राकेश टिकैत का खुलासा: 22 किसान नेता चुनाव लड़ना चाहते थे, उन्ही के साथ मिलकर मेरा विरोध किया जा रहा | Rakesh Tikaits disclosure on kisan union 22 farmer leaders want to ele | Patrika News h3>
कुछ लोग राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर जा रहे भारतीय किसान यूनियन संगठन को जो भी लोग छोड़ कर जा रहे हैं। उनका अब भारतीय किसान यूनियन संगठन से कोई संबंध नहीं है। 2 दिन बाद हरियाणा के करनाल में हमारी कार्यकारिणी की मीटिंग है इस मीटिंग में 7- 8 राज्यों के किसान आ रहे हैं 18 तारीख को वह मीटिंग होनी है। हमारा जो रजिस्ट्रेशन है वह भारतीय किसान यूनियन के नाम से है उन लोगों ने भारतीय किसान यूनियन राजनैतिक के नाम से संगठन बनाया है। हमारे बाइलॉज में यह है कि हम कोई चुनाव नहीं लड़ेगे इसलिए हमारा संगठन अराजनीतिक है। और जो भी भारतीय किसान यूनियन को छोड़कर जाएगा और अपना संगठन बनाता है तो वह भारतीय किसान यूनियन के आगे कोई भी नाम लगा सकता है। 13 महीने जिन लोगों ने कृषि बिल का विरोध किया संयुक्त किसान मोर्चा के मीटिंग में जाते रहे आंदोलन में वह लोग लंगर और भंडारा चलाते रहे और आज वह लोग कृषि बिल को बढ़िया बता रहे हैं। हम उन्हें मनाने गए थे उनसे बातचीत भी हुई थी लेकिन हमें यह लगा कि वह लोग किसी अंडर प्रेशर में काम कर रहे हैं। हमारे किसी से राजनीतिक संबंध नहीं है हमारे तो अराजनीतिक संबंध है आंदोलन के संबंध है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनके ऊपर बहुत बड़ा प्रेशर है मजबूरी है। इस सरकार में नहीं लगता कि वह लोग फिर से घर वापसी करेंगे। पुराने लोग गए हैं दुख तो होगा ही याद आएगी उन लोगों की।
22 लोग चाहते थे विधानसभा चुनाव लड़ना चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ नाराजगी का कारण यह भी है कि संगठन के 22 लोग विधानसभा चुनाव भूमि टिकट की मांग कर रहे थे राजनीतिक है इस वजह से उन्हें किसी राजनीतिक दल से कोई मतलब नहीं है और ना ही किसी राजनीतिक दल के टिकट से तो इसलिए वह लोग संगठन छोड़ कर चले गए हैं उन्होंने अपना अलग संगठन बना लिया जो लोग उस संगठन में गए हैं अब उनका भारतीय किसान यूनियन से कोई मतलब नहीं है।
जो संगठन छोडकर गए थे उनका मकसद राजनीति करना राकेश टिकैत ने कहा कि, जो भी संगठन छोड़कर दूसरे संगठन में गए हैं उनका ऑटोमेटिक इस संगठन भारतीय किसान यूनियन से पद खत्म हो गया है अब वह इस संगठन के कार्यकर्ता भी नहीं रहे हैं। वह लोग क्यों इस संगठन को छोड़कर दूसरे संगठन में गए हैं यह जानकारी तो वही दे सकते हैं। उनके जाने से संगठन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि संगठन तो जनता चलाती है। भारतीय किसान यूनियन संगठन को कोई पदाधिकारी नहीं बल्कि जनता चलाती है। जनता में विश्वास रहना चाहिए। आज चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर दो जगह प्रोग्राम था पहला प्रोग्राम सिसौली में था और दूसरा प्रोग्राम लखनऊ में था। लखनऊ में उन लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा भारतीय किसान यूनियन की जो लड़ाई चल रही है किसानों की समस्याओं को लेकर वह चलती रहेगी। हमारी कार्यकारिणी जो बनी हुई है वही है अभी बंद नहीं हुई है।
एक पदाधिकारी के रहते दूसरे को कैसे नियुक्त किया राकेश टिकैत ने कहा कि, एक राष्ट्रीय पदाधिकारी संगठन को छोड़कर गया है दूसरा भी पदाधिकारी था वह भी छोड़ कर गया है। सोशल मीडिया पर तो अफवाह चलती रहती है। वह हमें क्या हटाएंगे यह संगठन उनका थोड़ा ही है यह तो हमारा संगठन है। उन्होंने तो आज अपना नया संगठन बनाया है। इसलिए हम उनके मेंबर कैसे हुए। जो आदमी इस संगठन को छोड़कर गया है वह हमें कैसे हटा देगा।:
