यह कैसी जेब्रा क्रासिंग, बीच में रास्ता बंद | What kind of zebra crossing is this, the way is closed in the middle | Patrika News h3>
भोपालPublished: Jun 21, 2023 09:14:58 pm
शहर में कायाकल्प अभियान के तहत बनी डामरीकृत सड़कों पर रेडियम मार्कर और जेब्रा क्रासिंग बनाई गई हैं, लेेकिन इसमें तकनीकी रूप से बड़ी खामी सामने आई है। जेब्रा क्रासिंग को सड़क पर ऐसी जगह बना दिया गया है, जिससे उसका औचित्य ही समझ से परे है।
This is how zebra crossings were made on the roads
बैतूल। शहर में कायाकल्प अभियान के तहत बनी डामरीकृत सड़कों पर रेडियम मार्कर और जेब्रा क्रासिंग बनाई गई हैं, लेेकिन इसमें तकनीकी रूप से बड़ी खामी सामने आई है। जेब्रा क्रासिंग को सड़क पर ऐसी जगह बना दिया गया है, जिससे उसका औचित्य ही समझ से परे है। नियमानुसार जेब्रा क्रासिंग का इस्तेमाल सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक पैदल पार करने के लिए किया जाता, लेकिन नगरपालिका के ठेकेदार ने सड़क पर जो जेेब्रा क्रासिंग बनाई हैं, उससे पैदल सड़क पार करने वाले ही भ्रमित हो जाएंगे, क्योंकि जेब्रा क्रासिंग को डिवाइडर के बीच में लगाकर छोड़ दिया गया हैं ऐसे में यदि जेब्रा क्रासिंग के ऊपर से कोई सड़क पार करने की कोशिश करता हैं तो वह सड़क के उस पार न जाकर सीधे डिवाइडर से टकरा जाएगा और दुर्घटना का शिकार भी हो सकता है।
डिवाइडर के बीच में बना दी जेब्रा क्रासिंग
नगरपालिका ने तीन करोड़ की लागत से कायाकल्प अभियान के तहत हाल ही में शहर की प्रमुख सड़कों पर डामरीकरण कराया है। डामरीकरण के बाद सड़क के किनारों पर रेडियम मार्कर से पट्टे डालने सहित चौक-चौराहों पर जेब्रा क्रासिंग के लिए आड़ी पट्टी भी बनाई गई हैं। आमतौर पर बड़े शहरों में ट्रैफिक सिग्रल पर ही जेब्रा क्रासिंग देखी जाती हैं लेकिन जहां ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगे हैं वहा भी इन्हें सड़क पार करने के लिए बनाया जाता हैं, लेकिन ठेकेदार ने चौक-चौराहों पर जिस तरह से जेब्रा क्रासिंग बनाई हैं वह समझ से परे हैं। बताया गया कि अंबेडकर चौक, पुलिस कंट्रोल रूम चौक, कारगिल चौक सहित अन्य चौक-चौराहों पर जेब्रा क्रासिंग बनाई गई है।
यातायात पुलिस को जानकारी ही नहीं
शहर में यातायात व्यवस्था के संचालन का जिम्मा यातायात पुलिस का होता हैं, लेकिन सड़कों पर जिस तरह से नवाचार किया जा रहा हैं उसकी जानकारी यातायात पुलिस तक को नहीं है। चौक-चौराहों पर बनाई गई जेब्रा क्रासिंग के संदर्भ में पत्रिका ने जब यातायात पुलिस से चर्चा की तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। पुलिस का कहना था कि यदि जेब्रा क्रासिंग नियमानुसार नहीं बने होंगे तो उसमें सुधार कराया जाएगा। हालांकि जेब्रा क्रासिंग कहां बनाना है, कितनी दूरी पर बनना है और कैसे बनाए जाना यह मौजूदा सड़क पर ट्रैफिक के आधार पर यातायात पुलिस को तय करना होता हैं लेकिन आपसी समन्वय नहीं होने के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हो जाती है।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहा कारनामा
शहर के चौक-चौराहों पर सड़क में जिस तरह से जेब्रा क्रासिंग बनाई गई हैं उसे लेकर नगरपालिका को लोग सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं। कोई इसे अंधेर नगरी चौपट राजा बता रहा हैं, तो कोई ऐसे ठेकेदार और इंजीनियरों को 100 तोपों की सलामी देर रहा हैं,तो किसी का कहना है इस आइडिया को इंडिया के बाहर मत जाने दो।हर कोई अपनी तरीके से इसे लेकर प्रतिक्रिया देते हुए नगरपालिका की खिंचाई में लगा हैं। बताया गया कि कायाकल्प के तहत जो सड़कों पर डामरीकरण किया गया हैं उसमें भी इसी प्रकार की लापरवाही बरती गई थी। बारिश के दौरान सड़क निर्माण कराया जा रहा था। मीडिया में मामला आने के बाद डामरीकरण रोक दिया गया था। जिसे बाद में पूरा किया गया।
