राजधानी में सीवरलाइन का हाल: 6000 किमी सीवरलाइन का जाल, इसमें आधी खराब | jaipur news greater and heritage nagar nigam | Patrika News

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राजधानी में सीवरलाइन का हाल: 6000 किमी सीवरलाइन का जाल, इसमें आधी खराब | jaipur news greater and heritage nagar nigam | Patrika News

राजधानी में सीवरलाइन का हाल: 6000 किमी सीवरलाइन का जाल, इसमें आधी खराब | jaipur news greater and heritage nagar nigam | Patrika News

राजधानी के कई हिस्सों में 35 से 50 वर्ष पुरानी सीवरेजलाइन है। इसको बदलने जाने की जरूरत भी है। लेकिन बजट से लेकर तकनीक की कमी निगम के पास है। एक लाइन सही होती है तब तक दूसरी क्षतिग्रस्त हो जाती है। बारिश में सीवरेज का पानी लाइन से बाहर आ जाता है। दिक्कतें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं।

जयपुर

Published: January 22, 2022 12:58:26 pm

जयपुर। राजधानी जयपुर में आधी से अधिक सीवरलाइन जर्जर हो चुकी हैं। अब स्थिति यह है कि कभी सीवरलाइन लीक होने लगती है तो कभी ब्लॉक होकर गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है। जर्जर और पुरानी सीवरेज लाइन को बदलने के लिए दोनों नगर निगमों के पास पैसा ही नहीं है। ऐसे में खुद को बचाने के लिए थोड़े बहुत हिस्से को बदलकर अधिकारी अपनी पीठ थपथपा लेते हैं।

राजधानी में सीवरलाइन का हाल: 6000 किमी सीवरलाइन का जाल, इसमें आधी ख्रराब

दरअसल, परकोटा से लेकर आदर्श नगर, राजापार्क, बनीपार्क, सी-स्कीम, मालवीय नगर, सैन कॉलोनी, रेलवे स्टेशन, बड़ोदिया बस्ती से लेकर शास्त्री नगर में वर्षों पुरानी सीवरेजलाइन बिछी हुई है। इसको बदलने की जरूर है। लेकिन आर्थिक तंगी शहरी सरकारों के आड़ आ जाती है। तभी तो कहीं सीवरलाइन धंस जाती है तो कहीं गंदा पानी उफनकर बाहर आ जाता है।

800 मीटर लाइन बदलने के लिए 12 महीने कम पड़े
-निगम की इंजीनियरिंग शाखा के अभियंताओं के कामकाज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चौमूं हाउस सर्कि ल पर जनवरी, 2021 में सड़क धंसी थी। उस फजीहत के बाद हैरिटेज निगम ने 800 मीटर की लाइन को बदलने का निर्णय लिया। इस हादसे को 12 महीने हो चुके हैं, लेकिन निगम अब तक काम पूरा नहीं कर पाया है।
-इस हादसे के बाद हैरिटेज नगर निगम ने कंडीशनल असिसमेंट सर्वे कराने की बात कही थी। लेकिन, गडï्ढा भरने के बाद निगम अधिकारी भी सर्वे को भूल गए। सीवरलाइन की सर्वाधिक बुरी स्थिति हैरिटेज नगर निगम की ही है। ये सर्वे होता तो क्षतिग्रस्त सीवरेजलाइन का पता चल जाता।

इस वजह से हो रही परेशानी
-जब ये लाइनें बिछाईं गई थीं, उस समय आबादी कम थी। अब लाइन में पहले की तुलना में प्रेशर भी ज्यादा रहता है।
इधर भी बुरा हाल
राजधानी के बाहरी क्षेत्रों मे सीवरेज लाइन अब तक नहीं बिछ पाई है। ऐसे में यहां के लोग भी परेशान रहते हैं। गडï्ढे आए दिन भर जाते हैं। गंदा पानी सड़कों पर बहता है। हालांकि, राजधानी के पïृथ्वीराज नगर इलाके में सीवरेज लाइन डालने का काम जेडीए ने शुरू किया है। फिलहाल लाखों की आबादी परेशान हो रही है।

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