राइट टू हेल्थ’ बिल को लेकर बढ़ी टेंशन , डॉक्टरों ने लिया सामूहिक अवकाश, सरकार बोली- ये होकर रहेगा

93
राइट टू हेल्थ’ बिल को लेकर बढ़ी टेंशन , डॉक्टरों ने लिया सामूहिक अवकाश, सरकार बोली- ये होकर रहेगा

राइट टू हेल्थ’ बिल को लेकर बढ़ी टेंशन , डॉक्टरों ने लिया सामूहिक अवकाश, सरकार बोली- ये होकर रहेगा


जयपुर: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट के बाद सरकारी डॉक्टर भी विरोध में उतर आए हैं। हड़ताल पर उतरे सरकारी डॉक्टरों ने बुधवार 29 मार्च को सामूहिक अवकाश का ऐलान कर दिया है। आज प्रदेश के सभी सेवारत डॉक्टर काम नहीं करेंगे। अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं भी बंद रहेंगी। साथ ही रेजिडेट्स भी अवकाश पर रहेंगे। सेवारत डॉक्टर के सामूहिक अवकाश और रेजिडेंट्स के कार्य बहिष्कार पर सरकार ने भी सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के लाखों मरीजों की जान खतरे में डाल कर सामूहिक अवकाश पर रहने वाले डॉक्टरों और कार्य बहिष्कार कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। सरकार ने सुबह 9:30 बजे तक सभी अस्पतालों से उपस्थिति रजिस्टर मंगवाएं हैं। सरकार की बिना अनुमति के अगर कोई अवकाश पर रहा तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

रेजिडेंट्स का रजिस्ट्रेशन होंगे रद्द

चिकित्सा विभाग के शासन सचिव इकबाल खान ने बीती रात को सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक जो भी डॉक्टर अपनी ड्यूटी से गैर हाजिर रहेगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश में साफ लिखा है कि डॉक्टर, रेजिडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ केवल विशेष परिस्थितियों में ही प्रधानाचार्य या अधीक्षक से अवकाश ले सकेंगे। इसकी पूर्व सूचना भी विभाग को देना अनिवार्य है। अवकाश स्वीकृत कराए बिना अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की जाएगी। जो रेजिडेंट्स अपने कार्य के प्रति लापरवाह रहेंगे और मरीजों और उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करेंगे। उनके रजिस्ट्रेशन रद्द करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

Right to Health Bill : सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता विफल, 27 मार्च से देशभर की मेडिकल सेवाओं पर असर

राइट टू हेल्थ बिल जारी होकर रहेगा – मंत्री

इधर, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राइट टू हेल्थ कानून प्रदेश में लागू होकर रहेगा। इस बिल को किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा। ये कानून प्रदेश के हर नागरिक को इलाज का हक दिलाएगा। चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं करने वाले अस्पताल संचालकों को भी चिकित्सा मंत्री ने साफ हिदायत दे दी है। मंत्री ने कहा कि जो सरकारी योजना के तहत इलाज नहीं कर सकता, वह अपने घर जाएं। उन्होंने कहा है कि वार्ता के लिए 24 घंटे सरकार के दरवाजे खुले हैं। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

RTH के विरोध में स्वास्थ्य कर्मियों का प्रदर्शन,बिल की प्रतियां फाड़ CM को दी चेतावनी


राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News