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कुछ लोग राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर जा रहे भारतीय किसान यूनियन संगठन को जो भी लोग छोड़ कर जा रहे हैं। उनका अब भारतीय किसान यूनियन संगठन से कोई संबंध नहीं है। 2 दिन बाद हरियाणा के करनाल में हमारी कार्यकारिणी की मीटिंग है इस मीटिंग में 7- 8 राज्यों के किसान आ रहे हैं 18 तारीख को वह मीटिंग होनी है। हमारा जो रजिस्ट्रेशन है वह भारतीय किसान यूनियन के नाम से है उन लोगों ने भारतीय किसान यूनियन राजनैतिक के नाम से संगठन बनाया है। हमारे बाइलॉज में यह है कि हम कोई चुनाव नहीं लड़ेगे इसलिए हमारा संगठन अराजनीतिक है। और जो भी भारतीय किसान यूनियन को छोड़कर जाएगा और अपना संगठन बनाता है तो वह भारतीय किसान यूनियन के आगे कोई भी नाम लगा सकता है। 13 महीने जिन लोगों ने कृषि बिल का विरोध किया संयुक्त किसान मोर्चा के मीटिंग में जाते रहे आंदोलन में वह लोग लंगर और भंडारा चलाते रहे और आज वह लोग कृषि बिल को बढ़िया बता रहे हैं। हम उन्हें मनाने गए थे उनसे बातचीत भी हुई थी लेकिन हमें यह लगा कि वह लोग किसी अंडर प्रेशर में काम कर रहे हैं। हमारे किसी से राजनीतिक संबंध नहीं है हमारे तो अराजनीतिक संबंध है आंदोलन के संबंध है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनके ऊपर बहुत बड़ा प्रेशर है मजबूरी है। इस सरकार में नहीं लगता कि वह लोग फिर से घर वापसी करेंगे। पुराने लोग गए हैं दुख तो होगा ही याद आएगी उन लोगों की।
22 लोग चाहते थे विधानसभा चुनाव लड़ना चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ नाराजगी का कारण यह भी है कि संगठन के 22 लोग विधानसभा चुनाव भूमि टिकट की मांग कर रहे थे राजनीतिक है इस वजह से उन्हें किसी राजनीतिक दल से कोई मतलब नहीं है और ना ही किसी राजनीतिक दल के टिकट से तो इसलिए वह लोग संगठन छोड़ कर चले गए हैं उन्होंने अपना अलग संगठन बना लिया जो लोग उस संगठन में गए हैं अब उनका भारतीय किसान यूनियन से कोई मतलब नहीं है।
जो संगठन छोडकर गए थे उनका मकसद राजनीति करना राकेश टिकैत ने कहा कि, जो भी संगठन छोड़कर दूसरे संगठन में गए हैं उनका ऑटोमेटिक इस संगठन भारतीय किसान यूनियन से पद खत्म हो गया है अब वह इस संगठन के कार्यकर्ता भी नहीं रहे हैं। वह लोग क्यों इस संगठन को छोड़कर दूसरे संगठन में गए हैं यह जानकारी तो वही दे सकते हैं। उनके जाने से संगठन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि संगठन तो जनता चलाती है। भारतीय किसान यूनियन संगठन को कोई पदाधिकारी नहीं बल्कि जनता चलाती है। जनता में विश्वास रहना चाहिए। आज चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर दो जगह प्रोग्राम था पहला प्रोग्राम सिसौली में था और दूसरा प्रोग्राम लखनऊ में था। लखनऊ में उन लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा भारतीय किसान यूनियन की जो लड़ाई चल रही है किसानों की समस्याओं को लेकर वह चलती रहेगी। हमारी कार्यकारिणी जो बनी हुई है वही है अभी बंद नहीं हुई है।
एक पदाधिकारी के रहते दूसरे को कैसे नियुक्त किया राकेश टिकैत ने कहा कि, एक राष्ट्रीय पदाधिकारी संगठन को छोड़कर गया है दूसरा भी पदाधिकारी था वह भी छोड़ कर गया है। सोशल मीडिया पर तो अफवाह चलती रहती है। वह हमें क्या हटाएंगे यह संगठन उनका थोड़ा ही है यह तो हमारा संगठन है। उन्होंने तो आज अपना नया संगठन बनाया है। इसलिए हम उनके मेंबर कैसे हुए। जो आदमी इस संगठन को छोड़कर गया है वह हमें कैसे हटा देगा।: