रब ने बना दी जोड़ी : साइन लैंग्वेज ने जोड़े दिल के तार, जानिये कैसे एक दूसरे के हुए बेजुबान प्रेमी | Lord made a pair of innocent youth | Patrika News h3>
यहां की एक बेटी का विवाह खरगोन के समीप रहने वाला युवक के साथ हुआ, इस विवाह में आश्चर्य की बात ये है कि दोनों अपनी जुबान से बोल नहीं पाते हैं, यानी मुकबधिर हैं, इन दोनों को करीब लाने में साइन लैंग्वेज की अहम भूमिका रही.
इंदौर
Updated: April 25, 2022 10:24:03 am
इंदौर. कहते हैं, जब किसी को एक दूसरे से मिलाना हो, तो पूरी कायनात उस काम में जुट जाती है, ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ, यहां की एक बेटी का विवाह खरगोन के समीप रहने वाला युवक के साथ हुआ, इस विवाह में आश्चर्य की बात ये है कि दोनों अपनी जुबान से बोल नहीं पाते हैं, यानी मुकबधिर हैं, इन दोनों को करीब लाने में साइन लैंग्वेज की अहम भूमिका रही, दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए परवान चढ़ी, एक दूसरे से दोनों बोल नहीं पाते हैं, लेकिन इशारों-इशारों में हुई बातों से वे एक दूसरे के साथ सात जन्मों के लिए बंध चुके हैं।
रब ने बना दी जोड़ी : साइन लैंग्वेज ने जोड़े दिल के तार, जानिये कैसे एक दूसरे के हुए बेजुबान प्रेमी
जानकारी के अनुसार इंदौर शहर में एक परिवार सालों पहले यूपी से आकर बस गया था, यूपी से आकर इंदौर में बसे रमेश यादव की बेटी सुनीता मुकबधिर है, वह बोल नहीं पाती है, लेकिन उसे साइन लैंग्वेज आती है, इसी के जरिये उसने आज अपना घर संसार बसा लिया है।
दरअसल सुनीता यादव की मुलाकात खरगोन के समीप स्थित गांव ठीबगांव के एक युवक से हुई, चूंकि वह भी मुकबधिर होने था, इस कारण दोनों का साइन लैंग्वेज के माध्यम से एक दूसरे से परिचय हुआ, इसके बाद दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई, दोनों सोशल मीडिया पर एक दूसरे से बातें करने लगे, इसके बाद जब दोनों एक दूसरे को अच्छे से जान गए तो उन्होंने शादी करने का फैंसला ले लिया और अब वे शादी के बंधन में बंध गए हैं।
इस विवाह की हो रही तारीफ
इस शादी की पूरे प्रदेश में चर्चा है, क्योंकि दोनों मुकबधिर होने के कारण ये सोच चुके थे, कि उनका विवाह होना मुश्किल है, लेकिन ये जोड़ी भी शायद रब ने बना दी थी, यही कारण है कि वे एक दूसरे से मिले, बताया जा रहा है कि इन दोनों की मुलाकात करीब एक साल पहले हुई थी, खरगोन के समीप रहने वाले कैलाश यादव ने बताया कि उनका बेटा सुनील यादव (27) बचपन से ही मूक-बधिर है। वह मात्र 5वीं तक पढ़ा है, इस कारण ये चिंता होती थी कि इसका ब्याह भी होगा या नहीं, लेकिन जब इसका ब्याह हो गया तो बड़ी खुशी हुई।
यह भी पढ़ें : हज यात्रियों के लिए खुशखबरी- सउदी अरब से मिली मंजूरी, प्रदेश से जाएंगे 1714 यात्री
वीडियो कॉल पर करते थे इशारों में बात
सुनील और सुनीता दोनों मूकबधिर हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे से वीडियो कॉल के माध्यम से इशारों-इशारों में बातचीत करते थे, दोनों परिवार ने कभी सोचा नहीं था कि इनके घर बस जाएंगे। इस शादी से दोनों परिवार के सभी लोग बेहद खुश हैं।
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यहां की एक बेटी का विवाह खरगोन के समीप रहने वाला युवक के साथ हुआ, इस विवाह में आश्चर्य की बात ये है कि दोनों अपनी जुबान से बोल नहीं पाते हैं, यानी मुकबधिर हैं, इन दोनों को करीब लाने में साइन लैंग्वेज की अहम भूमिका रही.
इंदौर
Updated: April 25, 2022 10:24:03 am
इंदौर. कहते हैं, जब किसी को एक दूसरे से मिलाना हो, तो पूरी कायनात उस काम में जुट जाती है, ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ, यहां की एक बेटी का विवाह खरगोन के समीप रहने वाला युवक के साथ हुआ, इस विवाह में आश्चर्य की बात ये है कि दोनों अपनी जुबान से बोल नहीं पाते हैं, यानी मुकबधिर हैं, इन दोनों को करीब लाने में साइन लैंग्वेज की अहम भूमिका रही, दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए परवान चढ़ी, एक दूसरे से दोनों बोल नहीं पाते हैं, लेकिन इशारों-इशारों में हुई बातों से वे एक दूसरे के साथ सात जन्मों के लिए बंध चुके हैं।
रब ने बना दी जोड़ी : साइन लैंग्वेज ने जोड़े दिल के तार, जानिये कैसे एक दूसरे के हुए बेजुबान प्रेमी
जानकारी के अनुसार इंदौर शहर में एक परिवार सालों पहले यूपी से आकर बस गया था, यूपी से आकर इंदौर में बसे रमेश यादव की बेटी सुनीता मुकबधिर है, वह बोल नहीं पाती है, लेकिन उसे साइन लैंग्वेज आती है, इसी के जरिये उसने आज अपना घर संसार बसा लिया है।
दरअसल सुनीता यादव की मुलाकात खरगोन के समीप स्थित गांव ठीबगांव के एक युवक से हुई, चूंकि वह भी मुकबधिर होने था, इस कारण दोनों का साइन लैंग्वेज के माध्यम से एक दूसरे से परिचय हुआ, इसके बाद दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई, दोनों सोशल मीडिया पर एक दूसरे से बातें करने लगे, इसके बाद जब दोनों एक दूसरे को अच्छे से जान गए तो उन्होंने शादी करने का फैंसला ले लिया और अब वे शादी के बंधन में बंध गए हैं।
इस विवाह की हो रही तारीफ
इस शादी की पूरे प्रदेश में चर्चा है, क्योंकि दोनों मुकबधिर होने के कारण ये सोच चुके थे, कि उनका विवाह होना मुश्किल है, लेकिन ये जोड़ी भी शायद रब ने बना दी थी, यही कारण है कि वे एक दूसरे से मिले, बताया जा रहा है कि इन दोनों की मुलाकात करीब एक साल पहले हुई थी, खरगोन के समीप रहने वाले कैलाश यादव ने बताया कि उनका बेटा सुनील यादव (27) बचपन से ही मूक-बधिर है। वह मात्र 5वीं तक पढ़ा है, इस कारण ये चिंता होती थी कि इसका ब्याह भी होगा या नहीं, लेकिन जब इसका ब्याह हो गया तो बड़ी खुशी हुई।
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वीडियो कॉल पर करते थे इशारों में बात
सुनील और सुनीता दोनों मूकबधिर हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे से वीडियो कॉल के माध्यम से इशारों-इशारों में बातचीत करते थे, दोनों परिवार ने कभी सोचा नहीं था कि इनके घर बस जाएंगे। इस शादी से दोनों परिवार के सभी लोग बेहद खुश हैं।
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