मौत का मांझा: पहरा बेअसर, दिल्‍ली में आजादी वाले दिन भी चाइनीज मांझे से आठ लोग घायल

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मौत का मांझा: पहरा बेअसर, दिल्‍ली में आजादी वाले दिन भी चाइनीज मांझे से आठ लोग घायल

मौत का मांझा: पहरा बेअसर, दिल्‍ली में आजादी वाले दिन भी चाइनीज मांझे से आठ लोग घायल

नई दिल्लीः लगातार हो रहे हादसों के बावजूद भी 15 अगस्त के दिन चाइनीज मांझे का लोग जमकर इस्तेमाल करते दिखे। यमुनापार में स्थिति ये रही कि पुलिस चौकी के सामने और आसपास के इलाकों में धड़ल्ले से बैन मांझे से पतंगें उड़ाई जा रही थीं। एनबीटी ने पुलिस की सख्ती और लोगों की लापरवाही का सच जानने के लिए सोमवार को न्यू अशोक नगर से लेकर शास्त्री पार्क तक पड़ताल की, जहां मौत के मांझे और पुलिस के दावे आसमान में झूलते नजर आए।

पतंगों से पटा पड़ा था आसमान
एनबीटी रिपोर्टर ने सोमवार को न्यू अशोक नगर से पड़ताल शुरू की। दोपहर 12 बजे तक आसमान में सन्नाटा पसरा था, लेकिन 1 बजे के बाद त्रिलोकपुरी में हर घर पर पतंगबाजों का हुजूम इकट्ठा हो गया। कोई ग्राउंड फ्लोर से तो कोई घर की छत से रंग बिरंगी पतंगें उड़ा रहा था। यही हाल मयूर विहार फेज-2, वेलकम, सीलमपुर, कृष्णा नगर, आजाद नगर पूर्व और शास्त्री पार्क में देखने को मिला। इस दौरान उम्रदराज से लेकर छोटे बच्चे कर पतंग उड़ाने में बैन मांझे का इस्तेमाल करते दिखे। एक युवक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शास्त्री पार्क में हर जगह आपको चाइनीज मांझा मिल जाएगा।

बाइक ही नहीं, पैदल भी परेशान
एनबीटी रिपोर्टर लगभग 2 बजे शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा, जहां से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर शास्त्री पार्क पुलिस चौकी है। बाहर दो पुलिस वाले कुर्सी लगाकर बैठे है। इन्हीं के सामने दो युवक बैन मांझे से पतंग उड़ाकर राहगीरों की मुसीबत बढ़ा रहे थे। स्थानीय निवासी उस्मान ने बताया कि चाइनीज मांझे से बाइक चलाने वाले ही नहीं, बल्कि पैदल चलने वाले भी परेशान हैं, क्योंकि जगह- जगह चाइनीज मांझा जमीन पर पड़ा है, जो लोगों के पैर में फंस रहा है। इससे लोग जमीन पर गिर रहे हैं और जख्मी हो रहे हैं। गनीमत ये रही कि शाम तक कोई बड़ा हादसा सामने नहीं आया।

चाइनीज मांझे का कहर : 15 अगस्त को आठ जख्मी
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के भजनपुरा के न्यू उस्मानपुर पांचवां पुश्ता पर पहला मामला सामने आया। यहां के निवासी विनोद मित्तल (35) उर्फ बबलू सोमवार सुबह 7:30 बजे बड़े भाई के साथ बाइक पर जा रहे थे। पुश्ता रोड के पास पहुंचे तो विनोद मांझे की चपेट में आ गए। इससे उनका गला गहरा कट गया। हाथ से मांझे को हटाने लगे तो उंगलियां और हथेली भी कट गई। बड़े भाई ने उन्हें गंभीर हालत में मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उनकी सर्जरी हुई है और गले पर आठ टांके आए हैं। फिलहाल हालत गंभीर बनी हुई है।

दूसरा हादसा खजूरी खास इलाके में सोमवार शाम को हुआ। समयपुर बादली निवासी सुभाष (52) अपनी पत्नी राजेश देवी के साथ बाइक से खजूरी जा रहे थे। खजूरी फ्लाईओवर पर मांझे से उनका गला कट गया। वो चलती बाइक से गिरते-गिरते बचे। पत्नी ने उन्हें पुलिस की मदद से जग प्रदेश चंद्र अस्पताल में भर्ती करवाया, गले पर पांच से ज्यादा टांके आएं हैं। तीसरे मामले में न्यू उस्मानपुर के तीसरे पुश्ते पर राहुल (19) अपने दो भाइयों के साथ सोमवार दोपहर को स्कूटर पर जा रहे थे। अचानक गले में मांझा लिपट गया, जिससे स्कूटर गिर गया। गनीमत रही कि मांझे से गर्दन बहुत ज्यादा नहीं कटी, लेकिन सड़क पर गिरने से तीनों भाई जख्मी हो गए।

शाहदरा जिले में तीन हादसे
कृष्णा नगर थाना इलाके के कांति नगर के बिलाल (30) की सोमवार सुबह बाइक में जाते वक्त गर्दन कट गई, जिन्हें चाचा नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां से एलएनजेपी रेफर कर दिया गया। फिलहाल उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। दूसरा हादसा गांधी निवासी अख्तर हुसैन (37) के साथ हुआ, जो बाइक चलाते हुए मांझे की चपेट में आए तो गला कट गया। इलाज के बाद उन्हें छुट्टी मिल गई है। तीसरा मामला गीता कॉलोनी का है। मंडे दोपहर चौहान बांगर निवासी रजा (24) नोएडा से घर लौट रहे थे। वह गीता कॉलोनी पुश्ता रोड पर गले पर मांझा आ गया, जिससे गर्दन काफी गहरी कट गई। पुलिस अस्पताल ले गई, जहां से एलएनजेपी रेफर कर दिया गया।

मांझों में उलझकर 100 से अधिक पक्षी हुए जख्मी
पतंगों के मांझों में उलझकर 100 से अधिक पक्षी राजधानी में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जख्मी हो गए हैं। यह आंकड़ा महज शाम पांच बजे तक का है। पक्षियों का इलाज कर रहे विभिन्न अस्पतालों के अनुसार, यह संख्या आने वाले दो से तीन दिनों में काफी अधिक बढ़ सकती है। इसकी वजह यह है कि पतंगें शाम के समय अधिक उड़ती हैं। वही मांझा कई दिनों तक पेड़, बिजली की तारों, बिल्डिगों आदि में फंसा रहता है। ये मांझे पक्षियों को कई दिन तक जख्मी करते रहते हैं।

चांदनी चौक स्थित जैन चैरिटेबल बर्ड अस्पताल के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर करीब 80 पक्षी उनके यहां मांझों की वजह से जख्मी होकर पहुंच चुके हैं। यह संख्या अगले दो दिनों तक काफी अधिक रहेगी। इसके बाद भी एक हफ्ते तक पक्षी आते रहेंगे। मांझों की वजह से घायल होकर आए पक्षियों में कइयों के पंख बुरी तरह कट गए हैं। वहीं, कुछ की जान को भी खतरा है। सुबह से शाम तक पक्षियों की सर्जरी की जा रही है। वहीं, वाइल्ड लाइफ एसओएस ने भी दोपहर तक मांझों में फंसे करीब 20 पक्षियों को बचाकर उनका इलाज शुरू किया है।

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