ये बात गलत है…! गेर में उछालते रहे जूते-चप्पल, लोगों पर फेंकी गईं चप्पलें, युवतियों से हुई बदतमीजी | Rangpanchami Ger 2024: Kept throwing shoes and slippers in the crowd, slippers were thrown at people | News 4 Social

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ये बात गलत है…! गेर में उछालते रहे जूते-चप्पल, लोगों पर फेंकी गईं चप्पलें, युवतियों से हुई बदतमीजी | Rangpanchami Ger 2024: Kept throwing shoes and slippers in the crowd, slippers were thrown at people | News 4 Social

ये बात गलत है…! गेर में उछालते रहे जूते-चप्पल, लोगों पर फेंकी गईं चप्पलें, युवतियों से हुई बदतमीजी | Rangpanchami Ger 2024: Kept throwing shoes and slippers in the crowd, slippers were thrown at people | News 4 Social

गैर को अपना बनाने वाली है गेर

संगम कॉर्नर, मॉरल क्लब, राधा-कृष्ण फाग यात्रा, रसिया कॉर्नर गेर में एक से बढ़कर एक आकर्षण देखने को मिले। गेर में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शनिवार दोपहर करीब 12 बजे नृसिंह बाजार पहुंचे। वे विधायक मालिनी गौड़ के हिंद रक्षक संगठन द्वारा निकाली गई राधा-कृष्ण फाग यात्रा में शामिल हुए। भगवान बद्री नारायण की आरती के बाद यात्रा शुरू हुई। रथ पर सीएम डॉ. यादव, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड़ आदि सवार थे। सीएम का काफिला नृसिंह बाजार पहुंचा तो लोगों ने रंग फेंकना शुरू कर दिया। सीएम सभी का अभिवादन करते रहे। नृसिंह बाजार चौराहे पर उतरकर वे मंच पर पहुंचे।

आरती के बाद रथ पर सवार हुए और पिचकारी से लोगों पर पानी की बौछार करते आगे बढ़े। फाग यात्रा में मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सारे रंगों में एक रंग मानवता, सनातन संस्कृति का है, जिससे हम दुनिया में सबसे अलग हिंदू संस्कृति के नाम से जाने जाते हैं। रंगपंचमी पर निकलने वाले रंगों के कारवां को गेर कहा जाता है, लेकिन यह गैरों को अपना बनाने वाली है। मालवा में राजा विक्रमादित्य से लेकर अहिल्या माता तक ने अपने बलबूते पर विजय पताका फहराई है। त्योहारों पर हम अपने अतीत को याद करते हैं। हम न दबे हैं, न डरे हैं, न झुके हैं। केवल आगे बढ़े हैं।

सुबह 10.30 बजे से शुरू हुआ कारवां

शहर में सुबह सात बजे से ही रंगपंचमी का माहौल नजर आने लगा। पहली गेर 10.30 बजे रसिया कॉर्नर ओल्ड राज मोहल्ला से निकली। करीब 11.15 बजे राजबाड़ा पहुंची। करीब 11.15 बजे ही छीपा बाखल से मॉरल क्लब की गेर निकली। इसके बाद नृसिंह बाजार से राधा-कृष्ण फाग यात्रा और आखिर में संस्था सृजन की संगम कॉर्नर गेर निकली।

ऐसा था नजारा

संगम कॉर्नर: नवरंगी मिसाइल ने मोहा मन

संस्था सृजन अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल द्वारा निकाली संगम कॉर्नर गेर में नौ रंगों वाली नवरंगी मिसाइल चली। तीन रंगों से तिरंगा भी बनाया गया। हाइड्रोलिक क्रेन ऊपर-नीचे हो रही थी। इस पर सीएम सवार हुए। सिख समाज की टोली ने भी प्रस्तुति दी।

राधा-कृष्ण फाग यात्रा: रामलला संग लोगों ने खेली होली

विधायक मालिनी गौड के नेतृत्व में हिंद रक्षक संगठन द्वारा राधा-कृष्ण फाग यात्रा निकाली गई। रामलला की विशाल प्रतिकृति से लोग होली खेलते रहे। राम भक्त हनुमान पर भी रंगों की बारिश की गई। यात्रा में राम मंदिर की प्रतिकृति आकर्षण का केंद्र रही।

मॉरल क्लब: 100 फीट उड़ाया रंग

अभिमन्यु मिश्रा की अगुआई में चार डीजे के अलावा भजन गायक फाग गीतों की प्रस्तुति देते चल रहे थे। 100 फीट ऊपर रंग उड़ाने वाली मशीन गेर में शामिल रही, जो सभी को आकर्षित करती रही। इसके अलावा पांच टैंकर लोगों पर रंग उड़ाते चल रहे थे।

रसिया कॉर्नर: रास्तेभर फाग गीत

राजपाल जोशी के नेतृत्व वाली गेर में बैंड-बाजे, डीजे और भजन मंडलियां आगे चलीं। ट्रॉले पर कलाकार प्रस्तुति देते दिखे। पांच टैंकर 100 फीट ऊपर रंग उडा रहे थे। सबसे पहले राजबाड़ा पहुंचने वाली गेर रसिया कॉर्नर रही।

Rangpanchami Ger 2024

ये बात गलत है…जूते-चप्पल उछले, सिर में डाला ऑयल, युवतियों से बदतमीजी

रंगपंचमी पर रंग में भंग डालने वाले भी देखे गए। कड़ी सुरक्षा के बीच गेर मार्ग और राजबाड़ा पर जूते-चप्पल उछालते रहे। टाट, कपड़े भी उछाले गए। गेर वाहनों को घेरकर उस पर सवार लोगों पर चप्पलें फेंकी गईं। राजबाड़ा, यशवंत रोड, फ्रूट मॉर्केट में युवतियों से बदतमीजी करने वाले मनचले भी थे। किसी ने युवतियों पर बेतरतीब रंग डाला तो किसी ने गुब्बारे मारे। कुछ युवा बोतल में उपयोग किया ऑयल लेकर चल रहे थे, जो लोगों के सिर पर डाल रहे थे। बांके बिहारी मंदिर के बाहर युवा भिड़े। नृसिंह बाजार चौराहे पर एक वाहन में सवार युवा लोगों पर पानी डाल रहे थे। ऐसे में दूसरे युवाओं ने आपत्ति लेकर उनके पीछे दौड़ लगाई तो पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा।

प्वाइंट्स में जानें झलकियां

– सीएम जैसे ही नृसिंह बाजार पहुंचे तो लोगों ने उनकी कार पर रंग फेंकना शुरू किया।
– सीएम की सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षाकर्मी रंगों के उपकरण चेक करते रहे।
– गेर मार्ग की बिल्डिंगों से लोग राहगीरों पर रंग भरे गुब्बारे फेंकते रहे।
– रहवासी इमारतों से पुलिसकर्मी दूरबीन से निगरानी कर रहे थे।
– पार्किंग की समस्या होने पर जवाहर मार्ग की बीच सड़क पर वाहन खड़े हुए।
– राजबाड़ा गेट पर प्रशासन द्वारा लगाए डीजे पर युवा तो छत-बालकनी पर खड़े लोग थिरकते रहे।
– गेर खत्म होते ही सोशल मीडिया पर गेर की रील्स वायरल होने लगी।

जानिए क्या है गेर का इतिहास

75 साल पुरानी परंपरा
06 लाख लोग शामिल
01 लाख किलो रंग की खपत
05 घंटे चली गेरa
04 प्रमुख गेर
200 वाहन हुए शामिल
2000 पुलिसकर्मियों की तैनाती

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