ये तो नाइंसाफी है: लुधियाना स्टेशन पर पहले चोरों ने लूटा, फिर जीआरपी ने डरा धमकाकर युवक को थाने से भगाया…

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ये तो नाइंसाफी है: लुधियाना स्टेशन पर पहले चोरों ने लूटा, फिर जीआरपी ने डरा धमकाकर युवक को थाने से भगाया…

ये तो नाइंसाफी है: लुधियाना स्टेशन पर पहले चोरों ने लूटा, फिर जीआरपी ने डरा धमकाकर युवक को थाने से भगाया…


लुधियाना रेलवे स्टेशन।
– फोटो : संवाद

विस्तार


लुधियाना रेलवे स्टेशन पर परिजनों को छोड़ने आए एक युवक को पहले चोरों ने अपना निशाना बनाया और फिर मामले की शिकायत करने पर गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) के प्लेटफार्म इंचार्ज ने डरा धमकाकर युवक को थाने से भगा दिया। 

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शिकायतकर्ता सुनवाई न होने पर बैरंग वापस लौट गया। उसने कुछ देर बाद अपने एक परिजन के साथ फिर से जीआरपी थाने आकर किसी तरह से मुंशी से मुलाकात की और उसे अपनी आपबीती बताई।

हालांकि मुंशी ने तुंरत सहायता करते हुए पीड़ित की शिकायत दर्ज की और पहले शिकायत दर्ज न करने वाले जीआरपी कर्मी को भी फटकार लगाई। 

शिकायतकर्ता के मुताबिक वह 7 जनवरी की रात अपने माता-पिता को स्टेशन छोड़ने आया था। उस समय स्टेशन पर काफी भीड़ थी। इस दौरान किसी ने उसकी जेब से मोबाइल निकाल लिया। रात होने के कारण वह घर वापस लौट गया और मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज करवाने के लिए अगले दिन वीरवार को जीआरपी थाने पहुंचा। यहां पर उसकी मुलाकात एक एएसआई से हुई। युवक अपनी शिकायत दर्ज करवाना चाहता था, लेकिन उसके मुंह से मोबाइल चोरी की बात सुनते ही एएसआई ने अंदर नहीं जाने दिया और युवक के खिलाफ ही मामला दर्ज करके हवालात में बंद करने की धमकी देते हुए उसे डरा धमकाकर थाने से भगा दिया। 

युवक उस समय तो डरकर वापस घर लौट आया, मगर कुछ देर के बाद फिर से थाने जाकर सीधा मुंशी से मिला और अपनी शिकायत दर्ज करवाई। वहीं इस मामले में जीआरपी के एसएचओ जतिंदर सिंह ने उक्त एएसआई का पक्ष लेते हुए तर्क दिया कि वह किसी को डरा धमका नहीं रहा था। वह तो सिर्फ पूछताछ कर रहा था। मगर वह डीलिंग हैंड नहीं होने के बावजूद किस आधार पर पूछताछ कर रहा था, इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था।

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