योगी सरकार की पहल : लाइसेंसिंग, बिक्री, हथियारों की खरीद, गोला-बारूद के आयात-निर्यात को जोड़ा जाएगा एक सर्वर से | Weapons will be digitized in Uttar Pradesh | Patrika News

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योगी सरकार की पहल : लाइसेंसिंग, बिक्री, हथियारों की खरीद, गोला-बारूद के आयात-निर्यात को जोड़ा जाएगा एक सर्वर से | Weapons will be digitized in Uttar Pradesh | Patrika News

योगी सरकार की पहल : लाइसेंसिंग, बिक्री, हथियारों की खरीद, गोला-बारूद के आयात-निर्यात को जोड़ा जाएगा एक सर्वर से | Weapons will be digitized in Uttar Pradesh | Patrika News

जिला प्रशासन पर रहना पड़ता था निर्भर बताया जाता है कि प्रदेश में लाइसेंसी असलहों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया तो शुरू हुई है। लेकिन यूआईएन (UIN) नंबर को जिलाधिकारी कार्यालय और आउटसोर्स एजेंसी में ही दर्ज कराया जा रहा है। ऐसे में पुलिस को इनसे जुड़े ब्यौरे की जानकारी के लिए जिला प्रशासन पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

पहले 5 जिलों में होगी शुरू योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पांच साल के लिए लक्ष्य तैयार किया गया है कि अस्त्र-शस्त्रों के डिजिटलीकरण के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कराया जाएगा। शुरुआत में यूपी के पांच जिलों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा।

OTP से होगी हथियारों-कारतूसों की बिक्री सभी हथियारों व गोला-बारूद को एक ही सर्वर में दर्ज किया जाएगा। सॉफ्टवेयर में सभी हथियारों, गोला बारूद की आपूर्ति, हस्तांतरण और स्टॉक को ट्रैक करने की क्षमता होगी। इसके साथ ही हथियारों व कारतूसों की बिक्री पोर्टल व ओटीपी के जरिए होगी। ताकि खरीदारों को पूरा ब्यौरा डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध हो।

एडीजी एसटीएफ की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का प्रस्ताव शासन भेजा गया है। इस कमेटी में सभी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी (LEA), मजिस्ट्रेट, नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआई), कस्टम, एमएचए और निर्माताओं को शामिल किया जाएगा। सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए सलाहकार, सॉफ्टवेयर डवलपर और होस्ट सर्वर की नियुक्ति की जाएगी। यह सारी प्रक्रिया अगले दो साल में पूरा किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है।

आगरा में गायब मिले थे 85,000 कारतूस बता दें कि आगरा में एसएसपी के पद पर तैनाती के दौरान आईपीएस अमित पाठक ने वहां 900 से ज्यादा शस्त्रलाइसेंस धारकों के असलहों की जांच कराई थी तो खुलासा हुआ था कि 850 से ज्यादा लाइसेंस धारकों के 85000 से ज्यादा कारतूस गायब थे। उन्होंने इस संबंध में डीजीपी मुख्यालय को रिपोर्ट भेजकर पूरे प्रदेश में शस्त्र लाइसेंसों की जांच की मांग और कारतूसों की बिक्री के लिए रेगुलेटरी सिस्टम बनाने की सलाह दी थी।

ATS ने कानपुर में गैंग का भंडाफोड़ किया था इससे पहले यूपी एटीएस ने लखनऊ व कानपुर में ऐसे गैंग का खुलासा किया था लाइसेंसी असलहे व कारतूस बेचने वालों के जरिए नक्सलियों व अपराधियों को असलहों की सप्लाई कर रहे थे।

शासन को भेजा है प्रस्ताव : अमिताभ यश, एडीजी यूपी एसटीएफ इस संबंध में यूपी स्पेशल टॉस्क फोर्स के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि एसटीएफ की तरफ से अस्त्र-शस्त्रों के डिजिटलीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।



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