यूपी के लाखों दूध किसानों के बहुरेंगे दिन, प्रदेश को चार नई मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियनों की सौगात

114
यूपी के लाखों दूध किसानों के बहुरेंगे दिन, प्रदेश को चार नई मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियनों की सौगात

यूपी के लाखों दूध किसानों के बहुरेंगे दिन, प्रदेश को चार नई मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियनों की सौगात

मेरठ: आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) देश का सबसे बड़ा राज्य है। जाहिर है कि यह प्रांत कई एग्री कमोडिटी (Agri Commodity) के उत्पादन में नंबर वन है। इसी के साथ यह दूध के उत्पादन (Milk Production) में भी नंबर वन है। लेकिन, दुर्भाग्य है कि यहां के दूध किसानों (Milk Farmers) की आमदनी वैसी नहीं है, जैसी कि गुजरात के दूध किसानों (Gujrat Milk Farmers) की है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि यहां केंद्र सरकार के सहयोग से चार नई मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन का कामकाज शुरू हो रहा है। ये कोओपरेटिव सेक्टर के होंगे, मतलब इन यूनियनों का मालिक किसान ही होगा।

मेरठ में शुरू हुआ हरित प्रदेश प्रोड्यसर्स यूनियन
मोरठ और आसपास के सात जिलों के दूध किसानों की किस्मत बदलनी शुरू हो गई है। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने रविवार को हरित प्रदेश दुग्ध उत्पादक कंपनी (HPMPC) का उद्घाटन किया। यह कंपनी पूरी तरह से कोओपरेटिव सेक्टर (Co-operative Sector) की है। उसी तरह, जैसे गुजरात के विभिन्न जिलों में मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन चल रहे हैं। इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 17,000 डेयरी किसानों ने मिलकर बनाई है और इसका स्वामित्व उन्हीं के पास है। इस यूनियन से मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, शामली, बिजनौर, हापुड़ और सहारनपुर को शामिल किया गया है।

यूपी में बन रहे हैं चार यूनियन
हमसे बातचीत में बालियान ने बतया कि सरकार किसानों को अपना संगठन बनाने जैसी पहलों में मदद देगी। इसी के तहत उत्तर प्रदेश में चार संगठन बनाने में मदद कर रही है। इस तरह का संगठन बनारस में बन गया है। एक और मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन अमेठी में बनने वाला है। वहां बनने वाली कंपनी का इस समय रजिस्ट्रेशन प्रोसेस चल रहा है। साथ ही बुंदेलखंड में भी एक मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन की शुरूआत हो चुकी है।

भारत के डेयरी क्षेत्र को ऐसे मिलेगी दुनिया में पहचान, क्या हो रहा है जानें
ये कंपनी न होकर बनेंगे किसानों के संगठन
बालियान का कहना है कि इन यूनियनों का रजिस्ट्रेशन तो कंपनी एक्ट के तहत कराया जा रहा है। लेकिन यह कंपनी न होकर किसानों का संगठन है। यह पूर्ण रूप से कोओपरेटिव यूनियन के रूप में काम करेगा। इसमें न कोई राजनीति होगी न ही इसमें भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होगी। इसमें पुरुष किसानों के साथ साथ महिला किसानों की भी भागीदारी होगी। कोशिश होगी कि संगठन से अधिक से अधिक महिला किसान जुड़े और उन्हें ही सदस्य बनाया जाए।

फिलहाल मदर डेयरी लेगी इन यूनियनों का दूध
उत्तर प्रदेश में अभी जो चार मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन बन रहे हैं, उनमें दूध के किसान तो जुड़ गए हैं, लेकिन अभी तक इनके पास अभी तक प्रोडक्शन सेंटर नहीं है। इसलिए इन यूनियनों में जो दूध एकत्रित किए जाएंगे, उसकी प्रोसेसिंग और उसका वैल्यू एडिशन मदर डेयरी के प्लांट में होगा। बालियान का कहना है इन यूनियनों के दूध मदर डेयरी ले लेगा और उसे किस रूप में बेचा जाए वही तय करेगा। इस दूध से दही, घी, मक्खन, आइसक्रीम, मिठाई आदि बनाई जाएगी और देश भर के बाजारों में बेची जाएगी।

CNG Price Hike के बाद दिल्ली के ऑटोवालों के चेहरों पर छाई मायूसी, महंगाई से रोटी तक खाना हुआ मुश्किल

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News