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल कर डिप्टी सीएम को जान मारने की धमकी।
इन्वेस्टिगेशन में क्या? सर्च ऑपरेशन में एक बंदी के पास मोबाइल व सिम मिली। वह अन्य बंदियों को प्रति मिनट बाहर बात कराने के 100 रुपए लेता था।
कारापाल भंवर सिंह, उप कारापाल रमेश चंद, मुख्य प्रहरी वीरेंद्र सिंह भाटी, प्रहरी चंद्रपाल व सुरेन्द्र को सस्पेंड किया गया है। फिलहाल इन्वेस्टिगेशन चल रही है।
ADG जेल बोले- एक्शन ले रहे, लेकिन थोक में सस्पेंशन नहीं करेंगे पड़ताल में हमने सबसे पहले राजस्थान जेल डिपार्टमेंट के ADG रुपिंदर सिंह से बात की। उन्होंने बताया- ऐसे मामलों में दो तरह की बातें होती हैं। पहली जेल कर्मचारियों की ओर से लापरवाही और दूसरी जेल कर्मचारियों की मिलीभगत। इन दोनों ही तरह के मामलों में सस्पेंशन की कार्रवाई और इन्वेस्टिगेशन की जा रही है। जोधपुर में जो ट्रेनी आईपीएस को रोकने का मामला है, उसमें भी आरोपियों को सस्पेंड कर दिया है। इन्वेस्टिगेशन आईजी को सौंपी गई है। हालांकि इसका मतलब ये नहीं निकालना चाहिए कि हम थोक में ही सस्पेंशन कर देंगे। केस टू केस जांच करेंगे।
जो जैमर की समस्या है, उससे भी अब जल्दी ही निजात मिलने वाली है। अभी तक हमारी जेलों में 2 G जैमर लगे हुए है, जो मौजूदा मोबाइल नेटवर्क को जाम नहीं कर पाते है और नॉन फंक्शनल हैं। आज के जमाने में नए जैमर (जिन्हें हार्मोनिक कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम बोलते हैं) से मोबाइल नेटवर्क जाम किया जा सकता है। इसे हमारी जेलों में लगवाने के लिए टेंडर हो गया है। अगले दो से तीन महीनों में ये यहां लग जाएंगे। ऐसे में जल्दी ही जैमर की प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी।