यूपी-महाराष्ट्र की संस्कृति पर होगा बिठूर महोत्सव: 1857 की स्वतंत्रता क्रांति में प्रयोग किए गए शस्त्रों की लगेगी प्रदर्शनी; 21 से होगा शुरू – Kanpur News h3>
बिठूर महोत्सव की 21 से होगी शुरुआत।
बिठूर महोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई हैं। यह महोत्सव 21 से 23 मार्च 2025 तक होना है। इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की मिली-जुली संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। महोत्सव के पहले दिन 21 मार्च को स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार
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पर्यटन मंत्री करेंगे उद्घाटन शाम 4 बजे मुख्य अतिथि पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह द्वारा प्रज्जवलन कर उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद कानपुर कथक कला केंद्र द्वारा गणेश वंदना और गंगा अवतरण से संबंधित कार्यक्रम, प्रिंस डांस ग्रुप द्वारा भगवान कृष्ण और भारतीय तिरंगा से संबंधित प्रस्तुति, रमाक्षीर सागर, पुणे द्वारा ‘गोदावरी से गंगा-जमुना तक’ पर आधारित लोकगीत प्रस्तुत किया जाएगा।
भजन सम्राट अनूप जलोटा देंगे प्रस्तुति शाम 7 बजे से विनोद कुमार द्विवेदी और आयुष द्विवेदी द्वारा ध्रुपद गायन और 8 बजे से पद्मश्री भजन सम्राट अनूप जलोटा द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
क्रांति के हथियारों को किया जाएगा प्रदर्शित।
22 मार्च को विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा नृत्य, गायन और लघु नाटिका का मंचन, कुशान पटेल ग्रुप द्वारा क्विज कार्यक्रम, श्री राम कला केंद्र द्वारा रामायण आधारित नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी। रात 8 बजे कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
23 मार्च को ये कार्यक्रम होंगे वहीं, 23 मार्च को मराठा ग्रुप द्वारा ऐतिहासिक शस्त्रों को चलाने का प्रस्तुतीकरण एवं नाना राव पेशवा के जीवन पर व्याख्यान, अभय जी मांडके, इंदौर के द्वारा गीत रामायण प्रस्तुतीकरण, जीवन धर्माधिकारी मराठा ग्रुप द्वारा देशभक्ति गीत गायन, वीडियो क्लिप के माध्यम से बिठूर की संस्कृति एवं महोत्सव की झलकियां दिखाई जाएंगी।
नानाराव पेशवा के चरित्र की डॉक्यूमेंट्री
जीवन धर्माधिकारी मराठा ग्रुप द्वारा देशभक्ति गीत एवं उसका विमोचन और नानाराव पेशवा के चरित्र की डॉक्यूमेंट्री, छात्रों एवं मराठाओं के द्वारा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के द्वारा प्रयुक्त शस्त्रों का प्रदर्शन, मराठा रेजीमेंट द्वारा मलखंभ की प्रस्तुति होगी।
प्रस्तुति के जरिये दिखाया जाएगा बिठूर का इतिहास मोहन मिश्र, हरिहरपुर घराना, आजमगढ़ द्वारा रानी लक्ष्मीबाई का व्यक्तित्व एवं बिठूर कानपुर का इतिहास के संबंध में प्रस्तुति, मराठा रेजीमेंट द्वारा बैंड वादन एवं अंत में मुख्य अतिथि के उद्बोधन के साथ गंगा अर्चना एवं कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की जाएगी।