राजभवन— कांग्रेस सरकार आमने सामने: आखिर कहां गया रोड़ा एक्ट संशोधन विधेयक | Raj Bhavan – Congress government face to face: | Patrika News h3>
दौसा के एक किसान की जमीन नीलामी होने का मामला सामने आने के बाद इससे सम्बन्धित बिल को लेकर राज्य सरकार और राजभवन आमने सामने हो गए है।
जयपुर
Published: January 24, 2022 05:49:21 pm
जयपुर। दौसा के एक किसान की जमीन नीलामी होने का मामला सामने आने के बाद इससे सम्बन्धित बिल को लेकर राज्य सरकार और राजभवन आमने सामने हो गए है। राज्य सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि किसान की जमीन नीलाम होने से रोकने के लिए विधानसभा से पास किए बिल को राजभवन ने रोक रखा है, लेकिन अब राजभवन ने कहा हैं कि उनके पास कोई बिल ही नहीं आया है। वहीं सरकार फिर से कह रही हैं कि बिल राजभवन में ही है।
governor kalraj mishra
ये था बिल—
राजस्थान सरकार ने 2 नवंबर 20 में रिमूवल आफ डिफिकल्टीज रोड़ा एक्ट विधानसभा से पास किया था। इसके तहत राजस्थान एग्रीकल्चर डिफिकल्टीज आपरेशन ‘रिमूवल आफ डिफिकल्टीज’ एक्ट 1974 व दीवानी प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 60 एक ख परन्तु में संशोधन करके पांच एकड तक के भूमि स्वामी किसानों की जमीन को किसी भी प्रकार की कर्ज वसूली के बदले नीलाम अथवा कुर्क करने पर रोक लगाई थी। इस कानून से किसानों से प्रशासन और भूमाफिया के गठजोड से राहत मिलती। राज्य सरकार ने कहा हैं कि ये विधेयक एक साल से राजभवन में लंबित चल रहा है।
वहीं राज्यपाल सचिवालय ने स्पष्ट किया गया है कि रोड़ा एक्ट के संशोधन से सम्बंधित कोई भी विधेयक राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र के स्तर पर अनुमोदन के लिए नहीं आया है। राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस संबंध में सोमवार को ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल को भी इस सम्बंध में बताया गया है। सरकार ने किसान की जमीन नीलाम होने का मामला सामने आने के बाद किसानों की जमीन नीलाम नहीं करने का 20 जनवरी को निर्देश भी जारी किए थे। अब ये नई जानकारी आने के बाद असमंजस की स्थिति पैदा हो गई हैं कि आखिर बिल कहां गया और किस स्तर पर लंबित है। सरकार की ओर से अब फिर से ये कहा गया हैं कि राजस्थान सरकार ने 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 60 (1)(b) के परन्तुक में संशोधन किया था जिससे 5 एकड जमीन पर केसीसी ऋण लेने पर कुर्क एवं नीलामी पर रोक लग जाती। परन्तु यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है
ये था मामला— दौसा के किसान की जमीन की नीलामी के बाद सीएम अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि रोड़ा एक्ट संशोधन विधेयक विधानसभा से पास करके राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था लेकिन अभी तक राज्यपाल की ओर से इस पर मंजूरी नहीं दी गई। आज किसानों ने भी राजभवन की ओर कूच किया था। इसमें किसानों ने ये बिल मंजूर करने की मांग की थी लेकिन जब उनका प्रतिनिधि मंडल राजभवन गया तो राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि रोड़ा एक्ट के संशोधन से सम्बंधित कोई भी विधेयक राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र के स्तर पर अनुमोदन के लिए नहीं आया है।
अगली खबर

दौसा के एक किसान की जमीन नीलामी होने का मामला सामने आने के बाद इससे सम्बन्धित बिल को लेकर राज्य सरकार और राजभवन आमने सामने हो गए है।
जयपुर
Published: January 24, 2022 05:49:21 pm
जयपुर। दौसा के एक किसान की जमीन नीलामी होने का मामला सामने आने के बाद इससे सम्बन्धित बिल को लेकर राज्य सरकार और राजभवन आमने सामने हो गए है। राज्य सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि किसान की जमीन नीलाम होने से रोकने के लिए विधानसभा से पास किए बिल को राजभवन ने रोक रखा है, लेकिन अब राजभवन ने कहा हैं कि उनके पास कोई बिल ही नहीं आया है। वहीं सरकार फिर से कह रही हैं कि बिल राजभवन में ही है।
governor kalraj mishra
ये था बिल—
राजस्थान सरकार ने 2 नवंबर 20 में रिमूवल आफ डिफिकल्टीज रोड़ा एक्ट विधानसभा से पास किया था। इसके तहत राजस्थान एग्रीकल्चर डिफिकल्टीज आपरेशन ‘रिमूवल आफ डिफिकल्टीज’ एक्ट 1974 व दीवानी प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 60 एक ख परन्तु में संशोधन करके पांच एकड तक के भूमि स्वामी किसानों की जमीन को किसी भी प्रकार की कर्ज वसूली के बदले नीलाम अथवा कुर्क करने पर रोक लगाई थी। इस कानून से किसानों से प्रशासन और भूमाफिया के गठजोड से राहत मिलती। राज्य सरकार ने कहा हैं कि ये विधेयक एक साल से राजभवन में लंबित चल रहा है।
वहीं राज्यपाल सचिवालय ने स्पष्ट किया गया है कि रोड़ा एक्ट के संशोधन से सम्बंधित कोई भी विधेयक राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र के स्तर पर अनुमोदन के लिए नहीं आया है। राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस संबंध में सोमवार को ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल को भी इस सम्बंध में बताया गया है। सरकार ने किसान की जमीन नीलाम होने का मामला सामने आने के बाद किसानों की जमीन नीलाम नहीं करने का 20 जनवरी को निर्देश भी जारी किए थे। अब ये नई जानकारी आने के बाद असमंजस की स्थिति पैदा हो गई हैं कि आखिर बिल कहां गया और किस स्तर पर लंबित है। सरकार की ओर से अब फिर से ये कहा गया हैं कि राजस्थान सरकार ने 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 60 (1)(b) के परन्तुक में संशोधन किया था जिससे 5 एकड जमीन पर केसीसी ऋण लेने पर कुर्क एवं नीलामी पर रोक लग जाती। परन्तु यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है
ये था मामला— दौसा के किसान की जमीन की नीलामी के बाद सीएम अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि रोड़ा एक्ट संशोधन विधेयक विधानसभा से पास करके राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था लेकिन अभी तक राज्यपाल की ओर से इस पर मंजूरी नहीं दी गई। आज किसानों ने भी राजभवन की ओर कूच किया था। इसमें किसानों ने ये बिल मंजूर करने की मांग की थी लेकिन जब उनका प्रतिनिधि मंडल राजभवन गया तो राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि रोड़ा एक्ट के संशोधन से सम्बंधित कोई भी विधेयक राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र के स्तर पर अनुमोदन के लिए नहीं आया है।
अगली खबर