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भोपालPublished: Jun 21, 2023 09:14:58 pm
शहर में कायाकल्प अभियान के तहत बनी डामरीकृत सड़कों पर रेडियम मार्कर और जेब्रा क्रासिंग बनाई गई हैं, लेेकिन इसमें तकनीकी रूप से बड़ी खामी सामने आई है। जेब्रा क्रासिंग को सड़क पर ऐसी जगह बना दिया गया है, जिससे उसका औचित्य ही समझ से परे है।
This is how zebra crossings were made on the roads
बैतूल। शहर में कायाकल्प अभियान के तहत बनी डामरीकृत सड़कों पर रेडियम मार्कर और जेब्रा क्रासिंग बनाई गई हैं, लेेकिन इसमें तकनीकी रूप से बड़ी खामी सामने आई है। जेब्रा क्रासिंग को सड़क पर ऐसी जगह बना दिया गया है, जिससे उसका औचित्य ही समझ से परे है। नियमानुसार जेब्रा क्रासिंग का इस्तेमाल सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक पैदल पार करने के लिए किया जाता, लेकिन नगरपालिका के ठेकेदार ने सड़क पर जो जेेब्रा क्रासिंग बनाई हैं, उससे पैदल सड़क पार करने वाले ही भ्रमित हो जाएंगे, क्योंकि जेब्रा क्रासिंग को डिवाइडर के बीच में लगाकर छोड़ दिया गया हैं ऐसे में यदि जेब्रा क्रासिंग के ऊपर से कोई सड़क पार करने की कोशिश करता हैं तो वह सड़क के उस पार न जाकर सीधे डिवाइडर से टकरा जाएगा और दुर्घटना का शिकार भी हो सकता है।
डिवाइडर के बीच में बना दी जेब्रा क्रासिंग
नगरपालिका ने तीन करोड़ की लागत से कायाकल्प अभियान के तहत हाल ही में शहर की प्रमुख सड़कों पर डामरीकरण कराया है। डामरीकरण के बाद सड़क के किनारों पर रेडियम मार्कर से पट्टे डालने सहित चौक-चौराहों पर जेब्रा क्रासिंग के लिए आड़ी पट्टी भी बनाई गई हैं। आमतौर पर बड़े शहरों में ट्रैफिक सिग्रल पर ही जेब्रा क्रासिंग देखी जाती हैं लेकिन जहां ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगे हैं वहा भी इन्हें सड़क पार करने के लिए बनाया जाता हैं, लेकिन ठेकेदार ने चौक-चौराहों पर जिस तरह से जेब्रा क्रासिंग बनाई हैं वह समझ से परे हैं। बताया गया कि अंबेडकर चौक, पुलिस कंट्रोल रूम चौक, कारगिल चौक सहित अन्य चौक-चौराहों पर जेब्रा क्रासिंग बनाई गई है।
यातायात पुलिस को जानकारी ही नहीं
शहर में यातायात व्यवस्था के संचालन का जिम्मा यातायात पुलिस का होता हैं, लेकिन सड़कों पर जिस तरह से नवाचार किया जा रहा हैं उसकी जानकारी यातायात पुलिस तक को नहीं है। चौक-चौराहों पर बनाई गई जेब्रा क्रासिंग के संदर्भ में पत्रिका ने जब यातायात पुलिस से चर्चा की तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। पुलिस का कहना था कि यदि जेब्रा क्रासिंग नियमानुसार नहीं बने होंगे तो उसमें सुधार कराया जाएगा। हालांकि जेब्रा क्रासिंग कहां बनाना है, कितनी दूरी पर बनना है और कैसे बनाए जाना यह मौजूदा सड़क पर ट्रैफिक के आधार पर यातायात पुलिस को तय करना होता हैं लेकिन आपसी समन्वय नहीं होने के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हो जाती है।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहा कारनामा
शहर के चौक-चौराहों पर सड़क में जिस तरह से जेब्रा क्रासिंग बनाई गई हैं उसे लेकर नगरपालिका को लोग सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं। कोई इसे अंधेर नगरी चौपट राजा बता रहा हैं, तो कोई ऐसे ठेकेदार और इंजीनियरों को 100 तोपों की सलामी देर रहा हैं,तो किसी का कहना है इस आइडिया को इंडिया के बाहर मत जाने दो।हर कोई अपनी तरीके से इसे लेकर प्रतिक्रिया देते हुए नगरपालिका की खिंचाई में लगा हैं। बताया गया कि कायाकल्प के तहत जो सड़कों पर डामरीकरण किया गया हैं उसमें भी इसी प्रकार की लापरवाही बरती गई थी। बारिश के दौरान सड़क निर्माण कराया जा रहा था। मीडिया में मामला आने के बाद डामरीकरण रोक दिया गया था। जिसे बाद में पूरा किया गया।