राइट टू हेल्थ’ बिल को लेकर बढ़ी टेंशन , डॉक्टरों ने लिया सामूहिक अवकाश, सरकार बोली- ये होकर रहेगा
रेजिडेंट्स का रजिस्ट्रेशन होंगे रद्द
चिकित्सा विभाग के शासन सचिव इकबाल खान ने बीती रात को सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक जो भी डॉक्टर अपनी ड्यूटी से गैर हाजिर रहेगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश में साफ लिखा है कि डॉक्टर, रेजिडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ केवल विशेष परिस्थितियों में ही प्रधानाचार्य या अधीक्षक से अवकाश ले सकेंगे। इसकी पूर्व सूचना भी विभाग को देना अनिवार्य है। अवकाश स्वीकृत कराए बिना अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की जाएगी। जो रेजिडेंट्स अपने कार्य के प्रति लापरवाह रहेंगे और मरीजों और उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करेंगे। उनके रजिस्ट्रेशन रद्द करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
राइट टू हेल्थ बिल जारी होकर रहेगा – मंत्री
इधर, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राइट टू हेल्थ कानून प्रदेश में लागू होकर रहेगा। इस बिल को किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा। ये कानून प्रदेश के हर नागरिक को इलाज का हक दिलाएगा। चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं करने वाले अस्पताल संचालकों को भी चिकित्सा मंत्री ने साफ हिदायत दे दी है। मंत्री ने कहा कि जो सरकारी योजना के तहत इलाज नहीं कर सकता, वह अपने घर जाएं। उन्होंने कहा है कि वार्ता के लिए 24 घंटे सरकार के दरवाजे खुले हैं। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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