‘राजनीति का संत’ जिसने नींद के कारण छोड़ दी सीएम की कुर्सी, गिफ्ट में मिली कार से करते थे सफर h3>
भोपाल: एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी बीजेपी छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं। दीपक जोशी ने कहा कि बीजेपी ने उनकी पिता को सम्मान नहीं दिया। यही कारण है कि वो कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। कैलाश जोशी बीजेपी के कद्दावर नेता थे। वो राज्य के पहले गैर कांग्रेसी सीएम थे। जनसंघ की स्थापना से लेकर बीजेपी के गठन तक कैलाश जोशी का बड़ा योगदान रहा है। कैलाश जोशी देवास जिले की बागली विधानसभा सीट से 8 बार विधायक रहे। कैलाश जोशी भोपाल से सांसद भी रहे। कैलाश जोशी जब मध्यप्रदेश के सीएम थे तो उनके कामों से ज्यादा चर्चा उनकी एक रहस्यमयी बीमारी को लेकर होती थी।
ऐसा कहा जाता है कि कैलाश जोशी को सीएम बनने के बाद एक अनोखी बीमारी हो गई थी। कैलाश जोशी राज्य के नौंवे और पहले गैर कांग्रेसी सीएम थे। कैलाश जोशी 24 जून 1977 को एमपी के सीएम बने थे। बाद में बीमारी के कारण उन्होंने 17 जनवरी 1978 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नींद की बीमारी
ऐसा कहा जाता है कि कैलाश जोशी को नींद की बीमारी हो गई थी। इस बीमारी के कारण कैलाश जोशी एक दिन में 18-18 घंटे तक सोने लगे थे। बताया जाता है कि जब वो सीएम थे तो कई बार वो फाइलों में साइन-साइन करते सो जाते थे। भोपाल में एक किस्सा मशहूर है कि एक बार तत्कालीन पीएम मोरारजी देसाई एमपी दौरे पर भोपाल पहुंचे थे। वो सीएम हाउस भी गए थे। इस दौरान कैलाश जोशी को नींद आने लगी और वो सो गए। जब अधिकारियों ने पीएम के आने की बात बताई तो भी कैलाश जोशी करवट बदलकर सोते रहे।
सादगी के कारण कहलाते थे संत
कैलाश जोशी की सादगी पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध थी। कैलाश जोशी हमेशा जनता के बीच रहते थे। उनकी सादगी के कारण उन्हें ‘राजनीति का संत’ कहा जाता था। कैलाश जोशी भी क्षेत्र का दौरा करते थे आम लोगों के बीच बैठकर खाना खाते थे। लोगों से मेल मुलाकात करते थे। कैलाश जोशी उन नेताओं में से हैं जिन्हें आपातकाल में जेल में रहना पड़ा था। एमपी की सियासत में कहा जाता है कि कैलाश जोशी सभी नेताओं के लिए आदर्श थे।
गिफ्ट में मिली थी कार
कैलाश जोशी की सादगी के चर्चे दिल्ली तक होते थे। कैलाश जोशी बागली विधानसभा सीट से जब 5वीं बार विधायक बने थे तब उनके पास खुद की कार भी नहीं थी। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने उन्हें चंदे के पैसे से एक कार खरीदकर दी थी। इस कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी और राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी मौजूद थीं।
भोपाल से सांसद भी रहे
कैलाश जोशी भोपाल संसदीय सीट से दो बार सांसद भी रहे। वो सीएम के अलावा, राज्य सरकार में कई बार मंत्री, संगठन के अहम पदों पर काम किया था। कैलाश जोशी की छवि ईमानदार नेताओं के तौर पर होती थी। 24 नवंबर 2019 को कैलाश जोशी का 90 साल की उम्र में निधन हो गया था।
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ऐसा कहा जाता है कि कैलाश जोशी को सीएम बनने के बाद एक अनोखी बीमारी हो गई थी। कैलाश जोशी राज्य के नौंवे और पहले गैर कांग्रेसी सीएम थे। कैलाश जोशी 24 जून 1977 को एमपी के सीएम बने थे। बाद में बीमारी के कारण उन्होंने 17 जनवरी 1978 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नींद की बीमारी
ऐसा कहा जाता है कि कैलाश जोशी को नींद की बीमारी हो गई थी। इस बीमारी के कारण कैलाश जोशी एक दिन में 18-18 घंटे तक सोने लगे थे। बताया जाता है कि जब वो सीएम थे तो कई बार वो फाइलों में साइन-साइन करते सो जाते थे। भोपाल में एक किस्सा मशहूर है कि एक बार तत्कालीन पीएम मोरारजी देसाई एमपी दौरे पर भोपाल पहुंचे थे। वो सीएम हाउस भी गए थे। इस दौरान कैलाश जोशी को नींद आने लगी और वो सो गए। जब अधिकारियों ने पीएम के आने की बात बताई तो भी कैलाश जोशी करवट बदलकर सोते रहे।
सादगी के कारण कहलाते थे संत
कैलाश जोशी की सादगी पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध थी। कैलाश जोशी हमेशा जनता के बीच रहते थे। उनकी सादगी के कारण उन्हें ‘राजनीति का संत’ कहा जाता था। कैलाश जोशी भी क्षेत्र का दौरा करते थे आम लोगों के बीच बैठकर खाना खाते थे। लोगों से मेल मुलाकात करते थे। कैलाश जोशी उन नेताओं में से हैं जिन्हें आपातकाल में जेल में रहना पड़ा था। एमपी की सियासत में कहा जाता है कि कैलाश जोशी सभी नेताओं के लिए आदर्श थे।
गिफ्ट में मिली थी कार
कैलाश जोशी की सादगी के चर्चे दिल्ली तक होते थे। कैलाश जोशी बागली विधानसभा सीट से जब 5वीं बार विधायक बने थे तब उनके पास खुद की कार भी नहीं थी। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने उन्हें चंदे के पैसे से एक कार खरीदकर दी थी। इस कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी और राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी मौजूद थीं।
भोपाल से सांसद भी रहे
कैलाश जोशी भोपाल संसदीय सीट से दो बार सांसद भी रहे। वो सीएम के अलावा, राज्य सरकार में कई बार मंत्री, संगठन के अहम पदों पर काम किया था। कैलाश जोशी की छवि ईमानदार नेताओं के तौर पर होती थी। 24 नवंबर 2019 को कैलाश जोशी का 90 साल की उम्र में निधन हो गया था।