राजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पतालों में खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिट

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राजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पतालों में खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिट

राजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पतालों में खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिट

राजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पतालों में खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिटराजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पतालों में खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिटराजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पतालों में…

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफMon, 14 Oct 2024 04:20 PM
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राजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पतालों में खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिट दूसरे चरण में अस्थावां रेफरल अस्पताल में यूनिट खोलने की चल रही तैयारी 4 अस्पतालों में सर्जन डॉक्टर की हो चुकी है तैनाती, अस्थावां में भी जल्द होगी तैनाती फोटो : ब्लड बैंक : सदर अस्पताल का ब्लड बैंक। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। जिला के सदर अस्पताल और पावापुरी मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक काम कर रहे हैं। यहां गंभीर रोगियों को रेफर किया जा रहा है। इसके अलावा जिले के राजगीर और हिलसा में अनुमंडलीय तो कल्याणबिगहा, चंडी और अस्थावां में रेफरल अस्पताल हैं। लेकिन, वहां ब्लड स्टोरेज यूनिट नहीं होने से ये अस्पताल पूरी तरह से फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) की तरह काम नहीं कर रहे हैं। अब स्वास्थ्य विभाग इन अस्पतालों में एफआरयू को पूरी तरह से चालू करने जा रहा है। इसके लिए राजगीर, हिलसा, कल्याणबिगहा और चंडी अस्पताल में ब्लड स्टोरेज यूनिट खोली जाएगी। इन अस्पतालों में सर्जन डॉक्टर की तैनाती भी हो चुकी है। वहीं दूसरे चरण में अस्थावां अस्पताल में भी स्टोरेज यूनिट खोली जाएगी। साथ ही, वहां सर्जन डॉक्टर की तैनाती की जाएगी। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने बताया कि जिले की सभी पांच एफआरयू को पूरी तरह से चालू किया जाएगा। ताकि, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से गंभीर रोगियों को सीधे नजदीक वाले एफआरयू सेंटर पर भेजा जा सके। क्या है ब्लड स्टोरेज यूनिट : एफआरयू में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर हुए गंभीर रोगियों का इलाज किया जाता है। इसमें कई बार डॉक्टरों को ब्लड की आवश्यकता पड़ती है। ब्लड नहीं रहने से डॉक्टर रहते हुए भी गंभीर रोगियों को सदर या पावापुरी रेफर करना पड़ता है। अब इन सभी एफआरयू में ब्लड स्टोरेज खुलने से ऐसे रोगियों को वहां से ब्लड आसानी से मिल सकता है। इसके लिए इस यूनिट को पास के ब्लड बैंक से लिंक किया जाएगा। वहां से वे आवश्यकता के अनुसार ब्लड मंगवा कर रख सकते हैं। इस यूनिट में भी ब्लड लेने और देने का नियम ब्लड बैंक की तरह ही रहेगा। ब्लड को सुरक्षित रखने की पूरी व्यवस्था होगी। फिलहाल सदर और पावापुरी मेडिकल कॉलेज के अलावा निजी तौर पर तीन ब्लड बैंक काम कर रहे हैं। वहीं पावापुरी व एक निजी ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स निकालने की भी सुविधा है।

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